ऐसा माना जाता है कि जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं। लेकिन किसी भी शादी को तय करने में ग्रह काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए उन सभी तत्वों को समझना बहुत जरूरी हो जाता है, जो विवाह को सफल बनाने में अहम हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार दोषों, दशाओं और गुणों को खोजने के लिए कुंडली का मिलान करना बेहद जरूरी है। विवाह में शामिल दो लोगों में कंपैटिबिलिटी का होना भी जरूरी होता है और इसका विश्लेषण कुंडली की सहायता से किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली मिलान करते समय कुछ दो भावी पति-पत्नी की कंपैटिबिलिटी के बारे में बहुत कुछ पता चल जाता है। एक ओर कुछ लोगों की कुंडली आपस में मिलती है, जिस वजह से उनकी शादी तय होती है और वे अच्छा-खुशहाल वैवाहिक जीवन जीते हैं। जबकि कुछ लोगों की कुंडली का मिलान नहीं होता है। ऐसे लोग अकसर एक-दूसरे के साथ शादी नहीं करते हैं। अगर शादी कर लेते हैं, तो इन्हें अपने वैवाहिक जीवन में इसके कई नकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं।
विवाह में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक लग्न मुहूर्त या विवाह मुहूर्त भी होता है। किसी से शादी करने से पहले शुभ विवाह मुहूर्त (vivah shubh muhurat 2023) जानना अति आवश्यक है, क्योंकि बिना विवाह मुहूर्त की जानकारी के कोई भी विवाह समारोह पूर्ण या शुभ नहीं माना जाता है।
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भारत में होने वाली शादियां पूरी दुनिया में अपनी संस्कृति, रीति-रिवाजों के जानी जाती है। असल में, भारतीय विवाह जिन परंपराओं और रीति-रिवाजों से बना है, उनका अस्तित्व गौरवशाली अतीत से जुड़ा है। विवाह को दो आत्माओं के बीच एक पवित्र बंधन माना जाता है, जो न केवल दो लोगों को एक साथ लाता है बल्कि उनके परिवारों को भी करीब लाता है। भारत में शादी समारोह शायद सबसे बड़े समारोहों में से एक है। इसमें न सिर्फ दूल्हा-दुल्हन का परिवार हिस्सा लेता है बल्कि बड़े पैमाने पर नाते-रिश्तेदार भी हिस्सा लेते हैं और दूल्हा-दुल्हन को अपना आशीर्वाद देते हैं। भारत में विवाह की तैयारी काफी जोरशोर की जाती है, जो किसी बड़े त्यौहार से कम नहीं लगती है।
विवाह समारोहों के लिए शुभ मुहूर्त की गणना के लिए कोई निर्धारित प्रक्रिया नहीं है। यहां तक कि हिंदू संतों में भी विवाह की शुभ तिथियों का चयन करते समय विचार करने वाले कुछ कारकों पर मतभेद था। पंचांग शुद्धि करने के बाद हिंदू विवाह तिथियों की गणना की जाती है। पंचांग शुद्धि न केवल विवाह की शुभ तिथियां प्रदान करती है, बल्कि विवाह को संपन्न करने के लिए भी शुभ समय बताती है। मुहूर्त चिंतामणि और धर्मसिंधु जैसे अन्य पवित्र साहित्य के अनुसार शुक्र और गुरु तारा अस्त होने पर विवाह समारोह नहीं करना चाहिए। शुक्र और गुरु तारा के अस्त या दहन के दिनों को समाप्त करने के बाद शुभ विवाह तिथियों के लिए पंचांग शुद्धि की जाती है। चंद्र मास के प्रत्येक दिन को पंचांग शुद्धि की जाती है।
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जब एक विवाह वर और वधू की जन्म कुंडली को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है, तो यह असल में एक सुखी और स्वस्थ विवाह के लिए आधार तैयार करता है। यदि विवाह मुहूर्त पंचांग को ध्यान में रखते हुए शुभ मुहूर्त पर होता है, तो यह उस जोड़े के लिए सकारात्मक परिणाम देता है, जो शादी के दौरान पवित्र वादे करते हुए विवाह करते हैं। हिंदू परंपरा के अनुसार शुभ विवाह तिथि पर विचार करना और शादी मुहूर्त के अनुसार विवाह करना, भावी दंपति के लिए लाभकारी होता है। यह एक सुखी वैवाहिक जीवन जीने और परिवार के स्वस्थ विस्तार में मदद करता है। आजकल लोग अक्सर अपनी सुविधा के अनुसार विवाह की तारीखें ज्योतिषी से परामर्श किए बिना विवाह लग्न जानने के लिए तय करते हैं और फिर जीवन में समस्याओं का सामना करते हैं। शुभ विवाह मुहूर्त में विवाह न होने के कारण पति-पत्नी के बीच लगातार झगड़े होते रहते हैं और जब परिस्थितियों को संभालना नामुमकिन सा लगने लगता है, तब वे एक-दूसरे को तलाक दे देते हैं।
