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vastu dosh:जानें क्या कहता है शौचालय का वास्तु शास्त्र और वास्तु दोष को खत्म करने के अचूक उपाय

ज्योतिष में वास्तु शास्त्र का काफी महत्व होता है। क्योंकि इसी के आधार पर जातक को नकारात्मक और सकारात्मक परिणामों का अनुभव करना पड़ता है। आपको बता दें कि जब जातक को वास्तु दोष का सामना करना पड़ता है, तो उसे कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है। यह परेशानियां जातक के लिए काफी गम्भीर बन सकती हैं। वास्तु दोष घर से लेकर शौचालाय में भी उत्पन्न हो सकता है इसीलिए वास्तु शास्त्र के नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। इसी के साथ जब आप शौचालाय बनाने का निर्णय लेंते है, तो शौचालाय का वास्तु शास्त्र अवश्य ध्यान में रखें।

ऐसा माना जाता है कि शौचालय अगर सही दिशा में ना बनाया जाए, तो जातक के घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। जिसके कारण जातक को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी के साथ घर में हर वक्त कोई ना कोई बीमारी बनी रहती है। साथ ही साथ परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है और यह सब घर के शौचालय के वास्तु दोष के कारण हो सकता है। चलिए जानते हैं कि कैसे उत्पन्न होता है शौचालय का वास्तु दोष और उसके उपाय-

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क्या होता है शौचालय का वास्तु शास्त्र

आपको बता दें कि अगर घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है, तो जातक को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके कारण उसके स्वास्थ्य लेकर कैरियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इसीलिए जातक को अपने घर यहां शौचालय बनवाते समय वास्तु नियमों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए। उसी तरह घर में टॉयलेट बनवाते समय उसकी दिशा निर्धारित करनी बेहद जरूरी होती है। ताकि जातक को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़ें। शौचालय का वास्तु शास्त्र कहता है कि अगर शौचालय घर में सही दिशा में न बनाया जाएं, तो व्यक्ति के घर में बीमारियों का वास रहता है। साथ ही घर में अशांति उत्पन्न होती है जो जातक के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होती।

टॉयलेट से जुड़ा वास्तु दोष जातक के लिए काफी परेशानियां लेकर आता है इसीलिए शौचालय बनवाते समय वास्तु नियमों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए। ताकि आपको वास्तु दोष परेशानियों का सामना ना करना पड़ें।

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कैसे उत्पन्न होता है शौचालय का वास्तु दोष

  • अगर घर में टॉयलेट सही दिशा में ना बनाया जाए, तो शौचालय में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है।
  • साथ ही शौचालय  के अंदर शीशे की दिशा सही ना होने के कारण वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है।
  • रंगों का सही चुनाव ना करने के कारण वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है।
  • जब शौचालय में वास्तु दोष उत्पन्न होता है तो उसका असर सदस्यों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
  • शौचालय का आकार सही ना होने के कारण भी वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
  • साथ ही वास्तु अनुसार शौचालय का दरवाजा नहीं होता है, तो घर के भीतर वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
  • अगर बाथरूम के अंदर खिड़की नहीं होती है, तो भी वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
  • यदि टॉयलेट में नल से हमेशा पानी टपकता रहता है, तो उसके कारण वास्तु दोष उत्पन्न होने की संभावना है।

शौचालय का वास्तु और दिशा

दक्षिण दिशा: आपको बता दें कि वास्तु शास्त्र में दिशाओं का काफी महत्व होता है। इसीलिए घर से लेकर शौचालय के निर्माण के लिए दिशाओं का चुनाव बेहद जरूरी होता है। इसी के साथ शौचालय बनाते समय दक्षिण दिशा में बनाना चाहिए। लेकिन इसे किसी खास दिशा में नहीं बनाना चाहिए जैसे ईशान कोण में शौचालय बनाना वर्जित होता है। क्योंकि यह दिशा भगवान को समर्पित होती है, इसलिए इस दिशा में मल त्याग नहीं किया जा सकता। अगर आपका शौचालय इस दिशा में बनाया है, तो घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। 

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किचन के पास ना बनाए शौचालय

किचन: आपको बता दें कि शौचालय का वास्तु कहता है कि शौचालय का निर्माण करने के लिए इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि किचन के सामने या सटा हुआ शौचालय कभी भी ना बनाएं। लेकिन आज जगह की कमी के चलते यह कई बार मुमकिन नहीं होता है, ऐसे में अगर आपको शौचालय में किचन के साथ बनाना भी है, तो ईशान कोण में नहीं बनाना चाहिए।

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बाथरूम की खिड़की से जुड़े नियम

बाथरूम: अगर आपके शौचालय में खिड़की है, तो उसके लिए भी वास्तु शास्त्र में उचित दिशा निर्धारण किया जाता है। खिड़की सदैव पूर्व दिशा की तरफ खुलनी चाहिए। लेकिन अगर आपके घर की बाथरूम की खिड़कियां दक्षिण या पश्चिम की ओर खुल रही है, तो यह वास्तु दोष उत्पन्न करती हैं।

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पश्चिम दिशा में शौचालय ना बनाएं

पश्चिम दिशा: आपको बता दें कि शौचालय को पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए है। अगर आपका शौतालय इस दिशा में बना है, तो यह घर में वास्तु दोष उत्पन्न करता है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि यह पति-पत्नी के बीच विवाद का कारण बनता है। और घर में तनाव की स्थिति उत्पन्न करता है।

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इन उपायों से दूर करें वास्तु दोष

  • शौचालय और स्नानघर: आपको बता दें कि शौचालय और स्नानघर कभी भी एक साथ नहीं बनाना चाहिए। इसके कारण वास्तु दोष उत्पन्न होता है। लेकिन आज जगह की कमी के कारण शहरों में शौचालय और स्नानघर एक साथ बनाया जाता है। अगर आपका भी शौचालय और स्नानघर एक साथ है, तो आपको एक शिशे की कटोरी में नमक रखना चाहिए। और इसे सप्ताह में बदलते रहने से घर का वास्तु दोष दूर हो जाता है।
  • आईना: साथ ही घर में उत्तर-पूर्व दिशा में शौचालय व स्नानघर है, तो बाहरी दीवार पर उत्तर या पूर्व की ओर एक आईना लगाना चाहिए।
  • दक्षिणी दीवार: घर की शौचालय की दक्षिणी दीवार पर पिरामिड लगाना, वास्तु दोष को दूर करने में बहुत कारगर माना चाहता है।
  • बाल्टी का रंग: आपको बता दें कि स्नानघर में नीले रंग की बाल्टी और मग का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।
  • शौचालय का दरवाजा : आपको बता दें कि शौचालय और स्नानघर का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए। साथ ही दरवाजे के ठीक सामने आईना नहीं होना चाहिए। इसके कारण वास्तु दोष उत्पन्न होता है।

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