जानिए श्रावण अमावस्या 2023 का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय
हिंदू धर्म में श्रावण अमावस्या काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि यह सावन के माह में आती है। यह मास भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार जुलाई या अगस्त के महीने में पड़ता है। इस दिन चन्द्रमा नहीं दिखता है जो कि अमावस्या का संकेत होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है, जो शिव भक्तों के लिए बहुत अहम होती है। इस दिन को सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है, जिसमें सोमवती अर्घ का दान देने का भी महत्व होता है। वहीं श्रावण अमावस्या 2023 में 17 जुलाई को मनाई जाएगी।
हिंदू धर्म में श्रावण अमावस्या को बहुत महत्व दिया जाता है और इस दिन भगवान शिव की पूजा, सोमवती अर्घ दान, दीप जलाना, पितर दान, गंगा स्नान आदि शुभ काम किए जाते है। इस दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीप जलाकर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करना बेहद ही शुभ माना जाता हैं।
हिंदू धर्म में श्रावण अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करना बहुत अहम माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि का पालन किया जाता है:
पूजा के लिए सबसे पहले शुद्ध स्थान पर बैठकर भगवान शिव का स्मरण करें।
इसके बाद भगवान शिव को जल, फूल और धूप आदि अर्पित करें।
पूजा के लिए गंगाजल, दूध और शहद का अर्घ तैयार करें और उसे शिवलिंग पर चढ़ाएं।
फूलों की माला को भगवान शिव को अर्पण करें।
पूजा के बाद भगवान शिव के नाम का जप करें और उनसे आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
श्रावण अमावस्या के व्रत का उल्लेख हिंदू धर्म शास्त्रों में है और इसे मान्यताओं के अनुसार अगर सही ढंग से किया जाए, तो इससे अनेक लाभ मिलते हैं। कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
दुर्भाग्य से मुक्ति: श्रावण अमावस्या के व्रत का पालन करने से दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।
स्वस्थ शरीर: इस व्रत का पालन करने से शरीर को शुद्धि मिलती है और रोगों से बचाव होता है।
समृद्धि और सौभाग्य: श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा करने से धन, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।
शिवजी की कृपा: श्रावण अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
श्रावण मास की अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, एक गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। वह आदमी अपनी संतानों के लिए बहुत परेशान था, क्योंकि उसकी सभी संतानें काफी बीमार रहती थी और उनका कोई उपचार नहीं कर रहा था।
एक दिन उसने राजा सुधीर के पास जाकर अपनी मुसीबत के बारे में बताया। राजा सुधीर ने उसे अपनी मंत्री से मिलने के लिए कहा। बूढ़े आदमी ने मंत्री के पास जाकर अपनी समस्या का विवरण मांगा और मंत्री ने श्रावण मास की अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करने की सलाह दी।
मंत्री ने राजा सुधीर को इस बारे में बताया और राजा ने सभी लोगों को श्रावण मास की अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करने का आदेश दिया। सभी लोगों ने श्रावण मास की अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा की और उनकी कृपा से उस बूढ़े आदमी की सभी संतान ठीक हो गई।
इसके बाद से ही श्रावण अमावस्या के दिन व्रत रखा जाता है, क्योंकि यह व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामना पूरी होती हैं।
श्रावण मास की अमावस्या के दिन हिंदू धर्म में कई धार्मिक काम किए जाते हैं। कुछ मुख्य कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
भगवान शिव की पूजा: श्रावण मास की अमावस्या को भगवान शिव की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ माना जाता हैं।
स्नान: इस दिन स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। कुछ लोग श्रावण मास की अमावस्या को गंगा, यमुना और अन्य तीर्थ स्थलों में स्नान करते हैं। इससे जातक के सारे पाप धूल जाते हैं और शुभ कामों की सफलता प्राप्त होती है।
दान-धर्म: श्रावण मास की अमावस्या के दिन दान करना भी बहुत पुण्यकारी माना जाता है। जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है।
श्रावण मास की अमावस्या भगवान शिव को समर्पित होती है और इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण होता हैः
इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा जरूर करें।
अमावस्या तिथि के दिन गंगा नदी में स्नान करके पिंड दान करें।
श्रावण मास की अमावस्या के दिन दान करने से अत्यंत पुण्य प्राप्ति होती है। यह दिन दान देने के लिए अत्यंत उपयुक्त होता है। अनेक धर्म शास्त्रों में श्रावण मास की अमावस्या को दान देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है।
इस दिन आप धार्मिक संस्थाओं, मंदिरों, गुरुद्वारों, वृद्धाश्रम आदि में दान कर सकते हैं। आप भोजन, वस्त्र, उपचार, गृह सम्बन्धी सामान, धार्मिक किताबें आदि का दान कर सकते हैं।
श्रावण मास की अमावस्या बहुत ही धार्मिक महत्व रखती है और इस दिन अनेक उपाय किए जाते हैं, जो आपकी राशि के अनुसार भी होते हैं। इन उपायों से आप अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं और अपने जीवन को धन, सुख, समृद्धि और खुशहाली से भर सकते हैं। आइए, जानते हैं कि आपकी राशि के अनुसार श्रावण अमावस्या पर कौन से उपाय करने चाहिए।
मेष राशि: मेष राशि के लोगों को श्रावण अमावस्या के दिन लाल फूल मंदिर में चढ़ाने चाहिए और चावल, घी और गुड़ दान करना चाहिए।
वृषभ राशि: श्रावण अमावस्या के दिन वृषभ राशि के लोगों को सफेद फूल मंदिर में चढ़ाने चाहिए।
मिथुन राशि: मिथुन राशि के लोगों को श्रावण अमावस्या के दिन बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर माला जप करना चाहिए।
कर्क राशि: कर्क राशि के लोगों को श्रावण अमावस्या के दिन दान का काम करना चाहिए।
सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों को इस दिन सूर्य पूजन करना चाहिए और दूध का दान करना चाहिए।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों को जरूरतमंदों को भोजन करना चाहिए।
तुला राशि: तुला राशि के जातकों को इस दिन पशुओं को भोजन करना चाहिए।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों को इस दिन मंदिर में लाल फूल चढ़ाने चाहिए।
धनु राशिः इस दिन आपको भगवान शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
मकर राशिः इस दिन आपको कुत्तों को भोजन करना चाहिए।
कुंभ राशिः श्रावण अमावस्या के दिन इस राशि के लोगों को सफेद फूल मंदिर में चढ़ाने चाहिए।
मीन राशिः इस दिन आपको भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
इस दिन इन चीजें का दान नहीं करना चाहिए?
श्रावण अमावस्या के दिन दान करना बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। लेकिन कुछ चीजें होती हैं, जिनका इस दिन दान नहीं करना चाहिए। इनमें से कुछ चीजें हैं:
हल्दी और कुमकुम: श्रावण माह में हल्दी और कुमकुम का दान नहीं करना चाहिए।
शनि की दृष्टि में राहत दान: शनि की दृष्टि में राहत दान नहीं करना चाहिए।
शनि की साढ़े साती में दान: शनि की साढ़े साती में दान करने से बचना चाहिए।
धातुओं का दान: श्रावण माह में धातुओं का दान नहीं करना चाहिए।