आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में जातक की कुंडली और ग्रहों का काफी महत्व होता हैं। क्योंकि ग्रह जातक की कुंडली में शुभ और अशुभ दशा बनाकर जातक के जीवन में कई तरह के परिवर्तन करते हैं। आपको बता दें कि कई बार व्यक्तियों को एक अजीब डर सताने लगता है और यह डर काफी अजीब भी होते हैं। जिन्हें फोबिया के नाम से जाना जाता है। बता दें कि फोबिया और डर में काफी अंतर होता है। फोबिया में व्यक्ति को बहुत ज्यादा डर लगता है और इस डर के चलते व्यक्ति अपनी जान तक दे सकता है, इसलिए यह काफी खतरनाक होता है।
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बता दें कि बहुत से लोगों को ऊंचाई, पानी, छोटी जगह आदि चीजों का फोबिया होता है। जिसके चलते वह अपने जीवन में डर का अनुभव करते हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र की सहायता से जातक अपने फोबिया को नियंत्रण कर सकते है, उसके लिए व्यक्ति को ज्योतिष शास्त्र कुछ उपायों का पालन करना होगा। चलिए जानते हैं कि कैसे ज्योतिष शास्त्र की मदद से व्यक्ति अपने फोबिया को नियंत्रण में कर सकता है-
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आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का काफी महत्व होता है। उसी तरह से ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के भावों का भी काफी महत्वपूर्ण स्थान होता है, उनमें से एक भाव डर है जो व्यक्ति के मन में अक्सर सताता रहता है।
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आपको बता दें कि जब किसी व्यक्ति को ऊंचाई, पानी, छोटी जगह आदि चीजों से डर लगता है, तो उसे फोबिया कहा जाता है। फोबिया डर से बिल्कुल अलग होता है फोबिये के कारण व्यक्ति अपनी जान तक देने को तैयार होता है। और डर यानि भय जो व्यक्ति के मन में बसा रहता है।
आपको बता दें कि बहुत से लोगों को किसी तरह की अनहोनी होने की आशंका से डर लगता है। ऐसे लोग अपने जीवन को काफी कष्टदायक बना लेते हैं। क्योंकि उन्हें अपने जीवन में किसी प्रकार की अनहोनी के होने से डर लगता है। यह एक तरह का फोबिया होता है।
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बता दें कि यह फोबिया उन लोगों के मन में रहता है, जिनके साथ किसी तरह की कभी कोई दुर्घटना घट चुकी होती है। इस तरह के व्यक्ति आत्महत्या तक करने को तैयार होते हैं।
आपको बता दें कि ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिन्हें तूफान या तेज बारिश, नदी, समुद्र आदि से काफी डर लगता है। साथ ही यह लोग अंधेरे में या जंगल में खतरनाक सांप या जानवर को देख कर भी डर जाते हैं। वहीं इस तरह के डर को नाइक्टोफोबिया (Nyctophobia) कहा जाता है।
इसी के साथ हवाई यात्रा करते वक्त बहुत से लोगों को प्लेन क्रैश होने का और उनकी मौत होने का डर लगा रहता है, ऐसे डर को एयरोफोबिया (Aerophobia) कहा जाता है।
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साथ ही कुछ लोगों को बिजली के चमकने से भी डर लगता है वह सोचते हैं कि बिजली उनके ऊपर गिर जाएगी और वह मर जाऐंगे। इस तरह के डर को एस्ट्राफोबिया (Astraphobia) कहा जाता है।
वहीं बहुत से लोगों को ऊंचाई पर खड़े होने, ड्राइविंग, किसी ब्रिज पर चलने से डर लगता है, इस प्रकार के डर को एक्रोफोबिया (Acrophobia) कहां जाता है।
साथ ही बहुत से लोगों को इंजेक्शन से डर लगता है और इस तरह के फोबिया को ट्राइपनोफोनिया (Trypanophobia) कहां जाता है।
बहुत से लोगों को सामाजिक फोबिया होता है। इस प्रकार के व्यक्तियों को लोगों के बीच चलने या बात करने से बहुत डर लगता है। आपको बता दें कि इस प्रकार के फोबिया को सोशल एंजायटी डिसऑर्डर कहा जाता है।
इस तरह के लोगों को भीड़ में जाने से बहुत परेशानी होती है। साथ ही वह अधिक भीड़ वाली जगह में बातचीत भी नहीं कर सकते हैं।
बहुत से लोगों को जानवर से बहुत डर लगता है। साथ ही मकड़ी, कुत्ते और खास तरह के रेंगने वाले जीवो से डर, अरकोनोफोबिया( Arachnophobia) कहां जाता है इसके अंतर्गत छिपकली, मकड़ी जैसे छोटे-छोटे डर भी शामिल होता है।
जिन लोगों को कुत्तों से डर लगता है उन्हें सायनोफोबिया (Cynophobia) फोबिया कहा जाता है। ऐसे लोग सड़क पर कुत्तों को देखकर अपना रास्ता बदल लेते हैं क्योंकि उन्हें कुत्तों को देखकर ऐसा लगता है कि कुत्ता उन्हें काट लेगा।
साथ ही आपको अधिक जानकारी के लिए किसी अनुभवी ज्योतिष से सलाह लेनी चाहिए।
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