पिरामिड का उल्लेख पुराने ग्रंथों में मिलता हैं,परंतु हिंदू धर्म के अधिकतर ग्रंथ विदेशी आक्रमणकारियों ने या तों जला दिये या नष्ट कर दिये अथवा लुटकर अपने साथ ले गये | इसी लिये पिरामिडों से लाभ विदेशियों ने ही ज्यादा उठाया हैं| विदेशों मे मरने के बाद शव पर विभिन्न द्रवों का लेप करके पिरामिडों में रखने का उल्लेख मिलता हैं| इससे ये शव , हजारों साल बाद भी सुरक्षित पाये जाते हैं|
यह सब पिरामिडों की देन हे , क्योंकी पिरामिड ब्रम्हांड से नकारात्मक अंशो को सकारात्मक अंशो में परिवर्तित करते हैं| और यह परिवर्तन अणु की गति से होता हैं|आजकल यह पुनः प्रचलन में आ रहा है| तथा इसके प्रभाव को अधिक प्रतिभा संपन्न लोग , जैसे डाक्टर या विशेषज्ञ अधिक समझ पा रहे हैं | इनको घर में रखने से घर के अंदर के दूषित प्रभाव नष्ट होकर अच्छे परिणाम देता हैं| इस से हमारे जीवन में नवीन उत्साह का संचार होता हैं |
पिरामिड से उत्पन्न होने वाली शक्ती में इतनी ‘ताकद’ होती हैं की, उससे पिरामिड अपने रोज की दिनचर्या में बहुत उपयुक्त है| उससे भरपूर लोगों का जीवन सुधरते हुंये पाया हैं |
पिरामिड में पानी भर कर रखने से इसके अंदर की चुंबकीय शक्ती उस पानी में परावर्तीत होती रहती हैं| इससे पिरामिड में भरा हुआ पानी पिने से बहुत सारे लाभ होते हैं | स्नायु ओं का दर्द , शरीर का दर्द,हात पैर का सूजना इत्यादी दर्द तुरंत ठीक होते हैं|
सुती वस्त्र को पिरामिड के अंदर रखे पानी में भिगौं कर रखे| और दर्द होने वाले अंग पर उसे दिन में दो बार बांधकर रखे | पिरामिड में प्रतिदिन पानी भर कर रखे और उसे हर दिन पिना चाहिए| अनेक प्रकारों के त्वचा रोग, जले हुये अंग आदी बातों पर इस में भरा हुंआ पानी गुणकारी रहता है|
अल्सर, मधुमेह, हृदयविकार, अर्धांगवायू आदि विकारों पर भी pyramid में भरा हुंआ पानी उपयुक्त रहता है| शारिरीक और मानसिक दोनों ही बिमारिया दुर कर सकता है |इसके अलावा यह पानी पेडों देने से वह अच्छी तरह से बहरते हैं |
पिरामिड धारण करने से भी अनेक प्रकार के रोग दूर होने में मदद होती हैं | पिरामिड धार्मिक जगहों पर अलग अलग धातू ओं में भी उपलब्ध रहते हैं | छोटे-बडे आकार के फायबर से बने हूये सफेद रंग में भी मिल जाते हैं | बडे पिरामिड आधे घंटे तक माथे पर रखने से सर्दी, जुकाम, सिर् दर्द, दातों का दुखना, छोटी – बडी जखम, आँखें जलने की तकलिफे, मुह आना, अपचन इत्यादी रोगों पर बडी जल्दी आराम मिलता हैं | इस के उपयोग से वजन भी घटा सकते हैं| तुटी हुयी हड्डिया जुडने में और देह की रोग प्रतिकारक शक्ती बढाने में भी बडी सहायता होती हैं |
घर के अंदर कमरों में पिरामिड रखने से झगडे रुक कर शांती प्रस्थापित होती हैं |इस सोने के वक्त बाजू में रखने से शांत ध्यान युक्त नींद आती है | पिरामिड को कई लोग उनके ऑफीस में भी रखते है ताकी काम पर focus बना रहे| यह Meditation में भी बहुत सहायक है |
इस में भरा हुंआ पानी बालों के लिये उत्तम टॉनिक के स्वरूप हैं | डँड्रफ दूर करने में, बालों का कालेपन बढाने हेतू , टक्कल रोखने के लिये, चेहरा सतेज बनाने आदी विषयों में उपयुक्त ठरता हैं |
घर बनवाने से पहले जगह की शुध्दता करना आवश्यक रहता है | इसलिये जगह के चार ही कोनों में नौ- नौ पिरामिड और मध्य में भी नौ पिरामिड दफनाए | मगर ये सभी पिरामिड ९ या १२ इंच के होने चाहिए | घर का निर्माण कार्य शुरु करने से पहले घर की नींव में यह रखवा देने से जगह दोषमुक्त होकर शुध्द हो जाती है| ऐसी जगह पर घर बनवाने से वह वास्तुदोष से मुक्त रहता है|यह हमे कभी नुकसान नही पहुंचाते बल्की फायदा ही पहुंचाते हैं|
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