विवाह मुहूर्त की गणना करते समय पंचांग और कुंडली महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ज्योतिषी नक्षत्र में चंद्रमा की स्थिति का विश्लेषण करने का प्रयास करते हैं, जिसमें मुहूर्त तय करते समय वर और वधू की कुंड़ली को देखना आवश्यक होता है। नक्षत्र में चंद्रमा के चरण में आने वाले अक्षर विवाह के लिए शुभ नक्षत्र का निर्णायक कारक बनते हैं। जन्म की तारीख से विवाह मुहूर्त तय करने के लिए ज्योतिष का पालन करने से उन समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है, जो भावी दंपति और परिवारों को बाद में झेलनी पड़ सकती हैं। इसलिए विवाह मूहुर्त कुंडली के आधार पर ही निकलवाना चाहिए।
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हिंदू विवाह अनुष्ठानों के अनुसार लोग सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए एक ऐसे चरण पर विचार करते हैं, जो नक्षत्र और ग्रह अनुकूल स्थिति में होते हैं। विवाह मुहूर्त तिथि, योग और चंद्रमा की स्थिति से जाना जा सकता है। पंडित जन्म कुंडली का उपयोग करके विवाह मुहूर्त चुनते हैं। विवाह मुहूर्त तय करने का यह एक और तरीका है, जहां आपकी कुंडली में सितारों और ग्रहों की जन्म स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
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विवाह मुहुर्त और तिथियां | विवाह का समय | नक्षत्र | तिथि |
---|---|---|---|
15 जनवरी 2023,रविवार | शाम 7 बजकर 12 मिनट से सुबह 7 बजकर 15 मिनट तक | स्वाती | नवमी |
18 जनवरी 2023, बुधवार | सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 23 मिनट तक | अनुराधा | एकादशी,द्वादशी |
25 जनवरी 2023, बुधवार | रात 8 बजकर 5 मिनट से सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक | उत्तरभाद्रपद | पञ्चमी |
26 जनवरी 2023, गुरुवार | सुबह 7 बजकर 12 मिनट से 27 जनवरी सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक | उत्तर भाद्रपद, रेवती | पञ्चमी, षष्ठी |
27 जनवरी 2023, शुक्रवार | सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शाम 12 बजकर 42 मिनट तक | रेवती | षष्ठी, सप्तमी |
30 जनवरी 2023, सोमवार | रात 10 बजकर 15 मिनट से सुबह 7 बजकर 10 मिनट तक | रोहिणी | दशमी |
विवाह मुहुर्त और तिथियां | विवाह का समय | नक्षत्र | तिथि |
---|---|---|---|
6 फरवरी 2023, सोमवार | रात 9 बजकर 44 मिनट से सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक | मघा | प्रतिपदा, द्वितीया |
7 फरवरी 2023, मंगलवार | सुबह 7 बजकर 6 मिनट से शाम 4 बजकर 3 मिनट तक | मघा | द्वितीया |
9 फरवरी 2023, गुरुवार | सुबह 7 बजकर 5 मिनट से 10 फरवरी सुबह 7 बजकर 4 मिनट तक | उत्तराफाल्गुनी, हस्त | चतुर्थी |
10 फरवरी 2023, शुक्रवार | सुबह 7 बजकर 4 मिनट से शाम 4 बजकर 45 मिनट तक | हस्त | पंचमी |
12 फरवरी 2023, रविवार | रात 9 बजकर 50 मिनट से सुबह 2 बजकर 27 मिनट तक | स्वाती | सप्तमी |
13 फरवरी 2023, सोमवार | सुबह 2 बजकर 36 मिनट से सुबह 7 बजकर 1 मिनट तक | अनुराधा | अष्टमी |
14 फरवरी 2023, मंगलवार | सुबह 7 बजकर 1 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक | अनुराधा | अष्टमी, नवमी |
16 फरवरी 2023, गुरुवार | सुबह 6 बजकर 59 मिनट से रात 10 बजकर 53 मिनट तक | मूल | एकादशी |
