चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ करोना वायरस का कहर अब पूरे संसार में बहुत अधिक फैल चुका है । लाखों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और लाखों जाने जा चुकी हैं । यह एक संक्रामक बीमारी है , जो बहुत तेज़ी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फ़ैल रही है । समस्या यह है कि इस बीमारी का इलाज अभी तक किसी को भी नहीं मिल सका है ।
ध्यान रहे कि एक दूसरे से दूरी बनाए रखने से ही इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है । फलस्वरूप संसार भर के लोगों की सुरक्षा के लिए इस बात का निर्णय लिया गया है कि सब एक-दूसरे से दूर रहें क्योंकि इसी तरह से हर इंसान सुरक्षित रह सकता है । लॉकडाउन का फ़ैसला लोगों की जान बचाने के लिए किया गया है । ताकि वह सुरक्षित रहे और इस बीमारी की चपेट में न आए।
इसी दौरान लॉकडाउन के चलते रमज़ान का महीना आ गया । इस महीने में मुसलमान पूरे महीने के रोज़े रखते हैं और फिर ईद का त्यौहार आता है । इस महीने की शुरूआत होते ही बाज़ार में खूब चहल-पहल हो जाती है जिनसे रौनक लगी रहती है । ऐसा पहली बार हुआ है जब लॉकडाउन के चलते रौनक नहीं देखी गई । सभी लोग अपने घरों में रहकर शांतिपूर्ण तरीके से रोजे रख रहे हैं । बिना जरूरत के बाहर कोई भी नहीं निकल रहा है । राशन और दवाइयों की दुकानों के अलावा अन्य सभी दुकानें बंद हैं ।
इस बार ईद का त्योहार बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाएगा । न तो किसी ने खरीदारी की है और न ही कोई बार कोई अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के घर जाएगा । किसी के भीक पास खरीदारी करने के लिए भी उपयुक्त पैसा नहीं है । इस महामारी की वजह से लोगों के काम धंधे बिल्कुल ही ठप्प होकर रह गए हैं । जिसकी वजह से लोगों में उत्साह नहीं है । ऐसे में ईद के आने पर लोग इसको बहुत ही सादगी से मनाएंगे ।
हर साल मस्जिदों में ईद की नमाज़ अदा की जाती है और उसके बाद एक दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद देते हैं । परंतु इस बार लोगों से अपील की गई है कि वह अपने घरों से बाहर न निकले और अपने घर पर ही नमाज़ अदा करें ।
मुस्लिम देशों में ईद का महत्व बहुत अधिक है और यह फेस्टिवल वहां पर बहुत अधिक धूमधाम से मनाया जाता है । लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार सभी लोग अपने घरों में ही रहेंगे और बहुत ही शांतिपूर्ण और सरल तरीके से इस उत्सव को मनाएंगे ।
मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, कुवैत तुर्की, कतर और दूसरे खाड़ी देशों में ईद-उल-फितर भारत से एक दिन पहले मनाई जाएगी क्योंकि यहां पर रमज़ान का महीना 1 दिन पहले शुरू हुआ था । चांद देखने के बाद ही यह त्योहार मनाया जाता है इसलिए दुनिया भर में इस को मनाने का दिन अलग-अलग होता है । सारे देशों में ईद का त्योहार 24 मई, 2020 को मनाया जा चुका है और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पूरा ध्यान भी रखा गया है ।
भारत में यह त्यौहार 25 मई, 2020 को शांतिपूर्ण और सादगी से मनाया जाएगा । लोग सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखते हुए इस फेस्टिवल को मनाएंगे । साथ ही जामा मस्जिद के शाही इमाम ने सभी मुसलमानों से प्रार्थना की है कि वह अपने घरों से बाहर न निकलें । ईद-उल-फितर की नमाज भी अपने घर पर ही अदा करें । इस बार बाज़ार में मिठाइयां और दूसरी खाने पीने की चीजें उपलब्ध नहीं होंगी । सारा बाज़ार बन्द रहेगा क्योंकि महामारी से निपटने का एक ये ही तरीका है ।
कोरोनावायरस की वजह से सभी देश वासियों से अपील की है कि वह सोशल डिस्टेंसिग का ख्याल रखें । इसके अलावा जुलूस आदि पर भी रोक लगा दी है । अपने घरों से बाहर न निकलें ताकि सामाजिक दूरी रत्न- ज्योतिषीय लाभ और उनका हमारे जीवन प्रभावबनी रहे । इस तरह यह त्यौहार सिंपल तरीके से मनाया जाएगा । हमेशा इस दिन सिवैयां, शीर, खीर और दूसरे स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं । परंतु इस बार लोग बजट के हिसाब से विभिन्न तरह के पकवान बनाएंगे । इसके अलावा फोन तथा वीडियो कॉल पर एक दूसरे को इस त्यौहार की मुबारकबाद देंगे ।
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