ज्योतिष अनुसार कुंडली में स्थित ग्रह जातक के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जाते है, क्योंकि इन्हीं ग्रहों के कारण व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे और बुरे समय का अनुभव करता हैं। जहां एक तरफ, कुछ ग्रह जातक की कुंडली में उच्च स्थिति में होते है, जो व्यक्ति को सकारात्मक फल देते है। वहीं दूसरी तरफ, कुछ ग्रह जातक की कुंडली में नीच स्थिति में होते है, जो व्यक्ति को नकारात्मक फल देते है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह निर्बल होता है, तो उसे नीच ग्रह कहा जाता है, क्योंकि ये ग्रह जातक पर अशुभ प्रभाव डालते हैं। कुंडली में नीच ग्रह होने से जातक को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। नीच ग्रहों की स्थिति के कारण व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रभाव पड़ता है। साथ ही इन ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के व्यवहार, स्वास्थ्य, प्रेम जीवन और धन पर भी प्रभाव डालती हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में उपस्थित नीच ग्रहों को अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह जातक पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। जब कोई ग्रह नीच राशि में उपस्थित होता है, तो उसे नीच ग्रह कहा जाता हैं। साथ ही एक अकेला नीच ग्रह कुंडली में उपस्थित सभी शुभ फलों को निष्फल कर सकता है। नीच ग्रहों की स्थिति से व्यक्ति के व्यवहार, धन, स्वास्थ्य, प्रेम जीवन आदि पर प्रभाव पड़ता है। इन ग्रहों का प्रभाव शीघ्र होता है, जिसके कारण यह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में विघ्न उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इन ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण माना जाता है।
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मेष राशि वालों के लिए नीच ग्रहों का प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि नीच ग्रह उन ग्रहों को कहते हैं जो नीच राशि में उपस्थित होते हैं। जब ये ग्रह जातक की कुंडली में होते है, तो व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। मेष राशि को मंगल ग्रह शासित करता है। अगर वह नीच राशि में होता है, तो आपको जीवन में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और आपको नए संबंधों को बनाने में भी कठिनाई हो सकती है।
अगर आपकी राशि में शनि नीच है, तो आपके करियर में कुछ बाधाएं आ सकती हैं। आपको करियर के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है और सफलता पाने के लिए कठिन दौर से गुजरना पड़ सकता हैं। शनि की नीचता से आपको जॉब या बिजनेस में देरी का सामना करना पड़ता है। आपको अनुभवी लोगों के साथ अधिक समय व्यतीत करना चाहिए ताकि आप करियर से जुड़ी समस्याओं का हल निकाल सकें।
इस राशि के लोगों के जीवन और करियर पर नीच ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव होता है। आपकी राशि को शुक्र ग्रह शासित करता है। यदि वह नीच राशि में होता है, तो आपके जीवन में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं। आप अपने जीवनसाथी या दोस्तों के साथ संबंधों में कुछ परेशानियों का सामना कर सकते हैं। इसके अलावा, आपके धन संबंधी मुद्दों में भी कुछ परेशानियां हो सकती हैं। आपको अपनी वित्तीय योजनाओं को संभालने की जरूरत पड़ सकती है।
अगर आपकी राशि में शनि नीच है, तो आपके करियर में कुछ बाधाएं आ सकती हैं। शनि आपके करियर में देरी कर सकता है और आपको अपने कौशल का परीक्षण करने की आवश्यकता हो सकती है। आपको धैर्य रखने की जरूरत है और आपको काम के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है।
इस राशि के लोगों के जीवन और करियर पर नीच ग्रह अशुभ प्रभाव डालते हैं, क्योंकि कुंडली में स्थित नीच ग्रह जातक को नकारात्मक फल देते है। मिथुन राशि को बुध ग्रह शासित करता है और अगर आपकी राशि में बुध ग्रह नीच स्थिति में है, तो आपके जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। आपको नौकरी या व्यवसाय से जुड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता हैं। इस दौरान आपको अपनी मनोवृत्ति को संभालने की आवश्यकता है।
