AstroTalk

जन्मकुंडली के ये घातक योग बर्बाद कर देते है जीवन, करें ये उपाय

आपको बता दें कि ज्योतिष में किसी भी जातक की स्थिति को सबसे सही उसकी जन्मकुंडली के आधार पर समझा जाता है। क्योकि जन्मकुडली में जातक के जीवन से जुडी सारी जानकारी मौजूद होती है। इसी के साथ जन्मकुंडली में शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग मौजूद होते हैं। अगर किसी जातक की कुंडली शुभ योग बन रहा है, तो जातक को जीवन में काफी खुशियां मिलती है। वही अगर कुंडली में अशुभ योग बनता है, तो जातक को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पडता है। और ऐसे घातक योग जातक की कुंडली जब बनते है, तो जातक को अपने जीवन में कठिन समय से गुजरना होता है।  

वही जन्मकुंडली में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के योगो के अनुसार व्यक्ति के भाग्य का विश्लेषण किया जा सकता है। आपको बता देंं कि कुंडली में ग्रहों की युति या उनकी स्थितियों से योगों का निर्माण होता है। और ये योग शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के हो सकते हैं। साथ ही जो योग शुभ होते हैं, उनसे जातकों को अच्छे फल प्राप्त होते है। इन्हें राज योग कहा जाता हैं। वहीं इसके विपरीत जो योग अशुभ योग होते हैं, उनके कारण जातक के जीवन में कई समस्याएं आती हैं। जिनके कारण जातक को अपने जीवन में कठिन समय का अनुभव करना होता है। चलिए जानते है कि ऐसे घातक योग जो आपकी कुंडली में बनकर आपके लिए कई तरह से परेशानी उत्पन करते है।

यह भी पढ़े – परीक्षा में सफलता पाने के लिए करें ये अचूक ज्योतिषीय उपाय

1. घातक योग मे से एक है ग्रहण योग

  • आपको बता दें कि कुंडली के किसी भी भाव में चंद्र के साथ राहु या केतु बैठा हों, तो ग्रहण योग बनता है।
  • वही अगर इस ग्रह स्थिति में सूर्य भी जुड़ जाए, तो जातक की मानसिक स्थिति काफी खराब रहती है। जातक का मस्तिष्क स्थिर नहीं रहता है।
  • साथ ही इस योग के कारण जातक को बार-बार नौकरी और शहर भी बदलना पड़ता है।
  • यह योग काफी घातक होता है और इसके कारण लोगो को काफी परेशनी

घातक योग के दुष्परिणाम से बचने के लिए उपाय

  • इस ग्रहण योग का प्रभाव कम करने के लिए सूर्य और चंद्र की आराधना करनी चाहिए।
  • साथ ही सूर्य देव को जल चढ़ाएं। वही शुक्ल पक्ष के चंद्रमा के नियमित दर्शन करने चाहिए।

2. घातक योग मे से एक है  चांडाल योग

  • आपको बता दें कि अगर किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति के साथ राहु बैठा हो, तो दोनों की युति से कुंडली में चांडाल योग बनता है।
  • वही चांडाल योग से व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • इस योग का सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षा और धन पर होता है।
  • साथ ही जिस जातक की कुंडली में चांडाल योग होता है, वह शिक्षा के क्षेत्र में असफल रहता है और अक्सर कर्ज में डूबा रहता है।
  • आपको बता दें कि चांडाल योग का प्रभाव प्रकृति और पर्यावरण पर भी अधिक पड़ता है।

दुष्परिणाम से बचने के लिए उपाय

  • आपको चांडाल योग की निवृत्ति के लिए गुरुवार को पीली दालों का दान किसी जरूरतमंद को करना चाहिए।
  • वही इस योग की शांति के लिए बृहस्पति को शांत करने के उपाय करने चाहिए।
  • साथ ही गुरुवार के दिन पीली चीजों का दान करना चाहिए।
  • वही पीली मिठाई का भोग गणेशजी को लगाने से लाभ होता है।
  • अगर संभव हो, तो आप गुरुवार का व्रत भी कर सकते है। वही आपको एक समय भोजन करना चाहिए और भोजन में पहली वस्तु बेसन की ही उपयोग करें।

3. षड्यंत्र योग

  • आपको बता दें कि अगर लग्न भाव का स्वामी (लग्नेश) अगर अष्टम भाव में बिना किसी शुभ ग्रह के हो, तो कुंडली में षड्यंत्र योग का निर्माण होता है।
  • जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है उसकी धन-संपत्ति नष्ट होने की आशंका ज्यादा रहती है।
  • यह योग अत्यंत खराब योग माना जाता है। जिस स्त्री-पुरुष की कुंडली में यह योग हो वह अपने किसी करीबी के षड्यंत्र का शिकार भी हो जाता है।
  • इस योग के चलते जातको को काफी नुकसान झेलना होता है।
  • साथ ही इस घातक योग के कारण जातक की धन संपत्ति छिनने का भी खतरा रहता है।

