ज्योतिष शास्त्र में जातक की कुंड़ली काफी महत्व रखती है। क्योंकि जातक की कुंडली के आधार पर जातक के आने वाले भविष्य के बारे में अध्ययन किया जाता है। साथ ही इसके माध्यम से जातक के जीवन में चल रही गतिविधियों के बारें में भी पता लगाया जाता हैं। हिंदू धर्म में जातक की कुंड़ली को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि जातक की कुंड़ली के आधार पर ही शादी, कुंड़ली मिलान आदि किए जाते हैं। एक जातक को समझने के लिए उसकी कुंड़ली बेहतर विकल्प है। लेकिन कई बार जातक की कुंड़ली श्रापित हो जाती है। और इस श्रापित कुंड़ली के कारण जातक को काफी परेशानियों का सामना करना होता है। इसी कारण जातक की कुंड़ली और बनने वाले योग काफी महत्वपूर्ण होते है।
आपको बता दें कि कई बार जातक की कुंड़ली में कुछ ऐसे योग और दोष बनते है, जिसके कारण जातक को श्रापित कुंड़ली का सामना करना होता है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जातक की कुंड़ली में दोष किस प्रकार बनते है? और इन योगों के कारण जातक के जीवन पर क्या प्रभाव होता है?
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बता दें कि जातक की कुंड़ली में बनने वाले शुभ योग जातक को शुभ फल देते है और अशुभ फल जातक को अशुभ फल प्रदान कराते है। कई बार ये योग जातक की कुंड़ली को भी श्रापित कर देते है। चलिए जानते है कि क्या है श्रापित कुंड़ली का अर्थ और इसका प्रभाव व उपाय –
किसी जातक के भाग्य को जानने के लिए उसकी कुंड़ली को देखना काफी अहम होता है। क्योंकि इसी के आधार पर जातक के अतीत से लेकर आने वाले कल की गणना की जाती है। वहीं ज्योतिष में कुंड़ली को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी के साथ जातक के भाग्य के बारें में पता करने के लिए कुंड़ली नवम भाव को देखा जाता है। साथ ही जातक की कुंडली के विभिन्न भावों को देखकर उसके जीवन से संबंध रखनेवाली विभिन्न बातों का पता लगाया जा सकता है।
ज्योतिष के अनुसार जातक की कुंड़ली उसके विवाह, कुंड़ली मिलान आदि के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्योंकि जातक की कुंड़ली से उसके जीवन से जुड़ी सभी बातों का पता लगाया जाता है। साथ ही अगर कोई जातक अपने जीवन में असफलता का सामना कर रहा है, तो उसकी कुंड़ली को देखकर परेशानी का पता लगाया जा सकता है।
ज्योतिष के अनुसार जिस जातक की कुंडली में एक या दो से अधिक श्राप होते है, उसे जातक की कुंड़ली को श्रापित कुंडली कहा जाता है। साथ ही कुंड़ली के श्रापित दोषों को काफी अशुभ माना जाता है। इनके कारण जातक को भारी नुकासान भी होता है। इस तरह की कुंड़ली के कारण जातक को जीवन में काफी संकट झेलना पड़ता है।
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साथ ही श्रापित कुंडली के कारण जातक के जीवन के सभी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होते है। इसके कारण व्यक्ति को करियर, रोजगार, वैवाहिक जीवन और संतान से जुड़ी परेशानी का सामना करना होता है। आपको बता दें कि इस तरह की कुंड़ली जातक के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए इसका उपाय बेहद जरुरी होता है, ताकि जातक इसके बुरे प्रभावों से बच सकें।
आपको बता दें कि जब किसी जातक कुंडली श्रापित हो जाती है, तो जातक को अशुभ फल प्राप्त होते है। साथ ही जातक को अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।वहीं इस दोष के अशुभ प्रभाव से जातक को करियर में तरक्की प्राप्त करने में कई बाधाएं आती हैं। इतना ही नही जातक के शादीशुदा जीवन में भी लडाई-झगड़े आदि की स्थिति बनी रहता है। श्रापित कुंड़ली के कारण व्यक्ति को अपने बिजनेस में भारी नुकसान का सामना करना होता है।
जैसा कि हम सभी जानते है कि सुख-दुख एक सिक्के के दो पहलू है। उसी तरह व्यक्ति के जीवन में अच्छे और बुरे दिनों का आना तो निश्चय है। लेकिन जब जातक के जीवन में बुरे समय की अवधि बढ़ती रहे और अच्छे दिनों का कोई अता-पता न हो, तो इसका कारण ग्रह दशा तथा कुंड़ली के अशुभ दोष हो सकते है।
साथ ही किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में श्रापित दोष मजबूत ग्रह होने पर जातक को अधिक प्रभावित नहीं करता है। लेकिन जब किसी व्यक्ति की कुंड़ली में ग्रहों की मारक महादशा या अंतर्दशा होती है, तो जातक को भारी नुकासान होता है।
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आपको बता दें कि जाताक को श्रापित कुंड़ली के कारण कई परेशानियों का सामना करना होता है। इस दोष के कारण जातक को इन क्षेत्रों में भारी नुकसान का सामना करना पडता है-
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