आज की भागती दौड़ती दुनिया में लोग अक्सर मानसिक रूप से परेशान हो जाते हैं और यह परेशानी कई बार मानसिक रोगों यहां तक कि पागलपन का कारण भी बन जाती है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसी स्थितियां हैं जिनसे पता चलता है कि इंसान मानसिक रूप से विक्षिप्त हो सकता है या नहीं आज हम इसके बारे में अपने लेख में चर्चा करेंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा, बुध, सूर्य और बृहस्पति ऐसे ग्रह हैं जिनकी कुंडली में स्थिति आपके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताती है। यह चारों ग्रह क्रमश: आपके मन, बुद्धि, आत्मा और विवेक के कारक हैं। यदि कुंडली में यह तीनों ग्रह कुछ विशेष स्थितियों में हो तो व्यक्ति पागल हो सकता है। इन स्थितियों के बारे में नीचे बताया गया है।
यदि किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह और चंद्रमा केंद्र स्थान में हो या कुंडली के लग्न में यह दोनों ग्रह विराजमान हों तो व्यक्ति को मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। ऐसे लोग मंदबुद्धि हो सकते हैं और गलतफहमी का शिकार होकर पागल तक हो सकते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में मंगल और बुध ग्रह एक साथ बैठे होते हैं वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो सकते हैं। ऐसे लोगों को रक्त से संबंधित परेशानियां भी होती हैं। हालांकि मंगल और बुध की स्थिति को अच्छी तरह से जानकर ही इस बारे में कोई निष्कर्ष निकालना चाहिए अगर यह दोनों ग्रह अच्छी स्थिति में है तो इनका ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
जिस जातक की कुंडली में गुरु लग्न भाव में हो और सप्तम भाव में मंगल ग्रह विराजमान हो तो ऐसे लोगों को मानसिक परेशानी हो सकती है या किसी सदमे के कारण यह पागल हो सकते हैं।
जिन जातकों की कुंडली के नवम यानि भाग्य भाव या संतान भाव में सूर्य और चंद्र युति करते हैं यानि कि एक साथ बैठते हैं तो ऐसे लोग मानसिक रूप से कमजोर हो सकते हैं।
जिन जातकों की कुंडली में सूर्य-शनि-मंगल एक साथ बैठे हों वह लोग बहुत अधिक गुस्सैल हो सकते हैं और पागलपन का शिकार भी हो सकते हैं। हालांकि इसके लिए अन्य ग्रहों की दृष्टि युति और उनके स्थान को देखने के बाद ही कोई निर्णय निर्णय लेना चाहिए।
यदि जातक की कुंडली में ऊपर दी गई स्थितियों में से कोई भी हो तो उन्हें किसी भी तरह के मानसिक रोग से बचने के लिए नीचे दिए गए उपाय करने चाहिए। इन उपायों को करने से कई हद तक आप मानसिक परेशानियों से बच सकते हैं।
योग वह दवा है जो आपके हर रोग को दूर कर सकती है। यह आपके मन और तन दोनों को तंदुरुस्त करती है। यदि आप निरंतर योग ध्यान प्राणायाम आदि करते हैं तो मानसिक परेशानियों से आपको मुक्ति मिलती है और कभी ऐसी स्थिति नहीं बनती जिसके कारण आप पागल हो जाएं। हालांकि इसके लिए आपको प्रतिदिन योग करने की आवश्यकता होती है।
यदि आपकी कुंडली में कोई ऐसा योग है जिसके कारण आप मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं तो आपको किसी अच्छे ज्योतिष से इसके बारे में परामर्श करना चाहिए और उनकी सलाह को मानकर खुद में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए।
ऐसे लोगों को भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए और हर सोमवार को शिवलिंग में दूध अथवा जल अर्पित करना चाहिए। शिव जी के आशीर्वाद से व्यक्ति को मानसिक रोगों से मुक्ति मिल सकती है। इसके साथ ही हनुमान जी की पूजा-अर्चना करना भी व्यक्ति को शुभ परिणाम देता है।
बुध ग्रह को बुद्धि का स्वामी कहा जाता है इसलिए बुध ग्रह से जुड़े उपाय जैसे- बुध बीज मंत्र का जाप हरी चीजों का दान गाय की सेवा आदि आपके लिए शुभ हो सकते हैं।
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