दुष्परिणाम से बचने के लिए उपाय

  • इस दोष की निवृत्ति के लिए शिव परिवार का पूजन जरुर करें।
  • साथ ही सोमवार को शिवलिंग पर सफेद आंकड़े का पुष्प और सात बिल्व पत्र चढ़ाएं।
  • वही शिवजी को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

4. भाव नाश योग

  • आपको बता दें कि जन्मकुंडली में जब किसी भाव का स्वामी  छठे, आठवें और 12वें भाव में बैठा हो, तो उस भाव के सारे प्रभाव नष्ट हो जाते हैं। तब यह योग बनता है।
  • वही अगर धन स्थान की राशि मेष है और इसका स्वामी मंगल छठे, आठवें या 12वें भाव में मौजूद हो, तो धन स्थान का प्रभाव समाप्त हो जाता हैं।

दुष्परिणाम से बचने के लिए उपाय

  • आपको बता दें कि जिस ग्रह को लेकर भावनाशक योग बन रहा है, उससे संबंधित वार को हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए।
  • इसी के साथ किसी अनुभवी ज्योतिष की सलाह पर ही उस ग्रह से संबधित रत्न धारण करके भाव का प्रभाव बढ़ाया जा सकता है।

यह भी पढ़े –लड़कियों की शादी के लिए करें ये अचूक ज्योतिष उपाय

5. अल्पायु योग

  • अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा पापी या क्रूर ग्रहों के साथ त्रिक स्थान (छठे, आठवें, बारहवें भाव) पर बैठा हो, तो यह स्थिति कुंडली में अल्पायु योग का निर्माण करती है।
  • वही जिस कुंडली में यह योग होता है, उस जातक के जीवन पर हमेशा संकट रहता है। उसकी आयु भी बहुत कम होती है।

दुष्परिणाम से बचने के लिए उपाय

  • आपको बता दें कि कुंडली में बने अल्पायु योग की निवृत्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र की एक माला रोज जपें।
  • साथ ही बुरे कार्यों से दूर रहें। और दान-पुण्य का काम करें।

6. कुज योग

  • आपको बता दें कि मंगल जब लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में हो तो कुज योग बनता है। इसे मांगलिक दोष भी कहते हैं।
  • जिस स्त्री या पुरुष की कुंडली में कुज दोष हो उनका वैवाहिक जीवन काफी मुश्किल भरा रहता है।
  • यही कारण है कि विवाह से पूर्व भावी वर-वधु की कुंडली मिलाना आवश्यक होता है।
  • वही अगर दोनों की कुंडली में मांगलिक दोष है, तो ही विवाह किया जाना चाहिए।
  • इस घातक योग के कारण जातक को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पडता है।

दुष्परिणाम से बचने के लिए उपाय

  • आपको बता दें कि मंगलदोष की समाप्ति के लिए पीपल और वटवृक्ष में नियमित जल अर्पित करें।
  • वही लाल तिकोना मूंगा तांबे में धारण करें।
  • साथ ही मंगल के जाप या मंगलदोष निवारण पूजन भी करवा सकते है।

यह भी पढ़े – विवाह में देरी – यहाँ जाने ज्योतिषीय कारण और उपाय

7. विष योग

  • जातक की जन्म कुंडली में विष योग का निर्माण शनि और चंद्रमा की युति से होता है।
  • आपको बता दें कि यह योग जातक के लिए बेहद कष्टकारी माना जाता है।
  • अगर किसी जातक की जन्म कुंडली के किसी स्थान में शनि और चंद्र साथ में आ जाए, तो विष योग बनता है।
  • यह योग कुंडली के जिस भी भाव में होता है, उसके अनुसार अशुभ फल जातक को प्राप्त होते हैं।
  • इस घातक योग के कारण जातक को काफी परेशानियों का सामना करना पडता है।
  • वही इस योग के कारण जातक को मानसिक रोग, भय, अनेक रोग, दुखी दांपत्य जीवन की परेशानी का सामना करना पडता है।
  • विष योग व्यक्ति के जीवन में विष की तरह होता है।
  • यह योग जातक के लिए नर्क के समान होता है।

दुष्परिणाम से बचने के लिए उपाय

  • आपको बता दें कि जिस जातक की कुंडली में या राशि में विष योग बना हो, उसे शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे नारियल फोड़ना चाहिए।
  • वही हनुमानजी की आराधना करने से विष योग में बचा जा सकते है।

अधिक जानकारी के लिए आप AstroTalk के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।

अधिक के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना साप्ताहिक राशिफल पढ़ें।

 7,717 

Share

Recent Posts

  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

6 Zodiac Signs With Unmatched Adventurous Spirits

1 week ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

4 Zodiac Signs That Are Masters of Communication

1 week ago
  • English
  • Zodiac Signs

3 Zodiac Signs That Are Unusually Independent

1 week ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

5 Zodiac Signs Who Are Fiercely Loyal Friends

1 week ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

7 Zodiac Signs Known for Their Magnetic Charisma

1 week ago