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विस्तार में जानें कुंडली में कौन से योग देते हैं तलाक के संकेत

ज्योतिष शास्त्र द्वारा कुंडली विश्लेषण से व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी मिलती है। इसमें विवाह योग, संतान योग, धन योग और तलाक योग जैसे विभिन्न योग शामिल हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में तलाक के योग होते हैं, तो निश्चित रूप से जातक के तलाक होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन इससे यह नहीं कहा जा सकता कि व्यक्ति का तलाक जरूर होगा। इसके अलावा, कुंडली में अन्य परिणामों और भविष्यवाणियों को भी ध्यान में रखना चाहिए।

अगर व्यक्ति की कुंडली में तलाक योग है, तो उन्हें उस समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। वे अपने संबंधों को मजबूत बनाने के लिए काम कर सकते हैं जैसे कि अच्छे संबंधों के लिए संभवतः स्त्री-पुरुष के गुण मिलान का विश्लेष करना आदि। कुंडली में तलाक योग होने पर व्यक्ति को शादी के समय भावनात्मक और मानसिक रूप से भी सावधान रहना चाहिए। साथ ही अपने साथी के साथ संवाद करने और उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए तैयार रहना चाहिए। वहीं आप अपने संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए भी काम कर सकते हैं, जैसे कि सामंजस्य, समझदारी और विश्वास करना। 

इसके अलावा, व्यक्ति को अपने संबंधों को बनाए रखने के लिए समय देना चाहिए। उन्हें एक दूसरे के साथ समय बिताने और अच्छे वातावरण का निर्माण करना चाहिए। इससे वे अपने संबंधों को मजबूत बना सकते हैं। साथ ही जातक को अपने साथी की भावनाओं और जरूरतों को समझने का प्रयास करना चाहिए।

कैसे ज्योतिष शास्त्र तलाक से बचने में मदद कर सकता है?

अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए व्यक्ति के शुभ कर्म भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। व्यक्ति अपने साथी के साथ उचित संवाद, समझदारी, धैर्य और समय देकर संबंधों को संभाल सकता हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में तलाक योग हैं, तो जातक को जीवन में अच्छे और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करना चाहिए। व्यक्ति अपने शुभ कर्मों और सत्कर्मों के माध्यम से अपनी कुंडली में दिखाई दे रहे किसी भी नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में तलाक योग होने के कई कारण हो सकते हैं— अशुभ ग्रहों का प्रभाव, दोषपूर्ण योग, आदि। जब जातक की कुंडली में तलाक का योग बनता है, तो ज्योतिषी व्यक्ति को तलाक के बारे में सूचित करते हुए उन्हें उपाय बताते हैं। यह उन्हें तलाक से बचने में मदद कर सकते हैं। यह उपाय विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का चयन, उपवास, मंत्र-जाप, दान, आदि होते हैं।

इसके अलावा, तलाक के बाद भी ज्योतिषी व्यक्ति की मदद कर सकते हैं। वे उन्हें अगले विवाह के लिए उपाय बता सकते हैं, जो उन्हें सही साथी प्राप्त करने में मदद कर सकता हैं। इस तरह, ज्योतिष विद्या में तलाक का महत्वपूर्ण स्थान होता है और इसकी सहायता से व्यक्ति अपने जीवन में अलगाव से छुटकारा पा सकता है। 

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कुंडली में ग्रह जो तलाक के योग बनाते हैं

ज्योतिष शास्त्र में जातक के विवाह और तलाक सम्बन्धित कुछ ग्रहों को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह ग्रह हैं:

