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शुक्र ग्रह कैसे डालता है आपके वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

शुक्र ग्रह

यह ग्रह सूर्य से दूसरा है और छठंवा सबसे बड़ा ग्रह है|शुक्र की कक्षा लगभग पूर्ण वृत्त है।शुक्र देव आकाश मण्डल में सूर्य चन्द्र के बाद सबसे ज्यादा चमकने बाले ग्रह हैं|इस ग्रह को सौन्दर्य की देवता,पृथ्वी के नजिक का ग्रह,चम्किला ग्रह आदी अलग अलग विशेषणों से जाना जाता है|वृषभ और तुला दोनो राशियों के स्वामी शुक्र ग्रह हैं|यह ग्रह मान,सम्मान,सुख और वैभव,दांपत्य सुख एवं भोग विलासिता के प्रतीक माने जाते हैं|

ज्योतिषीय मान्यता

ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह हमारी सभी धन सम्बन्धी, भौतिक सुख सुविधाओं सम्बन्धी तथा विवाह सम्बन्धी सभी परिस्थितियों का कारक होता है। यदि हमारा शुक्र मजबूत होगा तो हमें कम मेहनत में ही अधिक सफलता मिलेगी तथा हमारा जीवन आरामदायक होगा|इसे प्रेम का ग्रह माना जाता है और इसी की स्थिति तय करती है कि पति-पत्‍नी के बीच संबंध कैसे होंगे|इस ग्रह की सही स्थिति ही वैवाहिक जीवन में प्रेम का रस घोलती है|

राजनीतिक संबंध

शुक्र का राजनीतिक ज्ञान इतना मान्य है कि अनेक ग्रंथो में उनके मतों की चर्चा होती है। शुक्रनीति नामक विशिष्ट ग्रन्थ के रचयिता माने जाते हैं, यद्यपि उसके अनेक अंश १५वीं सदी में लिखे गए हैं|इस ग्रह की विवाह में मुख्य भूमिका रहती है|

यह ग्रह किशोरावस्था का सूचक है,मौज मस्ती, घूमना इसके प्रमुख लक्षण है|इस ग्रह से प्रभावित व्यक्ति आशिक मिज़ाज का होता है|सुन्दरता एवं कला का प्रेमी होता है जिस व्यक्ती की कुण्डली में शुक्र शुभ और उच्च का होता है उसे श्रृंगार प्रिय होता है|

कुंडली में दुष्प्रभाव

यदि लग्न कुंडली में शुक्र मारक या अशुभ स्थित हो तो शुक्र की महादशा में जातक को वैवाहिक जीवन में आनंद नही मिल पाता| छोटी छोटी जरूरतों के लिए बहुत खपना पड़ता है।प्रेम सम्बंधों में नाकामयाबी मिलती है।स्त्रियों से कष्ट प्राप्त होता है।

कुंडली में अशुभ प्रभाव में होने पर एकाग्रता नहीं हो पाती खान पान में अरुचि,भोग विलास में अरूचि और धन का भी नाश होता है|अँगूठे का रोग या अँगूठे में दर्द बना रहता है|स्वप्न दोष की श‍िकायत रहती है।

शुक्र ग्रह के मजबूती हेतू उपाय

– तुलसी का पौधा घर में लगाये

कहा जाता है, कि तुलसी का पौधा घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इस पौधे से घर में सुख-शांति आती है। ज्योतिष के अनुसार अगर रोजाना तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाया जाए तो इससे यह ग्रह शांत होता है|

– चांदी और प्लैटिनम का उपाय

चांदी या प्लैटिनम का छल्ला पहनना शुक्र ग्रह को शांत रखता है| यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है| त्वचा संबंधी परेशानिया के लिए भी अंगूठे मे चांदी का छल्ला पहनने के साथ ही अगर सप्ताह मे एक दिन, खासकर शुक्रवार के दिन अगर नमक का त्याग करे तो यह बहुत ही लाभदायक साबित होता है|

– गूलर भी सहायक

औदुम्बर यानि जंगली अंजीर शुक्र ग्रह से संबंधित होने के कारण ये शरीर के शुक्रतत्व से संबंधित समस्याओं के निदान में बहुत उपयोगी रहता है|ये बलवर्धक,पुष्टिकारक व दाह नाशक है|गूलर का उपयोग मांसपेशीय दर्द, मुंह के स्वस्थ्य में, फोड़े ठीक करने में,घाव को भरने के इलाज आदि के लिये उपयोगी है|

– एक लोटा जल

शुक्र को मजबूत करने हेतू एक लोटा जल लेकर उस में दो बड़ी इलायची डालकर इस पानी को उबाल ले| पानी इतनी देर उबालिए जब तक कि वह आधा न हो जाए। अब इस पानी को अपने नहाने के पानी में मिलाकर स्नान कीजिए। इससे भी आपका शुक्र मजबूत होने में मदद होगी| ऐसा हर शुक्रवार करें। इसके विपरीत यदि हमारा शुक्र कमजोर होगा तो हमारे जीवन में धन सम्बन्धी समस्याएँ बनी ही रहेंगी।

– शुक्र यंत्र

वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने हेतू शुक्र यंत्र लाभदायी रहता है| शुक्र को शुभ बनाता है| ग्रह मंडल में शुक्र को मंत्री पद प्रदान करन में भी सहायक होता है|

विवाहित जीवन में अनंत आनंद का स्वागत करने के लिए बुक करें शुक्र यंत्र

– हनुमान जी की सेवा

शुक्र ग्रह की स्वामी श्री हरि की भार्या लक्ष्मी जी हैं और हनुमान जी उन के परम सेवक हैं, इसलिये उनकी सेवा से भी लाभ हो सकता है|

– गौमाता की सेवा

शुक्र ग्रह को मजबूत करने हेतू गाय की सेवा करनी चाहिए क्योंकि गाय भी शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है| ऐसा भी कहा जाता है की गाय की सेवा करने के बाद आपको शुक्र ग्रह के लिए किसी रत्न, मंत्र और उपाय की आवश्यकता नहीं होती|

– उपरत्न ओपल

इस रत्न को ज्योतिषीय सलाह अनुसार धारण करने पर जीवन में सौंदर्यता व प्रेम संबंधों में सफलता मिलती है। ओपल मन में स्थिरता लाने का भी कार्य करता हैं| शुक्र ग्रह से जुड़े क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्तियों को यह रत्न धारण करने पर विशेष लाभ मिलता है| हालांकि, बिना ज्योतिषीय सलाह के शुक्र ग्रह रत्न हीरा आपको लाभ की जगह हानि दे सकता है|आप इसलिये astrotalk.com के ज्योतिषी यों से भी सहायता ले सकते हैं|

यह भी पढ़ें- शनि देव जन्म कथा- कैसे हुआ न्याय के देवता शनि देव का जन्म?

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