तुलसी को भारत में सबसे पवित्र माना गया है और यहाँ तक की तुलसी के नाम पर पुजा, व्रत और तुलसी की शादी भी की जाती है। यह पौधा लगभग सभी के घरो मे पाया जाता है पवित्र होने के साथ-साथ इसका सेवन करना भी बहुत लाभदायक है। यह कई प्रकार की बीमारियो को दूर करने मे बहुत ही उपयोगी साबित होती है। और विज्ञान ने भी तुलसी को मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद बताया है। तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना महत्व है। यही नहीं यह अस्थमा, सर्दी, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद है।
इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण हैं जिसका उपयोग गठिया के उपचार के लिए भी किया जाता है। अब इतने फायदे हैं तो कुछ नुक्सान भी होंगें। जी हाँ तुलसी जहाँ फायदे देती है वही नुक्सान भी हैं। तुलसी का अत्यधिक सेवन करना किस तरह नुक्सानदाक हो सकता है इसके बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार जो लोग एसिटामिनोफेन की दवा खा रहें हैं जो शरीर में ग्लूटाथियोन का स्तर को कम करती हैं। उनके लिए रोज़ तुलसी खाना नुकसानदेह हो सकता है। क्योंकि एसिटामिनोफेन दर्द की दवा है और यही काम तुलसी भी करती है। तो अगर दोनों साथ में खायी जाएँ तो इससे लिवर को नुकसान हो सकता है।
गर्भवती महिला को इसके सेवन से बचना चाहिए क्योकि इससे गर्भाशय सिकुड़ जाता है जिससे माँ और बच्चे दोनों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। जिससे गर्भपात भी हो सकता है। इसके साथ यह महिलाओं में मासिक चक्र पर भी असर डाल सकती है जैसे पीठ में दर्द, और ऐठन। इसके साथ डाइअरीअ भी हो सकता है।
अगर आप एसिटामिनोफेन की दवाएं ले रहे हैं तो तुलसी ना खाएं क्योंकि इससे आपकी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। इसलिए यह बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से सलाह ले लें।
तुलसी खाने से खून पतला होता है इसीलिए कुछ दवा के साथ इसका सेवन नही करना चाहिए। जिससे चोट लगने पर खून न रुकना और शरीर पर नील के निशान होना जैसी समस्या हो सकती है। साथ ही अगर आप पहले से खून को पतला करने की कोई दवा खा रहें हैं तो यह काफी नुकसान कर सकती है।
इसके सेवन से प्रजनन शक्ति कमज़ोर हो जाती है तो इसका ज्यादा इस्तेमाल नही करना चाहिए। एक अध्ययन में ऐसा पता चला है कि इसे खाने से पुरुषों में प्रजनन क्षमता में कमी देखी गयी है। हालांकि यह एक अस्थायी प्रभाव है जिससे पुरुषों में शुक्राणु की संख्या कम हो जाती है। इसीलिए पुरुषों को ज्यादा तुलसी खाने से बचना चाहिए।
आम तौर पर लोग तुलसी तब खाते हैं जब उन्हें अपना ब्लड शुगर लेवल कम रखना होता है। इसीलिए इसे खाते वक़्त सावधानी रखनी चाहिए, क्योंकि अगर वह व्यक्ति पहले से मधुमेह या ब्लड शुगर लेवल कम रखने की दवा खा रहा है तो यह उसके लिए नुक्सान होगा। क्योंकि तुलसी भी उसी दवा की तरह काम करती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि इसे खाने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर लें।
जिन लोगों की अभी सर्जरी हुई हैं उन्हें तुलसी का सेवन करने से बचना चाहिए। तुलसी में खून को पतला करने के गुण होते हैं इसीलिए जख़्म जल्दी ठीक नहीं होगा।
तुलसी में मुख्य तत्व युजनोल है। यूजेनॉल एक हेपेटाोटोक्सिक है जिसका मतलब है जो लिवर को नुक्सान पहुँचा सकता है। इसके ज्यादा खाने से श्वास लेने में दिक्कत, खांसी के दौरान खून, मूत्र में खून, मतली, गले और मुंह में जलन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।
तुलसी में मौजूद एस्ट्रैगोल हानिकारक तत्व माना जाता है। और जब हम इसे ज्यादा मात्रा में खाते हैं तो यह ज्यादा नुक्सान करती है। यही नहीं इससे कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। कैंसर कुछ मामलों में ठीक की जा सकती है इसीलिए तुलसी को ध्यान से खाना चाहिए।
तुलसी का पौधा उन जगहों पर आसानी से निकलता है जहाँ क्रोमियम का स्तर ज्यादा होता है। इसके परिणामस्वरूप क्रोमियम की वजह से तुलसी के पत्ते जेहरीले होते हैं। क्रोमियम शरीर में लिवर और किडनी को ज्यादा नुक्सान पहुँचता है। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि आप आर्गेनिक तुलसी खाएं।
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