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इस बॉलीवुड सुपस्टार के गुरु ने कुंडली देखने के बाद सिखाया डांस, जानें क्यों

वर्तमान समय में लोग भले ही ज्योतिष विज्ञान पर सवाल उठाते हों, लेकिन यह ऐसा शास्त्र है जिसका इस्तेमाल करके व्यक्ति बड़ी से बड़ी मुश्किल से निजात पा सकता है। भारत में प्राचीन समय से ही ज्योतिष को बहुत अहमियत दी गई है और आज भी लोग शुभ कामों को करने से पहले ज्योतिष शास्त्र की मदद लेते हैं। कुछ लोगों का तो यहां तक मानना है कि पुराने समय में चिकित्सक मरीज का इलाज करने से पहले उनकी कुंडली का अध्ययन करते थे और उसके बाद ही चिकित्सा शुरु करते थे। 

इस ही तरह गुरु शिक्षा देने से पहले भी अपने शिष्य की कुंडली देखकर उसके गुणों का पता कर लेते थे। ऐसे में आज हम आपको बॉलीवुड सुपस्टार की एक ऐसी अदाकारा के बारे में बताएंगे जिनके गुरु ने उन्हें शुरुआत में शिक्षा देने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में उनकी कुंडली को देखकर गुरु इस अदाकारा को दीक्षा देने के लिए मान गए। 

यह हैं वो बॉलीवुड सुपरस्टार

बॉलीवुड की जिस सुपरस्टार के बारे में हम बात कर रहे हैं उनका नाम है वहीदा रहमान। काफी समय पहले वहीदा रहमान कपिल शर्मा शो में आई थीं और उन्होंने खुद ही यह बात सबको बताई कि कैसे उनके गुरु ने पहले उन्हें डांस सिखाने से मना किया लेकिन बाद में कुंडली देखने के बाद वह मान गए। आपको बता दें कि वहीदा रहमान अपने समय की सुपरस्टार थीं और आज भी लोग उनके अभिनय और नृत्य कला का लोहा मानते हैं। 

भारतीय नृत्य सीखना चाहती थीं वहीदा रहमान

दरअसल वहीदा रहमान भरतनाट्यम सिखना चाहती थीं और जिस गुरु से वो सिखना चाहती थीं  उन्होंने यह कहकर मना कर दिया था कि एक मुस्लिम महिला को वह कैसे भरतनाट्यम सिखा सकते हैं। उनका मानना था कि वहीदा भारत के इस प्रतिष्ठित नृत्य की भावना को इसकी पवित्रता को नहीं समझ पाएंगी। लेकिन वहीदा ने भी जिद्द नहीं छोड़ी और वो लगातार अपने गुरु से संपर्क साधती रहीं। 

वहीदा रहमान

बॉलीवुड सुपस्टार की जिद्द से हारकर गुरु ने मंगवाई उनकी कुंडली

जब वहीदा ने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी तो उनके गुरु ने उनकी कुंडली मंगवाई। पता चला कि उनके धर्म में कुंडली नहीं बनवाते तो गुरु ने उनकी जन्म की तारीख और जन्म स्थान के बारे में पता करके खुद ही कुंडली बना ली। उनकी कुंडली को देखकर गुरु चौंक गए, क्योंकि कुंडली के अध्ययन से उन्हें पता चला कि वहीदा उनकी सबसे अच्छी और आखिरी स्टूडेंट होंगी। हालांकि उन्हें लगा कि उन्होंने गलत कुंडली बना दी है इसलिए दोबारा कुंडली बनाई लेकिन परिणाम वही निकला। 

इसके बाद गुरु जी वहीदा को भरतनाट्यम सिखाने के लिए राज़ी हो गए और उनकी बात भी सच हुई। वहीदा उनकी सबसे अच्छी और आखिरी छात्रा साबित हुईं। 

इस सारे वाकये से आपको पता चल गया होगा कि पुराने समय में लोग कुंडली को कितनी अहमियत देते थे। आज भले ही लोग इस विद्या पर यकीन करने से इनकार करते हों लेकिन वास्तविकता में यह वो जरिया है जिससे व्यक्ति खुद को बेहतर बना सकता है। कुंडली केवल व्यक्ति के अच्छे बुरे पक्षों के बारे में ही नहीं बताती बल्कि व्यक्ति के उस पक्ष के बारे में बताती है जिसका अनुसरण करके वो जिंदगी को सुधार सकता है। 

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