Vedic

ज्योतिष अनुसार जानें जन्म कुंडली में शनि कब शुभ होता है?

ज्योतिष में शनि एक महत्वपूर्ण ग्रह है, क्योंकि यह सौरमंडल में सातवां ग्रह है और इसका आकार सबसे छोटा है। शनि ग्रह की चाल बहुत धीमी होती है और इस ग्रह का एक चक्कर पूरे 29.5 वर्ष में पूरा होता है। बता दें कि शनि एक अशुभ ग्रह है, जो जातक को कठिनाइयों और परेशानियों का अनुभव करता हैं। लेकिन जब शनि की शुभ स्थिती बनती है, तो व्यक्ति को इस दौरान जीवन में सफलता, धन, स्वास्थ्य, करियर आदि क्षेत्रों में लाभ होता हैं।

शनि ग्रह को धर्म, न्याय, कर्म, कठिन परिश्रम, संघर्ष और उद्धरण का कारक माना जाता है। इस ग्रह के शुभ स्थान पर होने से व्यक्ति को समृद्धि, धन एवं संपत्ति प्राप्त होती हैं, वहीं अशुभ स्थान पर होने से जातक को दुर्भाग्य, संकट और कष्ट का सामना करना पड़ता हैं।

ज्योतिष में शनि ग्रह को दोषकारक ग्रहों में से एक माना जाता है। शनि के दोषों का समाधान करने के लिए ज्योतिष उपाय करने की सलाह देते है। शनि ग्रह की दशा और अंतर्दशा के दौरान व्यक्ति को उसके किए कर्मों का फल मिलता है और वह अपने कर्मों के अनुसार बुरे या अच्छे फलों का सामना करता हैं।

जातक की कुंडली में शनि ग्रह का महत्व

शनि ग्रह कुंडली में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो जन्मकुंडली में कुछ विशेष भावों और राशियों के साथ जुड़ा होता है। कुंडली में शनि शुभ और अशुभ दोनों तरह से फल देता है। शनि ग्रह की दशा और अंतर्दशा का जीवन पर गहरा प्रभाव होता है।

शनि का अशुभ प्रभाव जीवन में काफी दुखदायी हो सकता है। शनि की दशा या अंतर्दशा के दौरान व्यक्ति को लगातार दुख एवं कष्ट का सामना करना पड़ता है। यह दशा जातक के जीवन में कई तरह के दुखों का कारण बनती है, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, विपत्तियां, विवाद, संशय आदि। शनि के संबंध में जन्मकुंडली में यह भी देखा जाता है कि शनि किस भाव में स्थित है और किस राशि के साथ संयोग बना रहा है, क्योंकि इसका प्रभाव जातक के जीवन पर पड़ता हैं।

यह भी पढ़ें: जानें कुंंडली में किस योग के बनने से जातक के जीवन में आता है धन

कैसे बनती है कुंडली में शनि की शुभ स्थिती?

कुंडली में शनि की शुभ स्थिति प्रकृति और कुंडली के अन्य ग्रहों के साथ संगत होती है। शनि का शुभ स्थान जन्मकुंडली के तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में होता है।

जन्म कुंडली में शनि की स्थिति को निर्धारित करने के लिए शनि के उपरांत राशि को देखा जाता है। यदि शनि अपने मित्र ग्रहों जैसे कि बृहस्पति या शुक्र के साथ स्थित है, तो इसे शनि की शुभ स्थिति मानी जाती है। इसके अलावा, जब शनि अपने स्वभाव के अनुसार, कुंडली के शुभ स्थानों में स्थित होता है, तो इसे भी शनि की शुभ स्थिति मानी जाती है।

शनि के शुभ स्थान के अलावा, यदि शनि की दृष्टि अन्य ग्रहों पर पड़ती है, तो इससे भी शनि की स्थिति प्रभावित होती है। जैसे, यदि शनि अपनी दृष्टि बृहस्पति पर डालता है, तो यह शुभ माना जाता है, क्योंकि शनि और बृहस्पति एक दूसरे के मित्र ग्रह हैं। इसलिए शनि की शुभ स्थिति के लिए कुंडली में ग्रह का उच्च राशि में होना आवश्यक होता है। शनि उच्च राशि में होने से जातक को कई लाभ प्राप्त होते हैं। जैसे कि जातक के जीवन में सफलता, धन लाभ, स्थायित्व आदि।

शनि का उच्च राशि में होने का मतलब होता है कि जब शनि का स्थान जन्मकुंडली में उसकी मूल राशि से दूसरी राशि में हो और उच्च राशियां हैं कुंभ और मकर, जो शनि की मूल राशि मानी जाती हैं।

इसके अलावा, शनि की शुभ स्थिति के लिए जातक की कुंडली में शनि के संयुक्त योग होने से भी फायदा होता है। जब शनि किसी अन्य ग्रह के साथ योग बनाता है, तो भी जातक को शनि के शुभ प्रभाव मिलते हैं।

