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दीपावली पर करें सुख समृद्धि के लिए ये आसान उपाय

दिवाली का पर्व एक ऐसा समय होता है जब अंधकार से निकल के प्रकाश का स्वरूप जीवन को जगमगाता है। कार्तिक मास की ये अमावस्या अत्यंत महत्वपूर्ण होती है जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इस रात्रि के समय पर संपूर्ण सृष्टि में एक शक्तिशाली क्रिया का वास होता है जो हम सभी पर प्रभाव डालने वाली होती है। यह दिवस हर प्रकार से महत्वपूर्ण होता है।

इस अंधकार भरी अमावस्या में प्रकाश का उत्सव ही इसकी महत्ता को दर्शाने वाला है। ये समय विभिन्न प्रकार के तंत्र एवं मंत्र से संबंधित धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह तामसिक राजसिक एवं सात्विकता के चरम आयाम का समय होता है। इस समय पर प्रकृति और उसमें मौजूद शक्ति का संगम अद्भुत रुप से देखने को मिलता है।

दीपावली के समय पर कई प्रकार के उपायों एवं टोटकों को किए जाने के विषय में बताया जाता है। जिसका मुख्य कारण इस दिवस की रात्रि को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। इस तारि पर ही अनेकों प्रकार के तांत्रिक कर्म भी संपन्न होते हैं। आध्यात्मिक शक्ति को जागृत करने के लिए भी इस रात्रि का उपयोग किया जाता है। आईये जानते हैं की इस दीपावली के सम्य पर हम किस प्रकार के कार्यों को करके जीवन की दिशा और दशा को बदल सकते हैं।

दीपावली पर कर्ज मुक्ति के लिए करें ये उपाय

दिवाली की रात्रि में कर्ज मुक्ति के लिए अपामार्ग के पौधे की जड़ का उपयोग अत्यंत चमत्कारिक माना जाता है। इस दिन अपामार्ग की जड़ अथवा के पत्तों को तिजोरी या जहां आप अपना धन रखते हैं वहां पर रखें तो यह आपके कर्ज को दूर करने में सहायक होगा।

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए इस दीपावली के दिन आप कुश की जड़, बिल्व के पत्ते, इसका फल, बीज, जड़ और सिंदूर को लीजिए और इन सभी चीजों को अमृत चौघडिया समय पर पीसकर एक चूर्ण बना लीजिए। अब इस मिश्रण को गंगाजल से गीला कर लीजिए। अब भोज पत्र पर अनार की कलम से – “ऊं आं ह्रीं क्रौं श्रीं श्रीयै नम: ममालक्ष्मीं नाशय नाशय मामृणोत्तीर्णं कुरु कुरु संपदं वर्धय वर्धय स्वाहा” इस मंत्र को लिखें और पूजा स्थल पर इसे स्थापित करें।

जीवन में सुख प्राप्ति के लिए

जीवन में चली आ रही परेशानियों और कलह कलेश से मुक्ति पाने के लिए दीपावली के दिन रात्रि एक जटा वाला नारियल लीजिए इस पर सिंदूर लगा कर लाल धागा बांधे और इस नारियल को धूप दीप दिखाएं अब रात्रि में 12 बजे के दौरान नारियल को अपने ऊपर से तीन बार वार के इसे चौराहे पर फेंक आएं इससे आपके जीवन में मौजूद कलह कलेश दूर होंगे और सुख की प्राप्ति होगी।

वैवाहिक सुख समृद्धि के लिए

दीपावली के दिन प्रात:काल समय देवी लक्ष्मी जी को मखाने से बनी खीर और मालपुओं का भोग लगाएं। इस भोग को गरीबों में बांटे और परिवार समेत इसे ग्रहण करने से दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है।

मेहंदी लीजिए इसे किसी किन्नर को भेंट करें और उनसे आशीर्वाद ग्रहण करें। इससे आपके वैवाहिक जीवन के कष्ट दूर होंगे।

दीपावली के दिन कमल के पुष्प की एक माला लीजिए इसे श्री विष्णु जी और देवी लक्ष्मी जो को एक साथ चढ़ाएं एक ही माला दोनों को अर्पित करें और अपने दांपत्य जीवन के सुख की प्रार्थना करें।

रोग मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ के लिए

दीपावली के दिन सात प्रकार के अनाज लीजिए ओर इन अनाज को किसी धर्म स्थल पर दान कर आएं इससे नकारात्मकता दूर होगी ओर शुभता का जीवन में आगमन होगा।

इस दिन रोग से मुक्ति पाने के लिए इस दिन सात कोड़ी लीजिए और उसे रोगी के ऊपर से वार कर बहते हुए पानी में प्रवाहित करें. इस कार्य को शाम के समय पर ही करें।

दीपावली – सिद्धि एवं साधना का दिन

यह दिवस आपकी आध्यात्मिक यात्रा को आगे ले जाने में भी अत्यंत सहायक माना गया है। इस दिन पर किया गए मंत्र सिद्धि के कार्य एवं कोई विशेष साधना भी सफल हो सकती है। इस कारण ही इस दिन को मंत्र एवं तंत्र की सिद्धि एवं सफलता हेतु उपयोग किया जाता है।

दीपावली 2020 पर समस्त कार्यों हेतु एक सरल उपाय

शनिवार के दिन दीपावली होने पर ये दिन अत्यंत विशेष बन जाता है। इस दिन एक अत्यंत सरल किंतु चमत्कारी उपाय है कि प्रात:काल समय पीपल के पेड़ पर कच्चा दूध चढ़ाएं और सात बार उस की परिक्रमा करें। एवं संध्या समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों या तिल के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं। इस दीपावली के दिन ये कार्य करने से आपके समस्त कष्टों को दूर करने में अत्यंत ही सहायक बन सकता है। आपके द्वारा किया गया ये साधारण सा उपाय आपके जीवन को अनेकों नकारात्मकता से बचाने में भी अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकता है।

विशेष:

आप इस दिन अपनी श्रद्धा और विश्वास के द्वारा व सामर्थ्य अनुसार जो भी पूजा पाठ एवं दान पुण्य करते हैं उसका शुभ दायक फल अवश्य ही आपको प्राप्त होता है। इस दिवस पर किया गया समस्त शुभ कार्य आपके साथ साथ आपके आस पास के वातावरण को भी शुद्ध करता है। इसलिए आप चाहे जो भी करें किंतु सदैव उचित एवं कल्याण हेतु किया गया कार्य ही आपको शुभता देने में सहायक बनता है।

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