शिव जी एक ऐसे भगवान माने जाते हैं, जो अपने भक्तों से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। जैसा कि इनके नाम भोलेनाथ से ही पता चलता हैं। भगवान शिव को मानना बहुत आसान होता हैं। जहां एक तरह सावन आने वाले हैं तो वही यह दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महत्पूर्ण दिन माने जाते हैं इन दिनों आप भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। बता दें कि सावन हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना होता है जो शिव भक्तों द्वारा मनाया जाता है। पूरे महीने उपवास और पूजा-अर्चना करने वाले सावन को अत्यंत शुभ माना जाता है। अगर आपके मन में भी यह सवाल आता है कि कैसे करें शिव जी को प्रसन्न (kaise karen shiv ji ko prasanna) तो सावन के दिन आपके लिए बहुत महत्पूर्ण होते हैं। इन दिनों आप भगवान शिव की पूजा कर उन्हे प्रसन्न कर सकते हैं।
सावन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सोमवार का व्रत है। सोमवार का व्रत पूर्ण रूप से शिव को समर्पित है। इससे जुड़ी कहानी यह है कि समुद्र मंथन के बाद समुद्र से कई कीमती रत्न निकले। जो निकला वह विष था, जिसे भगवान शिव ने निगल लिया। माता पार्वती अपने पति की रक्षा के लिए माता पार्वती ने जहर को शिव जी के शरीर में प्रवेश करने से रोकने के लिए तुरंत उनकी गर्दन पकड़ ली। इसके परिणामस्वरूप शिव का कंठ नीला हो गया।
ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित होते हैं और पृथ्वी का वातावरण शिव शक्ति और शिव की भक्ति से गूंज उठता है। ऐसी मान्यता है कि सावन के माह में भगवान शिव की भक्ति करने से शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और हमारे दुखों का अंत भी करते हैं। इस महीने में भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों की भीड़ लग जाती हैं और भक्त बड़े प्रेम भाव से भगवान शिव की पूजा अर्चना करते नजर आते हैं। शिव पुराण के अनुसार देवों के देव महादेव को प्रसन्न करना बेहद आसान माना जाता है। ऐसी मान्यता है, कि भगवान भोलेनाथ अपने नाम की तरह की बेहद भोले और सरल है इसलिए उनको प्रसन्न करना बिल्कुल आसान है।
बाता दें कि इस साल 2022 में सावन माह की शुरुआत 14 जुलाई से शुरू हो रहे है और 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। इस बार इस सावन के सोमवार महत्पूर्ण हैं, जिन दिनों में आप भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। तो चलिए जानते है कैसे करें शिव जी को प्रसन्न (kaise karen shiv ji ko prasanna)
भगवान शिव को बेल पत्र बेहद प्रिय और पसंद होता है, इसलिए शिव जी को प्रसन्न करने के लिए आप पूजा करते समय शिवलिंग पर बेल पत्र को अवश्य चढ़ना चाहिए। इस बात का ध्यान रखे कि बेल पत्र पर ज्यादा धारियां न हो और यह 3 से 11 दलों का होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव पर बेल पत्र चढ़ाने से व्यक्ति को बड़े से बड़े रोग दूर हो जाते हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है, और सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।
ज्योतिषी शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर दूध और जल से अभिषेक करने पर व्यक्ति के मानसिक और शारीकिर दोनों तरह के कष्टों से छुटकारा मिलता है। बता दें कि ऐसा माना जाता है, कि यदि जातक नियमित रूप से शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है, तो उसका दुर्भाग्य भी भगवान शिव सौभाग्य में बदल देते है, इसलिए यदि आपको भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा पाना चाहते है, तो हर रोज शिवलिंग पर दूध और जल से अभिषेक जरूर करें।
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हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है, कि सिर्फ चावल के 4 दानों से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है, इसलिए भगवान शिव की पूजा करते समय शिवलिंग पर अक्षत (यानी साबुत चालव) अवश्य चढ़ाना चाहिए। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखे की चावल साफ और इसके टुकड़े नही होने चाहिए, ऐसा माना जाता है, कि अखंडित अक्षत की तरह ही भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्त को धन-दौलत, पद-प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं।
भगवान भोलेनाथ को धतूरा प्रिय होता है, इसलिए शिव जी की पूजा करते समय धतूरा अवश्य चढ़ाना जाता हैं। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर है, भक्त की सभी मनोकामनाओं को अवश्य पूर्ण करते है।
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आप सोमवार का उपवास रखकर भी भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार सावन के महीने में व्रत रखने दौरान कुछ खास रस्मों का पालन करना चाहिए, जो इस प्रकार है।
वहीं सावन सोमवार का व्रत विवाहित महिलाएं सुखी और आनंदमय वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रख सकती हैं। अविवाहित महिला भी अच्छे पति की प्राप्ति की चाह और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत करती है। ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी विश्वास और भक्ति के साथ इस व्रत को रखता है, तो उसे स्वयं महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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