ऐसा दौर हर किसी के जीवन में आता है जब व्यक्ति किसी-न-किसी वजह से हताश और निराश हो जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के अंदर धीरे-धीरे नकारात्मकता छाने लग जाती है और कई बार वह ऐसे कदम भी उठा लेता है जिससे भविष्य और भी धूमिल हो जाता है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो कैसे आप इस हताशा और निराशा से मुक्ति पा सकते हैं। कैसे? इसके बारे में हम आज आपको विस्तार से बाताएंगे।
इंसान का मन कभी एक स्थान पर नहीं रहता। मन को नियंत्रित करना बहुत ही कठिन कार्य है। मन कभी अच्छी कल्पानाओं में खोया रहता है तो कभी बुरी। ऐसी स्थिति इंसान के जीवन में बहुत कम आती है जब मन शांत हो जाए और अच्छाई बुराई से ऊपर उठ जाए। हमारी निराशा औऱ हताशा का बहुत बड़ा कारण मन ही है। भले ही हमारे पास सब कुछ हो लेकिन आपके मन के मुताबिक चीजें न हो रहीं हों तो आप हताश हो जाते हैं। हमारे धर्म-ग्रंथों में कहा गया है कि मन के घोड़ों पर जब तक लगाम नहीं लगाई जाती तब तक जीवन सही दिशा में नहीं जाता। इसलिए इसपर लगाम लगाना बहुत आवश्यक हो जाता है।
इसलिए यदि व्यक्ति मन को नियंत्रित कर ले तो नकारात्मकता खुद-ब-खुद दूर होने लगती है। तब ऐसी स्थिति आती है कि आपको न खुशी से अत्यधिक प्रसन्नता होती है न दुख से ज्यादा उदासी। मन के नियंत्रित होते ही आपको जीवन की वास्तविकता का पता चल जाता है। ऐसे में सवाल यह है कि मन को नियंत्रित किया कैसे जाए और हताशा और निराशा से मुक्ति कैसे पायी जाए। ऐसे में हम आज आपको बताएंगे वह काम जिससे आपका मन आपके नियंत्रण में आएगा और निराशा भी दूर हो जाएगी।
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिये आप मन को शांत कर सकते हैं। मन के शांत होते ही नकारात्मक विचार भी दूर हो जाते हैं। लेकिन इसे पहले दिन करके ही आपको फायदा मिल जाएगा ऐसा न सोचें प्रतिदिन कुछ समय ध्यान के लिए निकालें। इसकी शरुआत अपनी सांसों पर ध्यान लगाने से करें।
आज कल के दौर में नकारात्मकता का एक बड़ा कारण है रात को देर तक जागना और फिर सुबह देर तक सोए रहना। यदि अपनी नकारात्मकता को दूर करना चाहते हैं तो सुबह जल्दी उठने की आदत डालें।
यह एक ऐसा गुण है जो हर किसी को पॉजेटिव कर देता है। जब भी आप किसी की मदद करते हैं तो आत्मिक रूप से आपको खुशी मिलती है जो आपके अंदर की बुरी शक्तियों को दूर करने में बहुत कारगर साबित होती है।
पुस्तक पढ़ना अच्छी आदत है, पुस्तकें सबसे अच्छी मित्र होती हैं। प्रेरणादायक पुस्तकों को पढ़कर आप अपने जीवन को सुधारे के लिए काफी कुछ सीख सकते हैं। इसलिए प्रतिदिन किसी पुस्तक का कुछ पन्ने आपको अवश्य पढ़ने चाहिए।
दिन के कुछ घंटों तक मौन रहने का प्रयास करें। ऐसा करके आपके अंदर के नकारात्मक विचार खुद खत्म होने लग जाएंगे और आपको शांति का अनुभव भी होगा।
कई बार हम वर्तमान परिस्थितियों को कोसते हैं और अतीत या भविष्य की योजनाएं बनाने लगते हैं। ऐसा करना भी आपके अंदर नकारात्मकता लाता है। यदि वर्तमान में बुरे दौर से गुजर रहे हैं तो उनका समाधान खोजिए, उनसे मुंह चुराकर अतीत और भविष्य की ओर मत जाईये।
वैज्ञानिक भी इस बात को भी मानते हैं कि अच्छा संगीत आपके अंदर अच्छी ऊर्जा प्रवाहित करता है। इसलिए खुद को रिलेक्स करने के लिए अच्छे संगीत का सहारा लेना भी आपके लिए लाभदायक साबित होगा।
दौड़ती भागती दुनिया में इंसान आज खुद के लिए समय नहीं निकाल पाता, यह भी आपकी नकारात्मकता की एक वजह है। इसलिए हफ्ते में कुछ पल अपने लिए निकालें और वह काम करें जो आपको पसंद है।
बच्चे भी आपके जीवन में प्रेरणा का स्रोत हो सकते हैं। छोटे बच्चों के मन में किसी भी तरह की हलचल नहीं होती इसलिए उनके नजदीक जाकर ही हम खुद को पॉजेटिव पाते हैं। यदि आप भी निराशा के दौर से गुजर रहे हैं तो बच्चों के साथ समय बिताना आपके लिए काफी अच्छा हो सकता है।
डायरी लेखन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत अच्छा माना गया है। आपने दिनभर में क्या किया, क्या चीजें आपको अच्छी लगी, किन बातों में सुधार की आवश्यकता है इन बातों को यदि हम प्रतिदिन डायरी में नोट करें तो धीरे-धीरे सकारात्मक परिवर्तन आने शुरु हो जाते हैं।
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