शनि की शुभ स्थिति का जातक के जीवन के सभी पहलुओं पर प्रभाव

प्रेम जीवन पर प्रभाव

शनि की शुभ स्थिति का व्यक्ति के प्रेम जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यदि शनि कुंडली में शुभ स्थिति में है, तो इससे व्यक्ति के प्रेम जीवन में स्थिरता आती है और जातक का साथी उसपर विश्वास करता हैं। शनि की शुभ स्थिति से प्रेमी व्यक्ति बातचीत में संयम और संवेदनशीलता का अनुभव करते हैं, जो उनके संबंधों को बढ़ावा देते हैं। शनि शुभ स्थिति में होने से प्रेमी जातक के बीच विश्वास और आपसी समझ में सुधार होता है। इसलिए शनि की शुभ स्थिति व्यक्ति के प्रेम जीवन में संतुलन और स्थिरता लाती हैं।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

शनि की शुभ स्थिती जातक के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। शनि बीमारी, दर्द और रोग से संबंधित ग्रह है। शुभ स्थिति में शनि व्यक्ति को अधिक दृढ़ता, धैर्य और अस्थायी संकटों का सामना करने की क्षमता प्रदान करता है। इससे व्यक्ति को मानसिक तनाव नहीं होता है, जो उसके स्वास्थ्य को अधिक उन्नत बनाता है।

करियर पर प्रभाव

शनि की शुभ स्थिती जातक के करियर को बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ती हैं। शनि जातक को जीवन का समूचा अनुभव करता है, जिसमें सफलता के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है। शनि स्थायित्व और संयम का प्रतीक है, इसलिए शनि के शुभ गोचर से लाभ उठाने के लिए व्यक्ति को अधिक मेहनती बनना चाहिए।

शनि की शुभ स्थिति में व्यक्ति को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। शनि के शुभ गोचर का प्रभाव करियर में अधिक स्थिरता और सफलता के लिए उपयोगी होता है। शनि जिस क्षेत्र में होता है, उस क्षेत्र से संबंधित काम करने वालें व्यक्ति को अधिक धैर्य रखना चाहिए। शनि की शुभ स्थिति में व्यक्ति व्यवसाय में भी सफल होता है।

वित्त पर प्रभाव

शनि की शुभ स्थिति व्यक्ति के वित्त को स्थिर करने में मदद कर सकती है। यह उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है और उन्हें वित्तीय संकट से बचाता है। जब शनि शुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति बुद्धिमान, सतर्क और निर्णय करने में सक्षम होता है, जो उन्हें वित्तीय फैसलों पर सही निर्णय लेने में मदद करता है। शनि की शुभ स्थिति व्यक्ति के वित्त को सुदृढ़ बनाकर उन्हें आर्थिक सुरक्षा देती है।

इसके अलावा, शनि संबंधी बुरी स्थिति या दशा के कारण व्यक्ति के वित्त में अक्सर कमी होती है और उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। शनि की शुभ स्थिति में, व्यक्ति को धन के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता है, बल्कि धन आसानी से आता है। शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति स्थिर होती है और वह अपनी आर्थिक गतिविधियों में सफलता प्राप्त करता है।

यह भी पढ़ें: अपनी राशि के अनुसार जानें कैसा होगा आपके जीवनसाथी का स्वभाव?

शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए करें ये उपाय

लाल किताब में बताए गए कुछ उपाय शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने में मददगार साबित होते हैं। ये उपाय निम्नलिखित हैं:

  • अगर शनि अशुभ फल दे रहा हो, तो धन का दान दें।
  • शनिवार को कपूर जलाएं और इसे घर के चारों ओर घुमाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
  • सरसों का तेल का दीया शनिवार के दिन पीपल के नीचे जलाने से जातक को लाभ होता हैं।
  • शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए एक नीलम धारण करें और उसे अमावस्या के दिन धारण करते हुए सूर्य की ओर मुंह करके पूजन करें।
  • आपको “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मंत्र का जप करना चाहिए, इससे शनि के दोषों को दूर करने में मदद मिलती है।
  • शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए कुछ समय तक अपने घर में कपूर जलाएं, इससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
  • आपको शनिवार के दिन दान करना चाहिए, इससे आपको लाभ मिलेगा।
  • आप शनि यंत्र का उपयोग भी कर सकते हैं। इस यंत्र को धारण करने से आपको अनेक प्रकार के लाभ मिल सकते हैं।
  • आपको शनिवार के दिन शनि देवता की पूजा करनी चाहिए और उन्हें दीपक, धूप, फल और पुष्प अर्पित करें। साथ ही उनसे कृपा करने की प्रार्थना करें।

अधिक के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना साप्ताहिक राशिफल पढ़ें।

 15,069 

Share

Recent Posts

  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

4 Zodiac Signs Most Likely to Achieve Health Goals in 2025

4 hours ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

4 Zodiac Signs That Will Strengthen Friendships in 2025

4 hours ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

4 Zodiac Signs Most Likely to Find Love in 2025

4 hours ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

5 Zodiac Signs That Will Rule 2025 in Career Success

4 hours ago