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जानिए श्रावण पूर्णिमा 2023 व्रत की तिथि, पूजा विधि और पावन कथा

हिंदू धर्म में श्रावण पूर्णिमा महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है, जो श्रावण मास की पूर्णिमा कहीं जाती हैं। हिंदू धर्म के लोग इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत भी रखते हैं। इसके अलावा, यह पूर्णिमा ज्योतिष में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन लोग चंद्रमा की पूजा करते है, जो ज्योतिष के अनुसार जीवन के सभी क्षेत्रों में समृद्धि और सफलता के लिए महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता हैं। साथ ही श्रावण पूर्णिमा 2023 में 31 अगस्त यानि गुरुवार के दिन धूम-धाम से मनाई जाएगी।

श्रावण पूर्णिमा 2023 का शुभ मुहूर्त व तिथि

श्रावण पूर्णिमा 202331 अगस्त 2023, गुरुवार
तिथि प्रारम्भ30 अगस्त 12ः28
तिथि समाप्त31 अगस्त 08ः35

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श्रावण पूर्णिमा के दिन व्रत क्यों रखा जाता हैं?

हिंदू धर्म के अनुसार यह दिन काफी पवित्र माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान होता हैं। साथ ही श्रावण पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से जातक को कई लाभ भी प्राप्त होते हैं। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत करके विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करता हैं, उसकी सभी मनोकामना पूरी होती हैं। श्रावण पूर्णिमा को व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है और उनके जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन व्रत रखने से जातक को बुद्धि, स्वस्थ शरीर और लंबी आयु मिलती है। 

इसके अलावा, श्रावण पूर्णिमा को राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से भाई-बहन के रिश्ते में मजबूती आती हैं। 

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पूर्णिमा तिथि पर इस विधि करें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा

श्रावण पूर्णिमा को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए शुभ दिन माना जाता है। श्रावण पूर्णिमा की पूजा विधि इस प्रकार है:

  • श्रावण पूर्णिमा की पूजा सुबह, संध्या और रात्रि के समय की जा सकती है, जिसके लिए आपको शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए।
  • इसके बाद भगवान की पूजा के लिए एक शुद्ध जगह का चुनाव करें और उसके ऊपर आसन लगाकर बैठ जाएं।
  • पूजा सामग्री जैसे कि बेल पत्र, धूप, दीपक, अगरबत्ती, फूल, चावल, मिठाई आदि एकत्र कर लें।
  • इसके बाद पूजा की शुरुआत में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है।
  • पूजा के दौरान, शिवलिंग को गंगाजल या पानी से स्नान कराएं।
  • शिवलिंग का श्रृंगार करने के बाद, उस पर बेल पत्र रखें। इसके बाद दीपक, धूप, अगरबत्ती, फूल, चावल आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद भगवान की आरती करें और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
  • अंत में, पूजा का प्रसाद लोगों में जरूर बांटे।

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इस व्रत से मिलता है जातक को संतान सुख

श्रावण पूर्णिमा को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामना पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से जातक को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  • संतान सुख: श्रावण पूर्णिमा का व्रत संतान सुख के लिए बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से आपके परिवार में खुशहाली आती है और संतान की प्राप्ति होती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: इस दिन व्रत रखने से जातक के शरीर में स्वस्थता और ऊर्जा बढ़ती है। इससे आपको कई रोगों से छुटकारा मिल सकता है और आपकी शारीरिक ताकत बढ़ सकती हैं।
  • धन लाभ: श्रावण पूर्णिमा का व्रत रखने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इससे आपके वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और आपको धन लाभ मिलता है।
  • मन की शुद्धि: श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति का मन शुद्ध होता है। इससे आप शांति का अनुभव कर सकते हैं और अपने जीवन में सफलता प्राप्त होती हैं।

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पूर्णिमा तिथि से जुड़ी पावन कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक निर्धन व्यक्ति ने भक्ति-भाव से शिवलिंग पर जल चढ़ाया। उसने बिना किसी इच्छा के भगवान शिव को जल अर्पित किया था, जिससे भगवान शिव बेहद प्रसन्न हुए और भगवान शिव ने उस निर्धन भक्त की भक्ति को स्वीकार किया। इसके बाद भगवान शिव ने उस व्यक्ति पर अपनी कृपा की। कहा जाता है कि इसके बाद से ही श्रावण पूर्णिमा मनाई जाने लगी। 

इसके अलावा, इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो हैं। साथ ही इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जातक को संतान सुख प्राप्त होता है।

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पूर्णिमा तिथि पर करें ये धार्मिक अनुष्ठान

  • भगवान शिव का पूजन: श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव के मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें जल, धूप, फूल आदि अर्पित किया जाता हैं।
  • भगवान विष्णु की पूजा: श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है।
  • तुलसी विवाह: श्रावण पूर्णिमा के दिन तुलसी का विवाह किया जाता है। वहीं इस दिन तुलसी की पूजा और उन्हें फल, फूल आदि अर्पित किए जाते हैं।

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श्रावण पूर्णिमा पर इन नियमों का अवश्य करें पालन

  • इन दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती हैं।
  • श्रावण पूर्णिमा के दिन अमलतास, चमेली, गुलाब, शेवंती, केवड़ा, जाई आदि का फूल भगवान शिव को अर्पित करें।
  • इस दिन दान-पुण्य करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
  • पूर्णिमा तिथि पर तुलसी की पूजा करना जातक के लिए लाभदायक माना जाता हैं।
  • इस दिन अनाहारी भोजन न करें।
  • श्रावण पूर्णिमा के दिन शराब, मांस, आदि का सेवन न करें।

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पूर्णिमा तिथि पर करें ये अचूक उपाय

श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जातक को अनुग्रह और संतान सुख मिलता है। हिंदू धर्म में यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन व्रत करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन किए जाने वाले कुछ ज्योतिषी उपाय निम्नलिखित हैं:

  • भगवान शिव की पूजा: श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जातक को शुभ फल मिलता है। भगवान शिव की पूजा के दौरान शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाना शुभ माना जाता हैं।
  • गंगा स्नान: श्रावण पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। आप गंगा नदी में स्नान कर सकते हैं या फिर अपने घर में नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
  • महामृत्युंजय मंत्र: महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। इस मंत्र को 108 बार जप करें।
  • दान करें: श्रावण पूर्णिमा के दिन दान करने से धन लाभ होता हैं।

क्या पूर्णिमा के दिन चावल खा सकते हैं?

आमतौर पर लोग श्रावण पूर्णिमा के दिन सात्विक आहार का सेवन करते हैं और अन्न विशेष रूप से खाते हैं, जैसे खीर, पूरी, दही, फल आदि। चावल भी सात्विक आहार का हिस्सा माना जाता है और इसे भोजन में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, यदि आपके धर्म या आचार्य ने चावल खाने से मना किया है, तो आप चावल न खांए। इस दिन भोजन करते समय आपको सात्विकता और शुद्धता के साथ भोजन करना चाहिए ताकि पूजा का आपको शुभ फल मिल सकें।

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