अगर आपकी राशि में शनि नीच स्थिति में है, तो आपके करियर में कुछ बाधाएं आ सकती हैं। आप नौकरी या व्यवसाय में संघर्ष कर सकते हैं और आपको धन संबंधी मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको धैर्य रखने और कार्यक्षेत्र पर अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है।
इस राशि के लोगों के जीवन और करियर पर नीच ग्रह नकारात्मक प्रभाव डालता है। कर्क राशि पर चंद्रमा शासन करता है और अगर आपकी राशि में चन्द्रमा नीच होता है, तो आप अपने जीवन में कुछ दुखद घटनाओं का अनुभव कर सकते हैं। आपका मन उदास रह सकता है और आपको तनाव भी हो सकता हैं। आप अपने व्यवसाय में संघर्ष कर सकते हैं और आपको अपने करियर को लेकर बनाए लक्ष्यों को पाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। आप घर के मामलों में भी कुछ समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
अगर आपकी राशि में बुध नीच स्थिति में है, तो आप व्यवसाय में धन संबंधी मुद्दों से गुजर सकते हैं। आपको समय-समय पर अपने वित्तीय मामलों की जांच करनी चाहिए। आप जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव और करियर में संघर्ष का सामना कर सकते हैं। इस दौरान आपको सोच-समझकर निर्णय लेने चाहिए, क्योंकि यह समय काफी कठिन होता हैं।
सूर्य ग्रह सिंह राशि पर शासन करता है और अगर यह ग्रह आपकी कुंडली में नीच है, तो जातक को अपने व्यवसाय में धन संबंधी मुद्दों से गुजरना पड़ सकता है। इसके कारण आपको करियर में संघर्ष और व्यवसाय को लेकर बनाए लक्ष्यों को पाने के लिए कठिन मेहनत करनी पड़ सकती है। साथ ही आपको संबंधों को बनाए रखने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता हैं। अगर आपकी राशि में शनि नीच होता है, तो आप व्यवसाय में कुछ मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। यह स्थिति आपके वित्त को भी प्रभावित कर सकती है और इस दौरान आप आर्थिक तंगी का सामना कर सकते है, इसलिए आपको वित्त बजट बनाना चाहिए और इस समय आपको धैर्य रखना चाहिए।
कन्या राशि के जीवन और करियर पर नीच ग्रहों का प्रभाव अशुभ होता है। ये ग्रह लोगों के जीवन में कुछ बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही इस राशि का शासक ग्रह बुध है। अगर आपकी राशि में बुध नीच होता है, तो आप लोगों से संबंध बनाने में कुछ मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। इतना ही नहीं आपको अपने कार्यक्षेत्र में काम करते समय अधिक ध्यान और सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही आपको इस दौरान अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं। आपको अपने करियर के साथ-साथ प्रेम जीवन में भी संघर्ष का अनुभव हो सकता है।
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तुला राशि के जीवन और करियर पर नीच ग्रहों का प्रभाव अधिक होता है। तुला राशि का शासक ग्रह शुक्र है और अगर ये आपकी कुंडली में नीच होता है, तो आपको लोगों के साथ अच्छी तरह संबंध बनाने में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इससे आपके रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है। आपको अपने व्यवसाय में सफलता पाने के लिए कठिन मेहनत करनी पड़ सकती है।
अगर आपकी राशि में शनि नीच होता है, तो आपको व्यवसाय में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन आपको इस दौरान धैर्य रखना चाहिए और अपने काम में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यह स्थिति आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है। साथ ही काम के कारण आपको तनाव भी हो सकता है, इसलिए अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना आपके लिए बेहद जरूरी है।
