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baglamukhi sadhna: मां बगलामुखी की पूजा से दूर होती है जातक की सभी परेशानियां, इन मंत्रो का जरुर करें जप

माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक मानी जाती हैं, इन्हें आठवीं महाविद्या कहा जाता है। इन्हें पीताम्बरा देवी के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि माता बगलामुखी को पीला रंग काफी प्रिय है और इनके भक्तों द्वारा पीले वस्त्र अर्पित किए जाते हैं क्योंकि मां बगलामुखी सोने के सिंहासन पर विराजमान होती है और पीले रंग के वस्त्र को ही धारण करती हैं। साथ ही इनकी साधना करने से भक्तों के सभी दुखों का नाश हो जाता और जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियां भी दूर हो जाती है। अगर कोई भक्त सच्चे मन से इनकी पूजा करता है, तो उसे वाकसिद्धि प्राप्त होती है, इससे वाद-विवाद की स्थिति में वे अपने विरोधियों पर विजय प्राप्त कर सकता है। 

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मां बगलामुखी पूजन का महत्व

आपको बता दें कि शास्त्रों में मां बगलामुखी को पितांबरा, बगला, ब्रह्मास्त्र विद्या के नामों से भी जाना जाता है। मनुष्य को जीवन की सभी प्रकार की बाधाओं पापों से मुक्ति दिलाने वाली मां बगलामुखी की पूजा मध्य रात्रि में वह पूजा में पीले रंग की सामग्री होने से पूजा का शुभ फल फल अवश्य मिलता है। ऐसा माना जाता है कि मां बगलामुखी पूजन मनुष्य को तमाम तरह की समस्याओं से मुक्ति दिलाता है इनकी कृपा से जातक के जीवन की सभी प्रकार की बाधाएं खत्म हो जाती है।

साथ ही जातक को कोर्ट-कचहरी के सभी वाद-विवाद में भी सफलता प्राप्त होती हैं। इतना ही नहीं इस पूजन से राजनीति से जुड़े व्यक्ति को काफी ज्यादा सफलता मिलती है। वह अपने जीवन में बहुत आगे जाता है। मां बगलामुखी पूजन करने से जातक के जीवन में सकारात्मकता आती है। इस पूजा का शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाता है और 7 ब्राह्मण या पुरोहितों के माध्यम से ही पूजन अनुष्ठान 7 दिनों में संपन्न किया जाता है।

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मां बगलामुखी पूजन विधि

  • मां बगलामुखी पूजन विधि जातक के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इनकी पूजा करने से व्यक्ति को अपने जीवन में परेशानियों से लड़ने की ताकत प्राप्त होती है।
  • माता बगलामुखी पूजन विधि के लिए जातक को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
  • स्नान के बाद जातक को पीले वस्त्र धारण करके पूजा स्थल पर बैठना चाहिए।
  • इसके बाद पूजा चौकी पर पीले वस्त्र बिछाकर मां बगलामुखी की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए।
  • साथ ही बगलामुखी माता की मूर्ति स्थापित करने के बाद कलश स्थापित कर पूजा का संकल्प लेना चाहिए।
  • मां बगलामुखी को अक्षत, चंदन, रोली, बेलपत्र, पान, मौसमी, फल, सिंदूर, पीले पुष्प, धूप, गंज, नवेद, आदि पूजा सामग्री अर्पित करनी चाहिए।
  • उसके बाद मां बगलामुखी कवच का पाठ करके आरती करनी चाहिए।
  • साथ ही घर परिवार में माता रानी का प्रसाद वितरण जरुर करना चाहिए।

मां बगलामुखी की पूजा से जुड़ी विशेष बातें

  • मां बगलामुखी की पूजा करते समय आपको किसी से बात नहीं करनी चाहिए।
  • साथ ही माता बगलामुखी की पूजा करते समय पीले वस्त्रों को धारण करना चाहिए।
  • साथ ही आप जो बगलामुखी पूजा कर रहे हैं वह किसी दूसरे का बुरा करने के लिए नहीं करनी चाहिए। इस साधना का अच्छा फल आपको नही मिलेगा।
  • माता को पीला रंग काफी प्रिय है इसीलिए आपको उन्हें पीले रंग की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए।

बगलामुखी माता की पूजा का लाभ

  • वैदिक ज्योतिष मां बगलामुखी की पूजा करने से जातक के जीवन में समृद्धि आती है।
  • इसी के साथ पूजा कराने से जातक को मनोवांछित फल भी प्राप्त होता है। साथ ही जातक के व्यवहार में सकारात्मकता आती है।
  • माता की पूजा करने से जातक के जीवन में आ रही सारी परेशानी दूर हो जाती है और वह अपने जीवन में काफी सफलता प्राप्त करता है।
  • कोर्ट-कचहरी राजनीति के मामलों में भी व्यक्ति को सफलता हासिल होती है।
  • मां बगलामुखी की पूजा करने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
  • जातक को जीवन में प्रसिद्धि मान्यता और मान-सम्मान प्राप्त होता है।
  • इस पूजा को करने से जातक के सभी रुके कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
  • साथ ही व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक चिंताएं भी दूर हो जाती हैं।
  • मां बगलामुखी की पूजा करने से नौकरी और जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति खुशहाली से अपना जीवन बताता है।

इन मंत्रों का जरूर करें जाप

  • अगर आप अपने जीवन में आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको मां बगलामुखी का यह मंत्र “जिह्वाग्रमादाय करेण देवीं, वामेन शत्रून् परि-पीडयन्तीम् ।गदाभिघातेन च दक्षिणेन, पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि ।।” का अवश्य जाप करना चाहिए।
  • दरिद्रता नाश करने के लिए और अपने जीवन में धन की कमी को खत्म करने के लिए आपको “श्री हृीं ऐं भगवती बगले मे श्रियं देहि-देहि स्वाहा।।” इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • अगर आप अपने शत्रुओं का नाश करना चाहते हैं या आपके काम में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहते हैं, तो आपको “ॐ बगलामुखी देव्यै ह्लीं ह्रीं क्लीं शत्रु नाशं कुरु।।” इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
  • परीक्षा में सफलता पाने के लिए या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को माता का यह मंत्र “ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं बगामुखी देव्यै ह्लीं साफल्यं देहि देहि स्वाहा:।।” का जाप करना चाहिए।
  • अगर आपकी जन्मकुंडली में अकाल मृत्यु का योग है, तो आपको मां बगलामुखी के इस मंत्र ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं ब्रह्मविद्या स्वरूपिणी स्वाहा: का जाप जरूर करना चाहिए। इससे आपको शुभ फल प्राप्त होगा।

माता बगलामुखी से जुड़ी कथा

 धर्म ग्रंथों के अनुसार, सतयुग में काफी भयंकर तूफान आया था, जिसके कारण  धरती पर संकट मंडराने लगा था। इस बड़े संकट को देखकर भगवान विष्णु ने हरिद्रा सरोवर में जाकर मॉं भगवती को प्रसन्न करने के लिए तप किया। और  विष्णु जी के तप से खुश होकर मॉं भगवती ने उस सरोवर से बगलामुखी का रुप धारण कर विष्णु जी को अपने दर्शन दिए थे। साथ ही विष्णु जी ने माँ बगलामुखी को विध्वंसकारी तूफान से अवगत करवाया और जिसके बाद माँ बगलामुखी ने अपनी शक्तियों से उस भयंकर तूफान का नाश कर दिया था। उसी दिन से माता बगलामुखी को ब्रह्मास्त्र नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि माँ के मंत्रों का जाप करने से जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। 

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