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घर में पूजा करने के नियम : नियमानुसार करें घर में पूजा और पाएं भगवान का आशीर्वाद, खुशहाल बनाएं अपना जीवन

वहीं पूजा एक ऐसी भावना है, जो भक्तों को भगवान से जोड़ती है। इसीलिए भक्त हमेशा अपने आराध्य को याद करने के लिए प्रतिदिन अपने-अपने घर में पूजा पाठ करते हैं। आमतौर घर में पूजा करने के लिए लोग विशेष नियम और विधि का पालन नहीं करते हैं। जबकि घर में की जाने वाली पूजा के लिए भी कुछ नियमों का आवश्यक तौर पर पालन किया जाना चाहिए।

विशषज्ञों की मानें तो अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो पूजा-प्रार्थना से संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होते हैं। यही नहीं, ऐसी पूजा को अधूरी पूजा माना जाता है। इसलिए पूजा पाठ करने से पहले कुछ नियमों को जान लेना अत्यधिक आवश्यक होता है। हिन्दू धर्म में पूजा से जुड़े नियमों का पालन करना बेहद अहम माना गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि घर में पूजा करने के क्या नियम हैं और किस तरह की विधि का पालन किया जाना चाहिए।

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पूजा करने से पहले करें स्नान

इसी के साथ पूजा करना एक धार्मिक अनुष्ठान होता है। इसके तहत हम भगवान के समक्ष हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं। किसी भी धार्मिक गतिविधि से पहले स्नान करना अनिवार्य होता। वास्तव में, भक्ति और श्रद्धा के साथ-साथ शरीर की स्वच्छता भी पूजा पाठ में अहम भूमिका निभाती है। वैसे भी नित यह कहा जाता है कि पूजा के दौरान तन-मन शुद्ध होना चाहिए। इससे आसपास का माहौल में सकारात्मक वातावरण उत्पन्न होता है, जिससे पूजा-पठ में अत्यधिक मन लगता है। घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और मन में अच्छे विचार आते हैं।

पूजा-घर की स्वच्छता

जिस तरह पूजा करने से पहले खुद को स्वच्छ रखना जरूरी है, उसी तरह अपने पूजा घर और पूजा में इस्तेमाल होने वाले सभी वस्तुओं की साफ-सफाई भी की जानी चाहिए। वैसे भी पूजा के महत्वपूर्ण नियमों में से यह भी है कि आप हमेशा ऐसे स्थान पर ही भगवान की मूर्ति को स्थापित करें, जहां पर स्वच्छता हो और साथ ही हमेशा हमें शुद्ध एवं पवित्र  जगह पर आसन बिछाकर भगवान की साधना करनी चाहिए।

पूजा के लिए आसन का उपयोग करें

वहीं पूजा करने के लिए ऊनी आसन का उपयोग किया जाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से आप जमीन से भी जुड़े रहते हैं और आपका मन भी शांत रहता है जिससे पूरी तरह ईश्वर की भक्ति भाव में लीन हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पूजा-पाठ बिना आसन के नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा करना अच्छा नहीं होता है। यही नहीं, पूजा के बाद अपने आसन के नीचे दो बूंद पानी की भी जरूर डालें और उसे माथे पर लगाकर तभी उठें वरना आपकी पूजा का फल देवराज इंद्र को चला जाता है।

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पूजा हमेशा समय पर करें

कुछ चीजें हमेशा निश्चित समय पर ही करनी चाहिए जैसे कि भगवान की आराधना। आप अपने दैनिक जीवन में चाहे कितना भी व्यस्त क्यों ना हों, लेकिन एक मनुष्य होने के नाते आपके मन में हमेशा यह बात निश्चित होनी चाहिए कि आप समय निकालकर भगवान की आराधना तय समय पर कर सकें। साथ ही में आपको अपने घर में भगवान की आराधना करने के लिए एक निश्चित स्थान भी तय करना चाहिए, जिससे भगवान की कृपा आप पर और आपके घर पर हमेशा बनी रहेगी।

अगर आप पूजा पाठ करने में वक्त के पाबंद नहीं हैं, तो वक्त निकल जाने के बाद पूजा करने का कोई अर्थ नहीं बनता। हालांकि कभी ऐसा हो सकता है कि मुहूर्त में दुविधा होने की वजह से पूजा करने में थोड़ा विलंब हो तो उसे एक त्रुटि समझ कर भूला जा सकता है। लेकिन जानबूझकर भगवान की आराधना देर से करना या फिर और निश्चित रूप से ना करना शास्त्रों में सही नहीं माना गया है। इसलिए आप समय निकालकर भगवान की आराधना निश्चित समय पर करें।

