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मंदिर के मुख्य द्वार पर क्यों होती है घंटी? मंदिर में घंटी बजाने का महत्व?

हमारे ऋषि-मुनियों ने प्राचीन काल से ही धर्म को विज्ञान के साथ जोड़कर देखा है। अगर हम आज भी धार्मिक क्रियाकलापों पर गौर करें तो इनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी हमको देखने को मिल जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि मंदिरों के मुख्य द्वार पर घंटी क्यों लगाई जाती है। धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मंदिर में घंटी लगाने का क्या लाभ है।

प्राचीन काल से प्रचलन में है घंटी बजाना

हमारे प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पूजा से पहले घंटी बजाकर भगवान को जागृत किया जाता है। इसी तरह जब हम किसी भी मंदिर में प्रवेश करते हैं तो प्रवेश द्वार पर लगी घंटी को बजाकर भगवान को जागृत करते हैं। भगवान के जागृत होने से उनका आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है इसके साथ ही वह भक्त से प्रसन्न भी होते हैं।

मुख्यतः घंटियां चार प्रकार की होती हैं गरुड़ घंटी जो कि छोटे आकार की होती है और अक्सर घर के पूजा स्थल में पाई जाती है। द्वार घंटी किसी भी आकार की हो सकती है। घंटा, यह ज्यादातर मंदिरों के मुख्य द्वार पर होता है। यह माना जाता है कि घंटी बजाने से आसपास की नकारात्मकता भी दूर होती है और वातावरण शुद्ध बना रहता है।

धार्मिक दृष्टिकोण

जिस तरह हम अपने दफ्तर या स्कूल आदि जाते ही सबसे पहले वहां अपनी हाजिरी देते हैं। ठीक उसी प्रकार हम घंटी बजाकर भगवान के दर पर हाजिरी लगाते हैं। मंदिर के द्वार पर घंटी लगाकर बजाकर जब हम वहां प्रवेश करते हैं तो भगवान हमारी उपस्थिति को दर्ज करते हैं और हमारी मनोकामना को पूर्ण करते हैं।

यदि आप गरुड़ घंटी लेकर पूजा करते हैं और लगातार घंटे की ध्वनि भी आपको सुनाई देती है तो आपका ध्यान प्रबल होता है और ईश्वर के चरणों में आप खुद को समर्पित पाते हैं इससे ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं और वह हमें मनोवांछित फलों की प्राप्ति करवाते हैं। घंटे की ध्वनि से आपका मस्तिष्क भी सक्रिय होता है।

सृष्टि की शुरुआत का नाद

ऐसा माना जाता है कि जब यह सृष्टि शुरू हुई थी तो सबसे पहले एक ध्वनि हुई थी। यही ध्वनि या नाद आज भी आकाश मंडल में विराजमान है और इसकी शक्ति का अनुभव करने के लिए ही हम पूजा करते समय घंटी बजाते हैं और घंटी की ध्वनि से उस परमात्मा से एक होने की कामना करते हैं जो सभी दिशाओं में और हर वस्तु में विराजमान है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

घंटी बजाकर जो ध्वनि उत्पन्न होती है उससे आसपास के वातावरण में फैले विषाणु और सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है। यह शुद्धता व्यक्ति को नई ऊर्जा देती है और नया उत्साह देती है।

हमारे इस लेख को पढ़कर अब आप जान गए होंगे की घंटी बजाने का क्या महत्व है और क्यों मंदिर के मुख्य द्वार पर घंटी लगाई जाती है। यह वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टिकोणों से अति शुभ है। इसलिए आपको अपने पूजा स्थल पर भी एक गरुड़ घंटी अवश्य रखनी चाहिए और पूजा से पहले भगवान को जागृत करने के लिए घंटी बजानी चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार भी घर में घंटी का होना आवश्यक माना गया है। इसे बजाने से घर में फैली नकारात्मकता दूर हो जाती है परिवार के लोगों के बीच सामंजस्य बैठता है और वह एक दूसरे से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। इसके साथ ही घंटी की आवाज से घर के माहौल में सात्विकता भी आती है।

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