पैर में काला धागा बांधने की परंपरा काफी पुरानी है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार काला धागा पैर में पहनने का महत्व मनुष्य के जीवन में बहुत अधिक है। आज भी जब किसी के घर में कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसके पैर में काला धागा बांधने का रिवाज है। लोगों की ऐसी मान्यता है कि इसको पहनने से बच्चे को बुरी नज़र से बचाया जा सकता है।
परंतु कुछ लोग ऐसे भी हैं जो फैशन के तौर पर इसको पहनते हैं। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो किसी दूसरे व्यक्ति के कहने पर इसको पहन लेते हैं। इस के पहनने के बहुत सारे फ़ायदे हैं। लेकिन धारण करते समय कुछ सावधानियां भी बरतनी आवश्यक हैं ताकि इसका प्रभाव अच्छा पड़े।
अगर किसी के पेट में बहुत अधिक दर्द रहता हो तो ऐसे में उसे काला धागा लेकर अपने दोनों पैरों के अंगूठे में बांधना चाहिए। जब नाभि अपने स्थान से हट जाती है तो उसके कारण पेट दर्द होने लगता है और यदि उसका उपचार न किया जाए तो यह दर्द हमेशा बना रहता है। जब पैर में काला धागा बांधा जाता है तो ऐसा करने से तुरंत पेट दर्द में राहत मिलती है।
यदि किसी इंसान के घर में पैसे की बहुत अधिक परेशानी रहती है तो मंगलवार के दिन दाएं पैर में काला धागा बांधा जाए तो उसकी सभी धन संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं। घर में पैसे की कमी फिर नहीं रहती तथा खुशहाली और संपन्नता आती है।
कभी-कभी हमारे पैर में चोट लगने के बाद ठीक होने का नाम नहीं लेती। इसके कारण हमें बहुत ज़्यादा तकलीफ़ का सामना करना पड़ता है। तो ऐसे में अगर यह छोटा सा काला धागा अपने पैरों में पहन लिया जाए तो चोट जल्दी ठीक होने लगती है। कई बार अत्यधिक काम या चलने के कारण पैरों में दर्द होने लगता है तो ऐसी अवस्था में भी काला धागा पहनने से पैरों के दर्द में फ़ौरन ही राहत मिलती है।
इस धागे को बुरी नज़र से बचाने के लिए भी हाथ, पैर, गले आदि में पहना जाता है। इसके अंदर सारी नकारात्मक ऊर्जा को अपने भीतर सोखने की क्षमता होती है जिससे किसी की बुरी नज़र का प्रभाव व्यक्ति पर नहीं पड़ता। यदि आप चाहते हैं कि आप दूसरे लोगों की बुरी नज़र से बचे रहें तो इस धागे को आप पहन कर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
काला रंग ऊष्मा को अवशोषित करने की शक्ति रखता है इसलिए यह बुरी हवाओं से बचाने के लिए एक तरह से कवच का काम करता है।
इसी प्रकार शनि दोष के नकारात्मक प्रभाव से भी यह धागा मनुष्य की रक्षा करता है। विशेषकर जब इसको पूरी श्रद्धा के साथ पैर में बांधा जाता है तो मनुष्य के जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाती है।
• इस धागे को हमेशा 9 गांठ बांधने के बाद ही पहनना चाहिए।
•जिस हाथ या पैर में काला धागा बांधा हुआ हो, उसमें किसी दूसरे रंग का धागा न बांधे।
•इसे शुभ मुहूर्त देखकर ही बांधना चाहिए। यदि आपको शुभ मुहूर्त का पता नहीं चल पा रहा है, तो इसके लिए किसी पंडित से संपर्क करें।
•बांधने से पहले मंत्र के द्वारा इसे सक्रिय करें । क्योंकि सक्रिय होने के बाद ही यह लाभ पहुंचाता है।
•काला रंग शनि ग्रह के अंतर्गत आता है। इसलिए अपनी कुंडली के ग्रह की दशा या उनके दोष के निवारण के समय में ही ग्रहण करना चाहिए।
•पहनने के बाद हर दिन गायत्री मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से इसका प्रभाव बढ़ेगा। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि जब भी आप गायत्री मंत्र पढ़े तो एक निश्चित समय बना लें। उसी समय हर दिन इस मंत्र का जाप करें।
•काले धागे को नींबू के साथ अपने घर के दरवाज़े पर बांध सकते हैं। इस प्रकार से घर में नकारात्मक चीजें प्रवेश नहीं करती।
•जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। उनके शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताक़त देता है।
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