  • शनि ग्रह: शनि ग्रह को तलाक का कारक माना जाता है। अगर शनि ग्रह कमजोर हो, तो जातक के विवाह में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और तलाक का योग बन सकता है।
  • मंगल ग्रह: मंगल ग्रह को विवाह में महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि मंगल ग्रह दुश्मन भाव में स्थित होता है, तो जातक को मांगलिक दोष का सामना करना पड़ सकता है। मांगलिक दोष के कारण विवाह में समस्याएं आ सकती हैं और जातक का तलाक हो सकता है।
  • राहु-केतु ग्रह: जब कुंडली में राहु-केतु का योग होता है, तो भी तलाक का योग बन सकता है। इस योग को कालसर्प योग कहा जाता है।
  • विवाह स्थान: विवाह मुहूर्त और विवाह स्थान भी जातक के विवाह और तलाक में प्रभाव डालते हैं। यदि विवाह स्थान पर कुंडली के अनुसार अनुकूल ग्रहों की स्थिति नहीं होती है, तो भी जातक की कुंडली में तलाक का योग बन सकता है।

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कुंडली में ग्रहों का योग जिनके कारण होता है तलाक

ज्योतिष में तलाक से जुड़े योग कुंडली में अनेक ग्रहों और भावों की स्थिति पर निर्भर करते हैं। कुंडली में तलाक से जुड़े योगों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  • शनि-राहु युति: जब कुंडली में शनि और राहु एक साथ होते हैं, तो तलाक के योग बनते हैं। यह योग विवाह के समय तथा राहु के महादशा या अंतर्दशा के दौरान दृढ़ होते हैं।
  • सप्तम भाव की ऊर्जा: सप्तम भाव विवाह और संबंधों के भाव में से एक होता है। यदि सप्तम भाव में कोई दोष होता है, तो वह तलाक के योग का कारण बन सकता है।
  • कालसर्प दोष: कालसर्प दोष में राहु और केतु सभी ग्रहों को अपने आसपास एकत्रित कर लेते हैं। इस योग के कारण व्यक्ति को संबंधों में कठिनाई और तलाक का भय बना रहता है।
  • मांगलिक दोष: यदि कुंडली में मंगल ग्रह का स्थान दुश्मन भाव में होता है, तो उस व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष होता है। यह दोष विवाह के समय दृढ़ होता है और तलाक के योग का निर्माण भी कर सकता हैं।
  • शनि साढ़ेसाती: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि साढ़ेसाती होती है, तो उन्हें संबंधों में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस समय जातक को बहुत सतर्क रहना चाहिए ताकि वे तलाक जैसी समस्याओं से बच सकें।
  • ग्रहों की दशाएं: व्यक्ति की जन्मकुंडली में ग्रहों की दशाओं का भी महत्व होता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में तलाक योग होता है, तो उनकी ग्रहों दशाओं का विश्लेषण करना आवश्यक होता है। यह बताता है कि कौन से ग्रह जातक की समस्याओं का कारण हो सकते हैं और अपनी समस्याओं से निपटने के लिए व्यक्ति को क्या करना चाहिए।

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व्यक्ति के जीवन में तलाक के अन्य कारण

ज्योतिष अनुसार तलाक के विभिन्न कारण हो सकते हैं। कुछ मुख्य कारणों के बारे में निम्नलिखित हैं:

  • दोषी ग्रहों का प्रभाव: दोषी ग्रहों के प्रभाव के कारण जातक का तलाक हो सकता है। उदाहरण के लिए कालसर्प योग, मांगलिक दोष और शनि के दोष के प्रभाव से जातक के तलाक होने की संभावना अधिक होती है।
  • गुण मेल नहीं होना: ज्योतिष में महत्वपूर्ण होता है कि विवाह के समय दो व्यक्तियों की कुंडली में गुण मिलान किया जाए। यदि इस मिलान में बाधा आती है, तो विवाह में अलगाव हो सकता है।
  • संबंधों में बाधाएं: विवाह के बाद संबंधों में बाधाएं आने से भी तलाक हो सकता है। उदाहरण के लिए वैवाहिक जीवन में अभाव या नामुमकिन स्थितियों में एक दूसरे के साथ रहने से भी तलाक हो सकता है।
  • अविश्वास और असंतोष: अविश्वास और असंतोष भी वैवाहिक संबंधों में तलाक के कारण बन सकते हैं। अगर पति-पत्नी के संबंधों में असंतोष होता है, तो यह संबंध टूटने का कारण बन सकता है। ज्योतिष में इसे दोषमुखी भी कहा जाता है।
  • ग्रह का दुर्बल होना: ज्योतिष में माना जाता है कि यदि कुंडली में कोई ग्रह दुर्बल हो, तो उसका उन ग्रहों से संबंधित विषयों पर असर होता है। उदाहरण के लिए, यदि शनि ग्रह दुर्बल होता है, तो व्यक्ति के कार्यक्षेत्र में संघर्ष उत्पन्न हो सकता है। इस प्रकार, ग्रहों के दुर्बल होने से व्यक्ति के संबंध भी टूट सकते है।
  • अशुभ योग: ज्योतिष में कुछ ऐसे योग होते हैं, जो तलाक के कारण बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, कालसर्प योग या मांगलिक दोष कुंडली में अशुभ योग होते हैं और विवाहित जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
  • शारीरिक या मानसिक समस्याएं: शारीरिक या मानसिक समस्याएं भी जातक के तलाक का कारण बन सकती हैं।

