भारतीय मनीषियों ने अपने ज्ञान और अध्यात्म के बल पर दुनिया में सकारात्मक परिवर्तन लाने की हमेशा कोशिश की है। इनके द्वारा दी गई कई ऐसी शिक्षाएं हैं जिनको हम अपने जीवन में लाकर आज भी खुद को मानसिक, शारीरिक, आत्मिक रूप से स्वस्थ कर सकते हैं। हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा दी गई इन्हीं अनमोल उपलब्धियों में से एक है मंत्र। आज अपने इस लेख में हम मंत्र जाप कैसे हमारे लिए उपयोगी हैं और कुछ मंत्र जो आपके जीवन में क्रांति ला सकते हैं उनके बारे में बात करेंगे।
मंत्रों में तरंगात्मक उर्जा होती है जिससे व्यक्ति को शक्ति मिलती है हालांकि इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। मंत्रों के लगातार उच्चारण से मनुष्य के अंदर सकारात्मकता ऊर्जा आती है और व्यक्ति को आत्मज्ञान होता है। परिभाषा के तौर पर कहा जाए तो, वह ध्वनि जो कुछ अक्षरों और शब्दों के समूह से बनती है उसे मंत्र कहा जाता है।
हर मंत्र की अपनी ऊर्जा और अपनी शक्ति होती है परंतु ॐ (ओइम्) हर मंत्र का अधिपति माना जाता है। यह कहा जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी मंत्र का सबसे पहले जन्म हुआ था और यही मंत्र ज्ञान का मूल स्रोत है। आइए अब उन मंत्रों के बारे में विचार करते हैं जो आपके जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं।
ॐ नमो नारायण। या श्रीमन नारायण नारायण हरि-हरि।
इस मंत्र के निरंतर जाप से व्यक्ति को मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही यह मंत्र व्यक्ति को मन और बुद्धि के बीच भी संतुलन बिठाता है। यह मंत्र भगवान विष्णु से संबंधित है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्द्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
यह मंत्र भगवान शिव से संबंधित है और इसके जाप से व्यक्ति को मृत्यु पर विजय मिलती है। व्यक्ति जन्म-मरण के चक्र से छूट जाता है। इसके साथ ही व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान भी प्राप्त होता हैै।
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
गायत्री मंत्र के बारे में लगभग हर भारतीय जानता है। यह सबसे ज्यादा जाप किये जाने वाला मंत्र है। मंत्र से व्यक्ति को सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही यह मंत्र व्यक्ति को मानसिक शक्ति और डर से मुक्त भी करता है।
ॐ गं गणपते नम:।
इस मंत्र का संबंध भगवान गणेश से है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है उनके इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सारी विघ्न-बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
ॐ नम: शिवाय।
भगवान शिव का यह मंत्र व्यक्ति को शीतलता प्रदान करता है। इस मंत्र के निरंतर जाप से सभी चिंताओं से मुक्ति मिलती है। इस मंत्र को महामंत्र की संज्ञा भी दी जाती है। रुद्राक्ष की माला के साथ इस मंत्र का जाप करना और भी शुभ माना गया है।
किसी भी मंत्र के जाप को शुद्ध मन से शुरु करना चाहिए। मंत्र की आवृति भी एक ही होनी चाहिए, यदि आपने पहले दिन मंत्र का जाप 11 बार किया है तो निरंतर 11 बार ही जाप करना चाहिए। यदि आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए मंत्र जाप कर रहे हैं तो इसे किसी को बताएं न।
‘षड कर्णो भिद्यते मंत्र’- अर्थात ज्यादा कानों में मंत्र के बारे में बताकर इसकी शक्ति खत्म हो जाती है। इसके साथ ही मंत्र जाप का समय भी एक ही होना चाहिए। निश्चित समय पर मंत्र का निरंतर जाप आपकी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है साथ ही आपकी भावना भी शुद्ध होनी चाहिए। ।
वर्तमान समय में व्यक्ति कई मुश्किल परिस्थितियों से गुजर रहा है। पूरी दुनिया में इस समय कोरोना महामारी फैली है जिसकी वजह से लोगों में नकारात्मकता फैल रही है। इस नकारात्मकता को दूर करने के लिए भी मंत्रों का उच्चारण सार्थक हो सकता है।
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