AstroTalk

पेड़-पौधे हमारे जीवन में अहम हैं, आईए लाल किताब के अनुसार जानें पेड़ो का महत्व

हमारे जीवन में लाल किताब के अनुसार पेड़ पौधों का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में पेड़ों का सकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है और नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि उचित दशा में पेड़ पौधे लगे होंगे तो उसका प्रभाव अच्छा रहेगा और अगर उचित दिशा में नहीं लगे होंगे तो उनका प्रभाव नेगेटिव पड़ता है।

हमेशा इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि घर में पेड़ पौधे आपकी कुंडली के अनुसार ही लगे हो। अगर पेड़ पौधे कुंडली के अनुसार नहीं लगे होते हैं तो वह बहुत नुकसानदायक होते हैं। लाल किताब के द्वारा यह बात स्पष्ट की गई है कि हर वृक्ष किसी ना किसी ग्रह का कारक है तथा कुंडली में जो अच्छे ग्रह है उनके वृक्षों का घर के आसपास होना शुभ माना गया है।

सूर्य

सूर्य का पेड़ तेजपाल का वृक्ष है और आपकी कुंडली में जिस भाव में सूर्य हो उस भाव की ओर ही अपने घर के अंदर या बाहर तेजफल का पेड़ लगाना शुभ होता है। ध्यान रहे कि शुक्र, शनि और राहु के पेड़ इसके आसपास बिल्कुल भी नहीं होने चाहिए। तेजपाल के पेड़ के अलावा पहाड़ों पर उगने वाले पौधे, मिर्च, सूर्यमुखी, काली मिर्च, सरसों, गेहूं इत्यादि पर भी सूर्य का ही अधिकार होता है।

चन्द्र

सभी प्रकार के दूध वाले पौधे या वृक्ष चंद्र के कारक हैं। आपकी कुंडली में चंद्र जिस भी भाव में बैठा हो उस भाव की दिशा के हिसाब से ही पौधे या पेड़ आपको लगाने चाहिए। परंतु इस बात का ध्यान रखें कि दूध वाले पौधे लगाने से पहले किसी अनुभवी वास्तुशास्त्री से इस बारे में संपर्क जरूर कर लें। राहु, केतु और शनि के वृक्ष चंद्र के पौधे या पेड़ के साथ नहीं लगानी चाहिए। दूध वाले पौधों के अलावा रसीले फल, चावल, खिरनी की जड़, खोपरा पर भी चंद्र का ही अधिकार है।

मंगल

मंगल का कारक नीम का पेड़ है। यदि हम मंगल की दिशा की बात करें तो उसके दिशा दक्षिण है इसलिए नीम का पेड़ कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति को जानने के बाद ही लगाना चाहिए। पेड़ लगाने के बाद हर दिन उस पर जल भी चढ़ाते रहना चाहिए। नीम का वृक्ष शोक और रोग को दूर करने में सहायक है। इस वृक्ष के आसपास राहु, केतु, बुध, शुक्र और शनि के वृक्ष कभी भी नहीं लगाने चाहिए। इसके अलावा जितने भी नुकीले वृक्ष है उन पर भी मंगल का अधिकार है तथा बरगद, अदरक, मूंगफली, अनाज आदि पर भी मंगल का ही अधिकार है।

बुध

चौड़े पत्ते के सभी पेड़-पौधे तथा केले का पेड़ बुध ग्रह का कारक है। अगर आपके घर के आसपास केले का दरख़्त है तो आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञता से अवश्य संपर्क करें क्योंकि यह जानना बहुत ज़रूरी है कि वह सही दिशा में है भी या नहीं। इसलिए इस वृक्ष को लगाने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपकी कुंडली में बुध किस भाव में बैठा है। इसके साथ-साथ आप इस बात का भी ध्यान रखें कि इसके साथ चंद्र ग्रह के पौधे नहीं लगाने चाहिए। बुध ग्रह का अधिकार नरम फसल, हरे मूंग की दाल, मूंग दाल, बैंगन इत्यादि पर भी है।