विवाह के समय जरूर करें कुंडली का विश्लेषण

ज्योतिष में विवाह के समय कुंडली में निम्नलिखित भावों का विश्लेषण जरूरी होता है:

  • साझेदारी भाव: यह भाव व्यक्ति के संबंधों, साथी या पति / पत्नी के साथ जीवन के समस्त पहलुओं के बारे में बताता है। यह भाव शुभ होने पर, शांति और संतोषप्रद वैवाहिक जीवन होता है। लेकिन भाव के अशुभ होने पर जातक को रिश्तों में परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता हैं।
  • लग्न भाव: यह भाव कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण भाव है, जो व्यक्ति की व्यक्तिगत, शक्ति, बल, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और आदर्श जीवनसाथी के बारे में बताता है। इस भाव का विश्लेषण विवाह के समय बहुत महत्वपूर्ण होता है।
  • सप्तम भाव: यह भाव वैवाहिक संबंधों और साथी के बारे में बताता है। इस भाव का विश्लेषण शादी के समय बहुत महत्वपूर्ण होता है।
  • द्वादश भाव: यह भाव संतान और वैवाहिक जीवन के बारे में बताता है। इस भाव का विश्लेषण विवाह के समय बहुत महत्वपूर्ण होता है।
  • दूसरा भाव: यह भाव व्यक्ति के आर्थिक स्थिति और धन के बारे में बताता है।

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तलाक से बचने के ज्योतिषीय उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ उपाय तलाक से बचने में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ उपाय दिए गए हैः

  • विवाह के बाद धर्म के अनुसार विवाहित जीवन जीना चाहिए। साथ ही जीवनसाथी का सदैव सहयोग करें और अपने संबंधों में विश्वास रखें।
  • एक काले गोमती वाली चांदी की अंगूठी को मंदिर में अर्पित कर दें। इस उपाय को करने से जताक के मन से तलाक का डर खत्म हो जाता है।
  • धन की समस्या से बचने के लिए शुक्रवार को ज्यादा से ज्यादा लाल फूल मंदिर में चढ़ाएं।
  • कुंडली में राहु और केतु की स्थिति को ठीक करने के लिए आप  रोजाना भगवान बजरंगबली के मंत्र का जाप कर सकते हैं।
  • वैवाहिक संबंधों को शुरू करने के लिए कुंडली मिलान एक महत्वपूर्ण उपाय है। कुंडली मिलान के द्वारा लड़का और लड़की के गुण मिलाए जाते हैं और यदि कुंडली मिलान अच्छा होता है, तो विवाह संबंध अधिक स्थिर होता है।
  • मंत्र जाप करने से जीवनसाथी के साथ संबंधों में बाधा दूर होती है। विवाहित जोड़ों को रोजाना कम से कम 10 मिनट तक किसी भी मंत्र को जपने से तलाक से बचने में मदद मिल सकती है।
  • वैवाहिक संबंधों को मजबूत करने के लिए उपाय यंत्र एक अच्छा उपाय है। ये यंत्र घर के पूजा स्थल पर रखा जाता हैं और नियमित रूप इस यंत्र की पूजा की जाती है। उपाय यंत्र में दिए गए मंत्रों का जाप करने से वैवाहिक संबंध मजबूत होता हैं।

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