पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के पुरुष बहुत बुद्धिमान और सहज ज्ञान युक्त होते हैं। ये खुद के बहादुर और साहसी होने का दावा करते हैं। लेकिन हर जगह अपने साहस का परिचय नहीं देते है। जब जरूरत होती है तो अपने कदम पीछे नहीं हटते हैं। इनकी जिंदगी में कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब इन्हें अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता। ये आसानी से अन्य लोगों के अनुनय से प्रभावित हो जाते हैं और उन चीजों को करने के लिए सहमत होते हैं जो बाद में उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही नहीं, ये लोग अच्छे निर्णय नहीं ले पाते हैं। इस नक्षत्र के पुरुष बातचीत के धनि होते हैं और आमतौर पर बहस के दौरान अपनी कला का बखूबी उपयोग करते हैंइसलिए इनके खिलाफ किसी भी लड़ाई को जीतना मुश्किल होता है।
इस नक्षत्र के पुरुष बुद्धिमान और चतुर होते हैं। ये लोग आसानी से डॉक्टर या सर्जन भी बन सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ये किसी अन्य क्षेत्र में नहीं जा सकते। वास्तव में, ये अपने द्वारा चुने गए किसी भी पेशे में सफल सकते हैं और इनके लिए जो उपयुक्त है, उन्हें वही मिल जाता है। हालांकि व्यवसायी बनने चाहते हैं तो इन्हें सावधान रहना चाहिए क्योंकि इस क्षेत्र में ये लोग तभी आगे बढ़ सकते हैं जब इनके आस-पास मौजूद लोग भरोसेमेंद होते हैं। इन लोगों की मनोगत अध्ययन में भी रुचि होगी। 32 वर्ष की आयु से पहले और उसके आसपास, इन्हें अपने करियर में स्थिरता बनाए रखना मुश्किल होगा, लेकिन जैसे-जैसे ये 50 वर्ष की आयु तक पहुंचेंगे, इनकी जिंदगी में स्थिरता आने लगेगी।
जब इन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पुरुषों की अपने माता-पिता के साथ अच्छे रिश्ते नहीं होते हैं। लेकिन इनके अपने भाइयों-बहनों के साथ अच्छे संबंध होते हैं। इसके अलावा संभावना इस बात की है कि ये लोग अपनी जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा विदेशों में बिताएंगे। हालांकि इनके दोस्तों की तुलना में इनकी शादी काफी देर से होगी। इनका वैवाहिक जीवन साामन्य रहेगा। थोड़ी-बहुत उठापट के साथ इनका दापंत्य जीवन खुशहाल और स्वस्थ रहेगा। अपने माता-पिता के विपरीत, इन लोगों का अपने सास-ससुर के साथ बहुत करीबी रिश्ता होगा। जब उनके बच्चों की बात आती है तो ये भी भाग्यशाली होंगे क्योंकि उनके बच्चे बुद्धिमान होंगे और परिवार के लिए नाम कमाएंगे।
इन पुरुषों का स्वास्थ्य आमतौर पर इनके जीवन के शुरुआती दौर में अच्छा रहेगा, हालांकि इन्हें हमेशा लगता है कि जितना अच्छा सब कुछ दिख रहा है, उतनी अच्छी उनकी जिंदगी नहीं है। इनकी यही बात इन्हें अंदर ही अंदर खलती रहती है। उनका स्वास्थ्य भी एम समय बाद इनका साथ छोड़ देगा। इन्हें अपनी बढ़ती उम्र में ऐसी बीमारी हो सकती है, जो ठीक हो सकेगी। बीमार होने के बावजूद इनकी जीवनशैली सामान्य रहेगी और न ही इनके काम के प्रदर्शन में कोई कमी आएगी।