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वास्तुशास्त्र के अनुसार-कैसा हो घर का मुख्य द्वार?

वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य-द्वार का बहुत महत्व दिया जाता है। कहा जाता है अगर घर के मुख्य द्वार में वास्तु दोष हों तो घर में मानसिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं जिस घर का दरवाजा वास्तु दोष रहित हो उनके घर में सुख-समृद्धि, रिद्धि-सिद्धि रहती है। घर में सभी सदस्य सुखी रहते हैं और सभी के बीच ताल-मेल बना रहता है।

कहा जाता है घर में किसी भी समस्या का प्रवेश मेन मुख्य द्वार से ही होता है इसलिए वास्तु में मुख्य द्वार का बहुत महत्व है। वास्तु में घर के मेन गेट को गृहमुख कहा जाता है। इसलिए मेन गेट संबंधी कोई वास्तु दोष नहीं होना चाहिए।

घर का मुख्य दरवाजा कैसा होना चाहिए

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे के सामने कभी भी किसी खंभे या पेड़ की छाया नहीं पड़नी चाहिए।
  • घर का मुख्य द्वार कभी भी मकान के मध्य में नहीं होना चाहिए वस्तु में इसे अशुभ माना गया है।
  • घर के मुख्य दरवाजे से ही हमेशा सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इसलिए हमेशा मुख्य द्वार स्वच्छ होना चाहिए। इसके अलावा शाम के वक्त कभी भी अंधेरा नहीं होना चाहिए।
  • कई लोगों की आदत होती है कि घर के मुख्य दरवाजे के सामने ही जूते-चप्पल रखने की जगह बना देते हैं। इससे भी घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश आसानी से होता है। इसलिए घर से ऐसी चीजों को तुरंत हटा दें।
  • वास्तु के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा खुलते समय सामने सीढ़ी नहीं होनी चाहिए। साथ ही मुख्य दरवाजा हमेशा अंदर की तरफ खुलना चाहिए।
  • घर के मुख्य प्रवेश द्वार का दरवाजा घर के अन्य दरवाजों की अपेक्षा आकार में बड़ा होना चाहिए। इससे घर में भरपूर मात्रा में रोशनी का प्रवेश हो सके।
  • घर के मुख्य द्वार पर अपनी धार्मिक मान्यतानुसार कोई भी मांगलिक चिन्ह (स्वस्तिक, ॐ, कलश, क्रॉस आदि) लगाएं।
  • मुख्य दरवाजा दो फाटक वाला होना चाहिए।
  • घर का मुख्य दरवाजा खोलने पर उसके पुर्जों में जंग या किसी अन्य वजह से चरमराहट जैसी कोई आवाज नहीं होना चाहिए।

घर के प्रवेश द्वार पर देहरी होना चाहिए।

  • मुख्य दरवाजा खोलने पर उसका आवाज करना घातक होता है। यह जीवन में अचानक आनेवाली परेशानियों का संकेत भी है।
  • यदि हम घर के मुख्य दरवाजे के अन्य दरवाजों से आकार में बड़ा होने की बात करें तो इसका मतलब है कि घर में अधिक से अधिक रोशनी का प्रवेश होना है, जिसे घर में अंधेरेपन को दूर करने व स्वास्थ्य के हिसाब से बेहतर माना जाता है।
  • घर के सामने किसी ओर के घर का मुख्य दरवाजा होना वास्तु के हिसाब से सही नहीं माना गया है।
  • आपके घर का मुख्य प्रवेश द्वार ऐसा होना चाहिए कि उसके ठीक सामने किसी अन्य घर का प्रवेश द्वार न हो।
  • घर के मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक पास अंडरग्राउंड टैंक नहीं होना चाहिए।
  • वास्तु के अनुसार घर के भीतर व बाहरी प्रवेश द्वार पर गंदगी या कूड़ा-कर्कट नहीं होना चाहिए। इससे भवन में नकारात्मक ऊर्जा के रूप में बीमारियों का वास होता है।
  • दरवाजे के ठीक पास अंडरग्राउंड ट्रैंक का होना वास्तु की दृष्टि से शुभ नहीं माना गया है। अत: इस प्रकार का भवन बनाने से बचना चाहिए।

वास्तु के सरल उपाय

(1)घर के मुख्य द्वार पर लाल रंग का फीता बांधने से भी घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती।

(2)घर पर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का निशान बनाएं और दीवार पर पादुका दर्पण स्थापित करें।

(3)घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए विंड चाइम लगाएं।

अगर आप अपने घर के मुख्य द्वार के विषय में उपरोक्त सभी बातों का ध्यान रखेंगे और पालन करेंगे तो आपके घर अवश्य ही लक्ष्मी, समृद्धि, सुख-शांति और वैभव आएंगे।

यह भी पढ़ें- हिंदू सभ्यता में कोरोना से बचाव के साधन

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