संसार में प्रत्येक व्यक्ति यही चाहता है कि वह एक खुशहाल और सफल जिंदगी जिए और यही ख़ुशी उसके परिवार में भी बनी रहे। जीवन का एक सत्य यह भी है कि सुख और दुःख निरंतर एक दूसरे का स्थान भी लेते रहते हैं। लेकिन कई बार परिस्तिथियाँ ऐंसी भी बनती है कि आपका बना बनाया काम बिगड़ने लगता है, अचानक जो सफलता आपको मिल रही थी वह रुक जाती है। आप कितनी भी मेहनत कर रहे हो लेकिन आपका काम नहीं बन पा रहा है।
अथवा ये हो सकता है कि परिवार में बेवजह झगडे शुरू होने लगे हो। घर में अशांति की अधिकता हो रही हो। अथवा रुपयों की तंगी, बीमारी या कोई और अपशकुन होने लगे हो। वजह कुछ भी सकती है लेकिन एक मुख्य वजह जो हो सकती है वो है बुरी नजर।
बुरी नजर जिसे कुदृष्टि या नजर दोष भी कहा जाता है। मनुष्य के जीवन में ग्रहों का खेल काफी अहम् होता है। इन ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा जहाँ व्यक्ति को सफलता के चरम पर पंहुचा देती है, वही इनका नकारात्मक प्रभाव भी इंसान के जीवन में उथल पुथल मचा सकता है। यही नकरात्मक शक्ति जब इंसान की शक्तिशाली इन्द्रिय यानी की आँख से हो कर गुजरती है तो उसी से उत्पन्न होने वाली हानि को बुरी नजर लगना कहा जाता है।
इसके कारण इंसान को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समस्या से सिर्फ व्यक्ति विशेष ही नहीं आपके परिवार का कोई ही सदस्य प्रभावित हो सकता है। यह दोष एक नन्हे से शिशु से लेकर घर के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति को भी अपने चपेट में ले सकती है। व्यक्ति, सम्पति, घर, नौकरी किसी भी क्षेत्र में रुकावट पैदा करके आपको नुकसान पहुंचा सकती है। इनके अलावा भी अन्य तरीको से आप प्रभावित हो सकते है जैसे कि
ज्योतिष के विद्वान बताते है की यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु और चन्द्रमा अति पीड़ित अवस्था में विराजमान है तो इस तरह की कुदृष्टि उस व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती रहती है। इसके अलावा अगर किसी की राशि में पाप और कुरुर ग्रहों का साम्राज्य स्थापित है तो भी उस व्यक्ति को यह नकारात्मक शक्ति घेर लेती है।
बुरी नजर से बचने अथवा उसका प्रभाव ख़तम करने के लिए कुछ उपाय किये जा सकते हैं।
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