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र महिला का वर्णन करने के लिए महत्वाकांक्षी सही शब्द है क्योंकि ये अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सब कुछ करती हैं। ये अत्यधिक बुद्धिमान और जानकार होती हैं। पूरी नैतिकता के साथ काम करना पसंद करती हैं। कार्यास्थल पर इनका प्रदर्शन अच्छा रहता है। काम के अच्छे परिणाम प्राप्त करने की चाह में हमेशा ऊर्जावान बनी रहती हैं। इस प्रकृति के कारण, ये अपनी कंपनी में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से एक होंगी। व्यक्तित्व के संदर्भ में, ये महिलाएं काफी बेबाक और मुखर होती हैं। इस नक्षत्र की महिलाएं बहुत आसानी से दोस्त बना लेती हैं। लेकिन कभी-कभी ये अपनी सीमा भूल जाती हैं और अंजाने में दूसरों को नुकसान पहुंचा बैठती हैं। इन महिलाओं में खोखले वादे करने और उन्हें पूरा नहीं करने की प्रवृत्ति भी होती है। कुल मिलाकर आप कह सकते हैं कि इस नक्षत्र की महिलाएं बहुत सहज होती हैं और कठिन परिस्थितियों में समाधान निकाल सकती हैं।
अपने अच्छे स्वभाव के कारण, इस नक्षत्र की महिलाएं बहुत अच्छी शिक्षा प्राप्त करना चाहेंगी और उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां दूसरों की तुलना में बेहतर होंगी। चूंकि ये सीखना और ज्ञान हासिल करना पसंद करती हैं, इसलिए शिक्षक या कॉलेज के प्रोफेसर होने जैसे पेशे इनके लिए सबसे उपयुक्त होंगे। ये अपने प्रतिस्पर्धी स्वभाव के कारण बैंकर भी बन सकती हैं और इसमें अच्छा प्रदर्शन भी करेंगी। कम उम्र में ही ये महिलाएं प्रकृति के साथ आध्यात्मिक संबंध बनाना चाहेंगी और खुद के अनुरूप हो जाएंगी।
इस नक्षत्र की महिलाओं का वैवाहिक जीवन बहुत अच्छा होगा। पति के साथ इनके रिश्ते बहुत अच्छे होंगे। जैसे-जैसे वक्त बीतता जाएगा, इनका अपने पति के रिश्ते और गहरे होते जाएंगे। इनका पति भी इन्हें बहुत प्यार करने वाला होगा और स्वभाव से मिलनसार होगा। लेकिन संभव है कि इनके बच्चे इन्हें ज्यादा फायदा न दें या उनकी उम्मीदों पर खरे न उतरें।
इस नक्षत्र की महिलाओं का स्वास्थ्य सामान्य रहेगा और कोई बड़ी जटिलता उन्हें परेशान नहीं कर सकती है। उन्हें अपने गर्भाशय या जांघों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है लेकिन ये समस्याएं छोटी और महत्वहीन होंगी।
इस नक्षत्र का पहला चरण सूर्य का प्रभुत्व है और यह सिंह नवांश में स्थित है। सिंह और सूर्य को देखते हुए, कोई यह मान सकता है कि इन लोगों को अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व होगा और ये अपने लिए एक लीडर बनना पसंद होगा।
बुध के प्रभुत्व वाले इस नक्षत्र का दूसरा चरण कन्या नवांश में होता है। यह मुख्य रूप से अपने व्यवसायों के लिए कड़ी मेहनत करने पर ध्यान देंगे और ये जातक आर्थिक रूप से सुरक्षित होंगे।
इस नक्षत्र के तीसरे चरण में शुक्र का प्रभुत्व है और यह तुला सूर्य राशि नवांश पर स्थित है। यहां ध्यान भौतिक सुख-सुविधाओं पर होगा। इस चरण के दौरान इस श्रेणी के लोग आरामदायक जीवन जिएंगे। इन्हें पहले की गई मेहनत का भी फल जल्द मिलेगा।
मंगल का प्रभुत्व बिच्छू नवांश में पड़ने से, इस श्रेणी के लोगों के व्यक्तित्व पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है क्योंकि उन्हें आत्मविश्वासी माना जाता है, और यह इनके बारे में एक रहस्यमय आकर्षण बात मानी जाती है। ये अलौकिक और मनोगत अध्ययनों में एक विशिष्ट रुचि विकसित करने वाले लोगों में से होते हैं।
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