घर में पूजा करते समय दिशाओं का ध्यान रखें

कभी भी घर बनाते समय अपने घर का एक कोना ऐसा जरूर चुनें, जहां पर आप भगवान की भक्ति आराधना कर सकें। साथ ही इस बात पर भी ध्यान दें कि जो भी जगह आप अपने आराध्य के पूजा पाठ करने के लिए तय कर रहे हैं, वह बिल्कुल सही दिशा में होनी चाहिए। अगर आपको दिशाओं का सही ज्ञान नहीं है तो किसी ज्योतिषी से संपर्क करके आप इस बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। लेकिन कभी भी घर में गलत दिशा में पूजा पाठ करने की व्यवस्था ना करें वरना इससे घर में नकारात्मकता का माहौल फैल सकता है। साथ ही कठिन परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि आप अपने आराध्य की पूजा हमेशा पूर्व, उत्तर या ईशान कोण की ओर मुख करके कर सकते हैं। पूजा करते समय कभी भी हमारी पीठ देवी-देवता की तरफ नहीं होनी चाहिए ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

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चंदन को तांबे के पात्र में ना रखें

पूजा में  चंदन का बहुत ही महत्व होता है, साथ ही इसे पूजा पाठ की सामग्री में भी शामिल किया जाता है। आपको इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आप कभी भी चंदन को तांबे के पात्र में ना रखें। साथ ही इस बात का भी ध्यान दें, कि आप भगवान या फिर देवी-देवताओं को कभी भी पतला चंदन ना लगाएं ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

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दीये के नीचे चावल रखें

जब भी आप घर में पूजा करें और घर के मंदिर में भगवान की मूर्ति के सामने दीया जलाएं, तो उसके नीचे आप हमेशा चावल जरूर रखें। ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मकता का माहौल बना रहता है और घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है। साथ ही पूजा के दौरान कभी भी दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए।

पंचदेव की आराधना

पंचदेव यानी कि सूर्य देव, श्री गणेश, दुर्गा माता, शिवजी एवं श्री विष्णु भगवान की पूजा प्रतिदिन जरूर करें। यह हमारे पंचदेव कहलाते हैं, जिनकी रोज आराधना करना अतिआवश्यक होता है। ऐसा करने से ये सभी देवगण आपके घर पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं और आपका घर हमेशा सुख-समृद्धि से भरा रहता है। इसलिए पूजा पाठ करते समय इन पंच देव की आराधना करना ना भूले।

भगवान की आप कितनी बार आरती कर सकते हैं?

आप सभी अपने घर में पूजा पाठ करते हैं तो आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि आप रोज पूजा में ईश्वर की सुबह–शाम आरती जरूर करें क्योंकि आरती पूजा पाठ का एक अभिन्न अंग है। इसके बिना पूजा कहीं ना कहीं अधूरी रह जाती है। यदि संभव हो तो आप आरती दिन में पांच बार भी कर सकते हैं। वैसे दिन भर में कम से कम एक बार जरूर आरती की जानी चाहिए।

इसके अलावा आप जब भी आरती करें तो आरती हमेशा खड़े होकर करें और सबसे पहले उसे अपने आराध्य के चरणों की तरफ चार बार, उसके बाद नाभि की तरफ दो बार और अंत में एक बार मुख की तरफ घुमाएं। ऐसे कुल सात बार करना चाहिए। आरती करने के बाद उस पर से जल फेर दें और अपने आसपास की जगह पर उस जल को जरूर छिड़कें। ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है। आरती समाप्त होने के बाद आप स्वयं आरती लें और अपने परिवार के लोगों को भी आरती दें। प्रसाद स्वरूप सभी लोगों पर जल छिड़कें। आरती के बाद हमेशा दोनों हाथ से आरती ग्रहण करें।

पूजा में मुरझाए फूल ना चढ़ाएं

याद रखें कि पूजा करते समय भागवान के चरणों में कभी भूल से भी मुरझाए फुल ना चढाएं। कई बार हम सूखे और बासी फूलों का हार भगवान पर चढ़ा देते हैं, और अगले दिन बिना उस माला को बदले पूजा शुरू कर देते हैं। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, यह अशुभ होता है। इसे बेहद अशुभ माना जाता है। इसलिए रोज भगवान को ताजे फूल चढाएं और रोज नए फूलों की माल भी पहनाएं।

घर के मंदिर से भगवान की खंडित मूर्ति हटाएं

कभी भी घर के मंदिर में टूटी हूई मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करना बिलकुल भी शुभ नहीं होता है। अगर मूर्ति खंडित हो गई है तो उसे तुरंत नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। अगर आपके घर के आसपास कोई नदी नहीं है, तो आप पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर भी उस टूटी मूर्ति या प्रतिमा को रख सकते हैं। 

पूजा में तुलसी का सूखा पत्ता चढ़ाना अशुभ है

माना जाता है कि भगवान विष्णु और कृष्ण जी को तुलसी पत्ता चढ़ाना बहुत शुभ होता है, लेकिन ध्यान रहे कि तुलसी पत्ते हमेशा ताजा ही चढ़ाएं क्योंकि सुखे पत्ते चढ़ाने से पूजा विफल हो सकती है। साथ ही इसे बहुत अशुभ भी माना जाता है।

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