22 फरवरी 2023, बुधवार | सुबह 6 बजकर 54 मिनट से 23 फरवरी सुबह 6 बजकर 53 मिनट तक | उत्तर भाद्रपद,रेवती | तृतीया,चतुर्थी |
23 फरवरी 2023, गुरुवार | सुबह 6 बजकर 53 मिनट से दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक | रेवती | चतुर्थी |
27 फरवरी 2023, सोमवार | दोपहर 4 बजकर 12 मिनट से 28 फरवरी सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक | रोहिणी | अष्टमी, नवमी |
28 फरवरी 2023,मंगलवार | सुबह 6 बजकर 48 मिनट से 1 मार्च सुबह 6 बजकर 47 मिनट तक | मृगशिरा | नवमी, दशमी |
विवाह मुहुर्त और तिथियां | विवाह का समय | नक्षत्र | तिथि |
---|---|---|---|
6 मार्च 2023, सोमवार | सुबह 6 बजकर 41 मिनट से शाम 4 बजकर 17 मिनट तक | मघा | चतुर्दशी |
9 मार्च 2023, गुरुवार | रात नौ बजकर 8 मिनट से 10 मार्च सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक | हस्त | तृतीया |
11 मार्च 2023, शनिवार | सुबह 7 बजकर 11 मिनट से शाम 7 बजकर 52 मिनट तक | स्वाती | चतुर्थी |
13 मार्च 2023, सोमवार | सुबह 8 बजकर 21 मिनट से रात नौ बजकर 27 मिनट तक | अनुराधा | षष्ठी |
अप्रैल 2023 में विवाह करने के लिए कोई शुभ मूहुर्त उपलब्ध नहीं है।
विवाह मुहुर्त और तिथियां | विवाह का समय | नक्षत्र | तिथि |
---|---|---|---|
3 मई 2023, बुधवार | सुबह 5 बजकर 39 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक | हस्त | त्रयोदशी |
6 मई 2023, शनिवार | रात 9 बजकर 13 मिनट से 7 मई 5 बजकर 36 मिनट तक | अनुराधा | द्वितीया |
8 मई 2023, सोमवार | सुबह 12 बजकर 49 मिनट से सुबह 5 बजकर 35 मिनट तक | मूल | चतुर्थी |
9 मई 2023, मंगलवार | सुबह 5 बजकर 35 मिनट से शाम 5 बजकर 45 मिनट तक | मूल | चतुर्थी, पंचमी |
10 मई 2023, बुधवार | शाम 4 बजकर 12 मिनट से 11 मई सुबह 5 बजकर 33 मिनट तक | उत्तराषाढ़ा | षष्ठी |
11 मई 2023, गुरुवार | सुबह 5 बजकर 33 मिनट से सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक | उत्तराषाढ़ा | षष्ठी |
15 मई 2023, सोमवार | सुबह 9 बजकर 8 मिनट से 5 बजकर 30 मिनट तक | उत्तर भाद्रपद | एकादशी,द्वादशी |
16 मई 2023,मंगलवार | सुबह 5 बजकर 30 मिनट से 17 मई 1 बजकर 48 मिनट तक | उत्तर भाद्रपद, रेवती | द्वादशी, त्रयोदशी |
20 मई 2023, शनिवार | शाम 5 बजकर 18 मिनट से सुबह 5 बजकर 27 मिनट तक | रोहिणी | प्रतिपदा, द्वितीया |
21 मई 2023, रविवार | सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 22 मई सुबह 5 बजकर 27 मिनट | रोहिणी,मृगशिरा | द्वितीया, तृतीया |
22 मई 2023, सोमवार | सुबह 5 बजकर 27 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक | मृगशिरा | तृतीया |
29 मई 2023, सोमवार | सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 30 मई सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक | उत्तराफाल्गुनी | नवमी, दशमी |
30 मई 2023,मंगलवार | सुबह 5 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 55 मिनट तक | हस्त | दशमी, एकादशी |
विवाह मुहुर्त और तिथियां | विवाह का समय | नक्षत्र | तिथि |
---|---|---|---|
1 जून 2023, गुरुवार | सुबह 6 बजकर 48 मिनट से शाम 7 बजे तक | स्वाती | द्वादशी,त्रयोदशी |
3 जून 2023, शनिवार | सुबह 6 बजकर16 मिनट से सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक | अनुराधा | चतुर्दशी |
5 जून 2023, सोमवार | सुबह 8 बजकर 53 मिनट से 6 जून सुबह 1 बजकर 30 मिनट तक | मूल | द्वितीया |
6 जून 2023, मंगलवार | सुबह 12 बजकर 50 मिनट से 7 जून सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक | उत्तराषाढ़ा | चतुर्थी |
7 जून 2023, बुधवार | सुबह 5 बजकर 30 मिनट से रात 9 बजकर 2 मिनट तक | उत्तराषाढ़ा | चतुर्थी |
11 जून 2023, रविवार | दोपहर 2 बजकर 32 मिनट से 12 जून सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक | उत्तर भाद्रपद | नवमी |
