Durga Ashtami 2023: अपनी राशि के अनुसार दुर्गा अष्टमी 2023 पर कन्याओं को करें ये चीजें भेंट
हिंदू धर्म में दुर्गा अष्टमी को महा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, जो शरद नवरात्रि के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। यह नौ दिवसीय त्यौहार का आठवां दिन है, जिस दिन भक्त देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना और कन्या पूजन करते हैं। इस दिन, भक्त विशेष प्रार्थना करते हैं और देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान भी करते हैं। कई लोग व्रत रखते हैं और उनका आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाते हैं। इस दिन देवी दुर्गा की दिव्य शक्ति अपने चरम पर होती है। इसलिए वह अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं। जानिए दुर्गा अष्टमी 2023 पर आपको कन्याओं को क्या भेंट करना चाहिए।
दुर्गा अष्टमी 2023: कन्या पूजन की तिथि और शुभ मुहूर्त
शरद नवरात्रि 2023 के लिए अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर 2023 को 21:55:15 पर शुरू होगी और यह 22 अक्टूबर 2023 को 20:00:57 पर समाप्त होगी। आप इस अवधि के दौरान कन्या पूजन और अन्य अनुष्ठान भी कर सकते हैं।
इस तरह करें दुर्गा अष्टमी पर मां के दिव्य रूप का पूजन
शरद नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी पर पूजा अनुष्ठान करना बहुत शुभ माना जाता है। पूजा करने के लिए विधि इस प्रकार है:
अष्टमी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पूजा कक्ष को अच्छी तरह से साफ करें और उसे फूलों और रंगोली से सजाएं।
इसके बाद पूजा कक्ष में देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
भगवान की मूर्ति स्थापित करने के बाद मंत्र जाप करें और घंटी बजाकर देवी दुर्गा का आह्वान करके पूजा शुरू करें।
इसके बाद देवी को फूल, अगरबत्ती और दीया अर्पित करें।
फिर माता को प्रसाद का भोग लगाएं, जिसमें फल, मिठाई और देवी के अन्य पसंदीदा खाद्य पदार्थ शामिल हों। देवी दुर्गा प्रसन्न होने पर भक्तों को समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देती हैं।
इसके अलावा, कपूर जलाएं और देवी के सामने आरती करें। देवी की स्तुति में भजन गाएं।
आप दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते है, जिसमें देवी की स्तुति में 700 श्लोक हैं।
साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
कई भक्त दुर्गा अष्टमी पर कठोर उपवास रखते हैं और केवल फल और जल का सेवन करते हैं।
उपवास शरीर और मन को शुद्ध करने और देवी का आशीर्वाद पाने का एक तरीका है।
दुर्गा अष्टमी पर जरूरतमंदों को दान करने से देवी प्रसन्न होती हैं और समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान देती है। इस प्रकार जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करना शुभ माना जाता है।
दुर्गा अष्टमी पर छोटी कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप माना जाता है। ऐसे में कन्या पूजन करना बहुत ही शुभ होता है।
अंत में, कन्याओं के चरण धोकर उन्हें भोजन, वस्त्र और अन्य उपहार भेंट करें।
दुर्गा अष्टमी 2023 पर कन्या पूजन
कन्या पूजन, जिसे कुमारी पूजा या कंजक पूजन भी कहा जाता है, दुर्गा अष्टमी पर किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इस प्रकार, यह उन कन्याओं से आशीर्वाद लेने में मदद करता है, जो दिव्य शक्ति का अवतार हैं। कन्या पूजन करते समय आप अपनी राशि के आधार पर कन्याओं को यह चीजें भेंट कर सकते हैं:
मेष राशि: इस राशि के लोगों को कन्याओं को लाल वस्त्र, चूड़ियां और मिठाई भेंट करनी चाहिए।
वृषभ राशि: कन्याओं को पीले फूल, फल और चने की दाल अर्पित करें।
मिथुन राशि: मां का अवतार मानी जाने वाली कन्याओं को सफेद मिठाई जैसे रसगुल्ला या मिठाई भेंट करें और पेंसिल या किताबें जैसे उपहार दें।
कर्क राशि: कन्याओं को दूध, मिठाई और केले का भोग लगाएं।
