आपको बता दें कि ज्योतिष में राहु को एक पापी ग्रह माना जाता है। वही इसके परिवर्तन से काफी बड़े बदलाव होते है। इसी के साथ आने वाली 17 मार्च 2022 को राहु मेष राशि में प्रवेश करेगा और 18 महीने बाद राहु का राशि परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए कई बड़े बदलाव को लेकर आ सकता है। वहीं मार्च 2022 में होने वाले राहु गोचर का असर देश की अर्थव्यवस्था, राजनीति और आम जनजीवन पर हो सकता है।
साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध में कई हजार लोगों ने अपनी जान गवाह दी है। इस लड़ाई से पूरी को बहुत सहमी हुई है। अगर समय रहते इस लड़ाई को रोका नही गया, तो इसके परिणाम काफी विनाशकारी हो सकते है। वहीं रुस ने 24 फरवरी की सुबह यूक्रेन पर हमला बोला था। इसके बाद से ही दोनो देशो के बीच गंभीर जंग शुरु हो गई। और जहां एक तरफ अमेरिका के साथ कई पश्चिमी देश रूस-यूक्रेन युद्ध पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ देश रूस के साथ खड़े दिखाई पड़ रहे हैं। इस जंग से पूरी दुनिया दो हिस्सों में बंटती नजर आ रही है।
ज्योतिष अनुसार रूस और यूक्रेन के बीच की जंग से हो रही तबाही के लिए मंगल के उच्च राशि में गोचर और मकर राशि में पंचग्रही योग जिम्मेदार है।
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आपको बता दें कि ज्योतिष के अनुसार राहु और केतु ग्रहों की चाल हमेशा उल्टी रहती है। साथ ही इन दोनों ग्रह की चाल अशुभ प्रभाव ही देती है। वहीं ये ग्रह 18 महीने में राशि परिवर्तन करते हैं। आने वाली 17 मार्च को राहु ग्रह वृषभ राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगा। जहां पर वह अगले करीबन डेढ़ साल तक रहना वाला है। अगर राहु के मेष राशि में प्रवेश के समय की कुंडली का आंकलन किया जाएं, तो मकर राशि में शनि, मंगल और शुक्र 3 ग्रहों की युति बन रही है। और यह युति पूरी दुनिया में बड़ी उथल-पुथल मचा सकती है। वहीं इस युति का भारत देश पर भी हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मेष राशि में राहु ग्रह का आना खाने-पीने की चीजों का संकट लेकर आता है। इसी के साथ राहु का मेष राशि में प्रवेश रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत की अर्थव्यस्था पर बुरा असर डाल सकता है। साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसके कारण देश की जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि यूक्रेन और रूस पूरी दुनिया के बड़े गेहूं उत्पादक देश हैं और रूस-यूक्रेन युद्ध से गेंहू की कीमतों में भारी इजाफा होगा। इसके कारण कई देशों में खाद्य संकट भी पैदा हो सकता है। इतना ही नही राहु ग्रह का गोचर भारत में बमौसम की बारिश भी करा सकता है, जिसके कारण खेतों में खड़ी फसलों को बहुत नुकसान हो सकता है।
जहां एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध ने काफी गंभीर रुप धारण कर लिया है। वही दूसरी तरफ इस युद्ध के कारण स्टॉक मार्केट पर भी काफी असर होगा। साथ ही अप्रैल में मेष राशि से एकादश भाव में कुंभ राशि में शनि-मंगल की युति और जून में मेष राशि में राहु-मंगल की युति स्टॉक मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव लेकर आ सकती है। इसलिए आपको इस बार अधिक सोच-विचार के बाद ही निवेश में अपना पैसा लगाना चाहिए।
मार्च माह में होने वाला राहु का गोचर भारत की राजनीति के लिए काफी अशुभ साबित हो सकता है। साथ ही माह अप्रैल से लेकर सितंबर के बीच राजनीतिक में बड़ी उथल-पुथल हो सकती है। आपको बता दें कि बड़े नेताओं या अधिकारियों से जुड़ी किसी तरह की कोई अप्रिय घटनाएं भी हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त प्रकृति आपदा जैसे बाढ़,भूस्खलन आने की भी आशंका जताई जा रही है।
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बता दें कि जब भी शनि, मकर राशि में होता है, तो वह पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी साबित होता है। इसके कारण बड़े रोग फैलते हैं, युद्ध होते हैं या अराजकता एवं महंगाई बढने की अधिक संभावना होती है। साथ ही शनि के मकर राशि में रहने से भारत, रूस, अफगानिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्रों में हमेशा युद्ध के हालात बनते हैं या फिर युद्ध होता है।
इसी के साथ साल 1962 में भारत-चीन युद्ध हुआ था, साल 1992 में अफगानिस्तान में गृह युद्ध के बाद तालिबान को कब्जा किया और अब 2022 में रूस यूक्रेन युद्ध। वहीं हर 30 सालों के अंतर पर शनि ने इन्हीं क्षेत्रों में युद्ध या हिंसात्मक स्थिति बनाई है।
वहीं पिछले दो वर्षो से पूरी दुनिया में महामारी के कारण अशांति फैली हुई है। इसके बाद भारत-चीन के बीच भी तनाव बढ़ा हुआ है। और साल 2020 में गलवान घाटी विवाद में भारत और चीन के कई सैनिक मारे गए थे। उस वक्त भी शनि ग्रह मकर राशि में गोचर हो रहा था। और शनि, मकर राशि में 28 अप्रैल 2022 तक रहेगा। जब तक पूरी दुनिया में तनाव का माहौल बना रहेगा।
जब से रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु हुआ है, तब से पूरी दुनिया में डर का माहौल बना हुआ है। बता दें कि इस जंग को लेकर कई ज्योतिषी भविष्यवाणियां भी सामने आई है। वही रुस और यूक्रेन के हालात को देखते हुए आगे परिस्तिथी के और भी गंभीर होने की संभावना जताई जा रही है। ज्योतिष अुनसार अगर समय रहते इस जंग पर विराम नही लगाया गया, तो परिणाम काफी घातक को सकते है।
वहीं इस जंग से बाकी देशो के भी काफी परेशानी को सामना करना होगा। अगर अगले 5-10 दिनों में दोनों देश शांत नही हुए, तो तीसरा विश्वयुद्ध होने की संभावना है। और यह युद्ध पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी साबित होगा।
आपको बता दें कि इन दोनों देशों के बीच मार्च के मध्य महीने तक जंग जारी रह सकती है।
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