इस वर्ष होलाष्टक की अवधी मंगलवार ३ मार्च से सोमवार ९ मार्च तक है। पौराणिक शास्त्रों में फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक की अवधि को होलाष्टक कहा गया है। होलाष्टक के दिन होलिका दहन के लिए 2 डंडे स्थापित किए जाते हैं। जिनमें एक को होलिका तथा दूसरे को प्रह्लाद माना जाता है। जिस गावँ, प्रान्त अथवा शहर में यह डंडे इकट्ठे किये जाते हैं वहां होलिका दहन से आठ दिन पूर्व कोइ भी अच्छे कार्य नहीं किये जाते। आठ दिनों की इसी समयावधि को होलाष्टक के नाम से जाना जाता है।
सूर्योदय– ०३ मार्च, २०२० को सुबह ६:५० बजे
सूर्यास्त– ०३ मार्च, २०२० ६:२७ बजे
अष्टमी तिथि आरम्भ– ०२ मार्च, २०२० १२:५३ बजे
अष्टमी तिथि अंत– ०३ मार्च, २०२० १:५० बजे
सनातन धर्म के अनुसार होलिकादहन को दाहकर्म और मृत्यु का सूचक मन गया है। होलाष्ट इस वर्ष 3 मार्च से प्रारम्भ होकर 9 मार्च रात्रि तक रहेंगे। इसलिए इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, नवीन वस्त्र खरीदना, आभूषण आदि खरीदना सही नहीं माना गया है। इस अशुभ आठ दिनों में व्यक्ति कई तरह के तनाव का सामना कर सकते हैं। हालांकि, कुछ उपायों द्वारा स्थिति पर नियंत्रण किया जा सकता है।
होलिका दहन के दिन राशियों के अनुसार करने वाले उपाए निम्नलिखित हैं जिनसे आएगी जीवन में सुख समृद्धि आएगी:-
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में गुड़, कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए। यह एक बेहतर उपाय है
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में 50 ग्राम चीनी , कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में सूखा धनिया, कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में बताशे, कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में 50 ग्राम सुखी बेलगिरी, कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में 7 इलायची , कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में 50 ग्राम सफ़ेद शक्कर, कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में 50 गर्म लोबान, कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में 50 ग्राम पीली सरसों, कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में 50 ग्राम जटामासी, कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में 50 ग्राम गूगल, कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
आपको होलिका दहन के समय अग्नि में 50 ग्राम घी , कपूर और गाय का गोबर डालना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए।
उपाए करने का शुभ समय सूर्यास्त से सवा घंटे के भीतर है।
होलाष्टक के बारे में अधिक जानकारी और उपाय प्राप्त करने के लिए ज्योतिषी अभिषेक अवस्थी से परामर्श करें
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