सिंह राशि: कन्याओं को फल खासकर अनार और केसर का हलवा भेंट करें।
कन्या राशि: दुर्गा अष्टमी 2023 पर आपको कन्याओं को सूजी से बनी मिठाई जैसे सूजी का हलवा या सूजी के लड्डू भेंट करने चाहिए।
तुला राशि: सफेद मिठाई, जैसे कलाकंद या रसमलाई और हेयर क्लिप या चूड़ियां जैसे उपहार दें।
वृश्चिक राशि: कन्याओं को लाल वस्त्र, हल्दी और पेड़ा या बर्फी जैसी मिठाइयाँ भेंट करें।
धनु राशि: कन्याओं को बेसन के लड्डू, चने की दाल और फल अर्पित करें।
मकर: कन्याओं को बादाम और काजू जैसे सूखे मेवे और काजू कतली जैसी मिठाई खिलाएं।
कुंभ राशि: दुर्गा अष्टमी 2023 पर कन्याओं को फल खासकर अमरूद और पपीता और सूजी का हलवा भेंट करें।
मीन राशि: कन्याओं को चावल की खीर और सफेद फूल अर्पित करें।
अष्टमी तिथि पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान
हिंदू धर्म में दुर्गा अष्टमी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो मां दुर्गा को समर्पित है। इस दिन लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं और इस त्यौहार के दौरान कुछ विशेष नियम और आचरण करने की सलाह दी जाती हैः
दुर्गा पूजा के लिए मां दुर्गा की सही मूर्ति या तस्वीर का उपयोग करना चाहिए। अगर तस्वीर या मूर्ति टूटी है, तो इसका उपयोग न करें।
पूजा के लिए घर और मंदिर को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
मां की पूजा करते समय भजन और मंत्र जप करें।
साथ ही मां दुर्गा को फूल, सुपारी, पान आदि भेंट करें।
इस दिन शराब या धूम्रपान नहींं करना चाहिए। साथ ही नवरात्रि के नौ दिन मांस, मदिरा और प्याज, लहसुन का सेवन भी न करें।
नवरात्रि के समय किसी भी महिला का अपमान न करें।
दुर्गा अष्टमी के दिन घर पर हवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि हवन के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
साथ ही नवरात्रि में काले रंग के कपड़े पहनकर पूजा न करें।
इस दौरान किसी भी पशु-पक्षी को नुकसान न पहुचाएं।
साथ ही नवरात्रि में पशु और पक्षियों को भोजन करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
नवरात्रि के दिन बेहद ही पावन होते है और इस समय दान करना और भी शुभ माना जाता है।
अगर आपने व्रत नहीं रखा है, तो भी आपको सुबह जल्दी उठकर माता की पूजा करनी चाहिए।
माना जाता है कि अष्टमी तिथि की पूजा करने के बाद सोना नहीं चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से भक्त को पूजा का फल नहीं मिलता है।
साथ ही अष्टमी तिथि पर हवन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आहुति हवन कुंड से बाहर न गिरे।
ज्योतिष शास्त्र में दुर्गा अष्टमी का महत्व
दुर्गा अष्टमी, जिसे महा अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही यह शरद नवरात्रि में एक महत्वपूर्ण दिन है और इसका बड़ा ज्योतिषीय महत्व है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, माँ दुर्गा इस दिन राक्षस महिषासुर को हराने के लिए प्रकट हुईं, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है।
इसके अलावा, दुर्गा अष्टमी राहु ग्रह से भी जुड़ी है, जो भौतिकवाद और इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने और समृद्धि, खुशी और सफलता पाने में जातक को मदद मिल सकती है। इसके अलावा, नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करता है, प्रत्येक दिन उनके दिव्य शक्ति के एक अलग पहलू का प्रतिनिधित्व करता है। नवरात्रि काल में मां दुर्गा के प्रत्येक रूप की पूजा करने से जातक को मां के हर रूप से आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दुर्गा अष्टमी अपनी संतान की खुशी और सुरक्षा के लिए आशीर्वाद मांगने का शुभ दिन है। इसलिए भक्त इस दिन मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए विशेष पूजा करते हैं। साथ ही भक्त पूजा में भोग, आरती और मंत्रों का जाप करते हैं।