वृश्चिक राशि के जातकों के जीवन और करियर पर नीच ग्रह अधिक प्रभाव डालते है। नीच ग्रहों में शनि, राहु और केतु शामिल होते हैं। शनि जातक के करियर को प्रभावित कर सकता हैं। हालांकि, जब शनि वृश्चिक राशि में नीच होता हैं, तो यह जातक के करियर विकास पर असर डालता है। इससे व्यक्ति को अपने करियर में आगे बढ़ने में देरी का सामना करना पड़ता है। मंगल इस राशि का शासक ग्रह है। यदि मंगल नीच होता है, तो इस राशि के जातक को भूमि, शक्ति आदि चीजों में परेशानी हो सकती हैं।
अगर राहु और केतु वृश्चिक राशि में नीच होते हैं, तो यह ग्रह जातक को अशुभ फल प्रदान करते हैं। जहां, राहु कुंडली में अस्थिरता का संकेत माना जाता है, जो वृश्चिक राशि वालों को आगे बढ़ने से रोकता है। वहीं, केतु धोखे का प्रतीक माना जाता हैं। लेकिन वृश्चिक राशि में नीच होने से वे जातक के जीवन में उलझन और अस्थिरता उत्पन्न कर सकता हैं।
बृहस्पति ग्रह धनु राशि पर शासन करता है। अगर यह ग्रह नीच होता है, तो जातक को व्यक्तित्व, धर्म, कर्म आदि में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर शनि ग्रह कुंडली में उच्च है, तो यह जातक को करियर में मदद करता हैं। लेकिन जब शनि धनु राशि में नीच होता हैं, तो यह व्यक्ति के करियर विकास पर असर डालता है। इसके कारण जातक को करियर में देरी का सामना करना पड़ता हैं और व्यक्ति अपने काम के संबंध में अनिश्चितता महसूस करता हैं।
अगर राहु और केतु धनु राशि में नीच होते हैं, तो यह जातक के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। राहु जीवन में उलझन और अस्थिरता का संकेत देता है, जो धनु राशि वालों को आगे बढ़ने से रोकता है। केतु नीच होने पर जातक के जीवन में असंतुलन ला सकता है।
मकर राशि के जातकों के जीवन और करियर पर नीच ग्रहों का प्रभाव अधिक होता है। शनि इस राशि का शासक है और यदि शनि मकर राशि में नीच स्थिति में हैं, तो यह उनके करियर के विकास पर असर डाल सकता है। इसके कारण मकर राशि के जातक को करियर में देरी और संबंधों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं। साथ ही इसके कारण व्यक्ति को अपने काम में अनिश्चितता महसूस हो सकती है।
अगर राहु और केतु मकर राशि में नीच होते हैं, तो यह जातक के करियर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, क्योंकि यह दोनों अशुभ ग्रह माने जाते हैं। राहु जीवन में उलझन और अस्थिरता का संकेत देता है, जो मकर राशि वालों को आगे बढ़ने से रोकता है। केतु नीच होने पर मकर राशि के करियर में कई परेशानियां पैदा करता हैं।
शनि ग्रह कुंभ राशि पर शासन करता है। अगर शनि कुंभ राशि में नीच होता हैं, तो इस राशि के लोगों के जीवन और करियर में कई बड़े बदलाव होते हैं। साथ ही नीच ग्रह के कारण जातक को अपने करियर में सफलता हासिल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है और समाज में इन लोगों की छवि भी प्रभावित हो जाती हैं।
अगर राहु और केतु कुंभ राशि में नीच होते हैं, तो यह जातक के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। राहु जातक के जीवन में अस्थिरता और उलझन को बढ़ाता है, जो कुंभ राशि वालों को उनके लक्ष्यों को हासिल करने में रोकता है। केतु जातक के जीवन में असंतुलन उत्पन्न करता है, जिसके कारण इस राशि के जातक को अपने जीवन को संतुलित करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मीन राशि वालों के जीवन और करियर पर नीच ग्रह अधिक प्रभाव डालते है। बृहस्पति इस राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। अगर बृहस्पति मीन राशि में नीच होता है, तो जातक पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण जातक जीवन में असफलता और विपरीत परिणामों का सामना करता है।
अगर जातक की कुंडली में शनि ग्रह नीच होता है, तो व्यक्ति को परिवार में समस्या, करियर, तनाव, असंतुलन आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। इस स्थिति में जातक को धैर्य और सोच-समझकर निर्णय लेने चाहिए।
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