12 जून 2023, सोमवार | सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 9 बजकर 58 मिनट तक | उत्तरभाद्रपद, रेवती | नवमी, दशमी |
23 जून 2023, शुक्रवार | सुबह 11 बजकर 3 मिनट से 24 जून सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक | मघा | पंचमी, षष्ठी |
26 जून 2023, सोमवार | दोपहर 1 बजकर 19 मिनट से सुबह 5 बजकर 25 मिनट तक | हस्त | अष्टमी, नवमी |
जुलाई 2023 में विवाह करने के लिए कोई शुभ मूहुर्त उपलब्ध नहीं है।
अगस्त 2023 में विवाह करने के लिए कोई शुभ मूहुर्त उपलब्ध नहीं है।
सितबंर 2023 में विवाह करने के लिए कोई शुभ मूहुर्त उपलब्ध नहीं है।
अक्टूबर 2023 में विवाह करने के लिए कोई शुभ मूहुर्त उपलब्ध नहीं है।
विवाह मुहुर्त और तिथियां | विवाह का समय | नक्षत्र | तिथि |
---|---|---|---|
23 नवंबर 2023, गुरुवार | रात 9 बजकर 1 मिनट से 24 नवंबर सुबह 6 बजकर 51 मिनट तक | रेवती | द्वादशी |
27 नवंबर 2023, सोमवार | दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक | रोहिणी | पूर्णिमा, प्रतिपदा |
28 नवंबर 2023, मंगलवार | सुबह 6 बजकर 54 मिनट से 29 नवंबर सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक | रोहिणी, मृगशिरा | प्रतिपदा,द्वितीया |
29 नवंबर 2023, बुधवार | सुबह 6 बजकर 54 मिनट से दोपहर 1 बजकर 59 मिनट तक | मृगशिरा | द्वितीया |
मुंडन मुहूर्त 2023: जानने के लिए यहां क्लिक करें
विवाह मुहुर्त और तिथियां | विवाह का समय | नक्षत्र | तिथि |
---|---|---|---|
6 दिसंबर 2023, बुधवार | सुबह 7 बजे से 7 दिसंबर सुबह 7 बजकर 1 मिनट तक | उत्तराफाल्गुनी | नवमी, दशमी |
7 दिसंबर 2023, गुरुवार | सुबह 7 बजकर 1 मिनट से दोपहर 4 बजकर 9 मिनट तक | हस्त | दशमी |
9 दिसंबर 2023, शनिवार | सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 11 बजकर 37 मिनट तक | स्वाती | द्वादशी |
15 दिसंबर 2023, शुक्रवार | सुबह 8 बजकर 10 मिनट से सुबह 16 दिसंबर 6 बजकर 24 मिनट तक | उत्तराषाढ़ा | तृतीया, चतुर्थी |
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हिंदू धर्म में विवाह काफी शुभ संस्कार माना जाता है, इसीलिए शुभ मुहूर्त के साथ-साथ शुभ तिथियां भी काफी महत्वपूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं विवाह के लिए कौन-सा दिन, योग, तिथि और करण शुभ माने जाते हैः
गृह प्रवेश मुहूर्त 2023: जानने के लिए यहां क्लिक करें
विवाह करना जातक के जीवन का पवित्र चरण माना जाता है। इस प्रकार आपके जीवन पर इसका प्रभाव न केवल बड़ा है, बल्कि तीव्र भी है और वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक कर्म संबंध विवाह के वैवाहिक बंधन से जुड़ा होता है। इसलिए साल 2023 में शुभ विवाह मुहूर्त (vivah muhurat 2023) का चयन करना भावी पति-पत्नी, उनके आगे के जीवन, परिवार और उनके साथ जुड़े सभी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 2023 में विवाह के लिए शुभ समय और तारीख कैसे विवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी-
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विवाह मुहूर्त 2023 के लिए शुभ नक्षत्र कौन से होते हैं?
रोहिणी, मृगशिरा, माघ, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूला, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, उत्तर भाद्रपद और रेवती विवाह के लिए शुभ नक्षत्र होते हैं।
क्या सितबंर 2023 विवाह के लिए शुभ माह है?
नहीं, क्योंकि इस माह में कोई भी शुभ मूहुर्त उपलब्ध नहीं है।
विवाह के लिए कौन से माह शुभ है?
साल 2023 में विवाह के लिए जनवरी, फरवरी, मार्च, मई, जून, नवम्बर, दिसबंर माह काफी शुभ हैं।
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