गुरु

पीपल का वृक्ष गुरु ग्रह का कारक है। लेकिन इसको भी अपनी कुंडली में गुरु के बैठने के भाव को देखने के बाद ही लगाना चाहिए। अतः जिस भी भाव में गुरु अथवा बृहस्पति बैठा हो तो घर के उस हिस्से की ओर ही पीपल का पेड़ लगाना शुभ होता है। जब आप पीपल का वृक्ष लगाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसके पास बुध, शुक्र, शनि, राहु और केतु के वृक्ष नहीं हो। गुरु का अधिकार खड़ी फसल, चना, गांठ वाले पौधे, भारंगी आदि पर भी होता है।

शुक्र

मनी प्लांट और कपास का पौधा शुक्र ग्रह का कारक है। इसके अलावा कोई भी ज़मीन पर लेटी हुई बेल जो आगे बढ़ती है वह भी शुक्र ग्रह की कारक होती है। यदि शुक्र अच्छा है तो घर में मनी प्लांट लगाएं और अगर ख़राब है तो भी मनी प्लांट लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि शुक्र ग्रह के पौधे के पास सूर्य, मंगल, गुरु, राहु और चंद्र के पेड़ या पौधे न लगाएं।

शनि

आम, कीकर, खजूर और शमी का वृक्ष शनि ग्रह के कारक हैं। इन सारे पेड़ों में से शमी के पेड़ को छोड़कर अन्य कोई सा भी वृक्ष नहीं लगाना चाहिए। लेकिन शमी के पेड़ को भी कुंडली की स्थिति जानने के बाद ठीक दिशा में लगाना चाहिए। शनि ग्रह का अधिकार तंबाकू, खारी सब्जियों, कांटेदार पौधों, बिछोर की जड़ और जहरीले तथा कांटेदार पौधों पर भी होता है।

राहु

कांटेदार वृक्ष, चंदन, नारियल, कैक्टस तथा कांटे वाले सभी पेड़ पौधे राहु ग्रह के कारक हैं। नारियल और चंदन के वृक्ष को छोड़कर इन्हें अपने घर के आस-पास बिल्कुल भी लगाना नहीं चाहिए। यदि आपके घर में या उसके आसपास नारियल का दरख़्त लगा हुआ है तो मंगल सूर्य और चंद्र के पौधे या पेड़ वहां नहीं लगाने चाहिए। जब नारियल वास्तु के अनुसार लगा होता है तभी शुभ होता है। राहु का अधिकार काबुली चने, काले चने और लहसुन पर होता है।

केतु

केला, तिल के पौधे तथा इमली का पेड़ केतु ग्रह के कारक हैं। अगर केतु ग्रह ख़राब हो तो यह सभी पौधे घर के आस-पास लगाना शुभ होता है। विशेषकर घर के मालिक के बेटे के लिए अशुभ होता है क्योंकि कुंडली में केतु हमारे बेटे का कारक है जिस वजह से ऐसा होता है। यदि आपके घर के आसपास केले का पेड़ लगा है तो उसके पास चंद्र और मंगल के दरख्त नहीं लगे होने चाहिए। केतु का अधिकार लहसुन, अश्वगंधा, काबुली चने तथा काले चने पर भी होता है।

यह भी पढ़ें- केमद्रुम योग शुभ या अशुभ ?

 4,584 

Share

Recent Posts

  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

6 Zodiac Signs With Unmatched Adventurous Spirits

1 week ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

4 Zodiac Signs That Are Masters of Communication

1 week ago
  • English
  • Zodiac Signs

3 Zodiac Signs That Are Unusually Independent

1 week ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

5 Zodiac Signs Who Are Fiercely Loyal Friends

1 week ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

7 Zodiac Signs Known for Their Magnetic Charisma

1 week ago