Festival

मुंडन मुहूर्त 2023: इस शुभ मुहूर्त में करें अपने बच्चे का मुंडन, होगा लाभ

हिंदू धर्म में मुंडन से जुड़ी काफी मान्यताएं हैं। उनके अनुसार एक बालक के जन्म के बाल पिछले जन्म के कर्मों से छूटने के लिए मुंडवाए जाते हैं। जन्म के बाद पहली बार बच्चे के बाल उतारने की परंपरा होती है। इस परंपरा को मुंडन संस्कार कहा जाता है। एक बालक का मुंडन 3, 5 या 7 साल की उम्र या विषम वर्षों में किया जाता है। लेकिन एक बालिका का चौला कर्म या मुंडन सम वर्षों में होता है। हालांकि, परंपराओं के अनुसार एक बच्चे का मुंडन संस्कार 1 वर्ष की आयु में भी कर सकते है। बालक का मुंडन करने के लिए मुंडन मुहूर्त 2023 के बारे में जानना भी बेहद जरूरी होता है।

चिकित्सकीय दृष्टि से देखा जाए, तो जब बालक अपनी मां के गर्भ में होता है, तो उसके बालों में कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया फंस जाते हैं। कई बार शिशु के बाल धोने के बाद भी ये बैक्टीरिया नहीं निकलते है। यही कारण है कि बच्चे का मुंडन 1 साल की उम्र में जरूर कर लेना चाहिए।

मुंडन संस्कार हिंदू धर्म में सोलह पवित्र संस्कारों में से एक होता है। बालक के मुंडन संस्कार को चौल मुंडन, जदुला, चुरा कर्म या चौल कर्म संस्कार के नामों से भी जाना जाता है। मुंडन संस्कार सोलह पवित्र संस्कारों में से एक होता है, जो हिंदू धर्म में बालक के लिए अनिवार्य माना जाता है। यह आठवां और महत्वपूर्ण शुद्धिकरण अनुष्ठान होता है, जिसे शुभ मुहूर्त के दौरान एक बालक के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करने के लिए किया जाता है।

यह भी पढ़ें: चैत्र नवरात्रि 2023 का पहला दिन, ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, मिलेगा आशीर्वाद

मुंडन मुहूर्त 2023ः मुंडन संस्कार की शुभ तिथि और नक्षत्र

2023 जनवरी में मुंडन मुहूर्त

तिथि और दिनमुंडन का समयनक्षत्र
23 जनवरी 2023, सोमवार23 जनवरी,सुबह 07:17 से 24 जनवरी, सुबह 07ः17 धनिष्ठा
27 जनवरी 2023, शुक्रवार27 जनवरी शाम 06ः36 मिनट से 28 जनवरी सुबह 07ः15 अश्विनी

2023 फरवरी में मुंडन मुहूर्त

तिथि और दिनमुंडन का समयनक्षत्र
03 फरवरी 2023, शुक्रवारसुबह 06ः18 से 06ः58 तकपुनर्वसु
10 फरवरी 2023, मंगलवार10 फरवरी सुबह 07ः58 से 11 फरवरी सुबह 07ः06 तकहस्त
24 फरवरी 2023, मंगलवार24 फरवरी सुबह 03ः44 से 25 फरवरी 12ः31 तकअश्विनी

2023 मार्च में मुंडन मुहूर्त

तिथि और दिनमुंडन का समयनक्षत्र
1 मार्च 2023, बुधवारसुबह 06ः50 से सुबह 09ः42 तकमृगशीर्ष:
2 मार्च 2023, वीरवारदोपहर 12ः43 से शाम 07ः 55 तकपुनर्वसु
9 मार्च 2023, वीरवार09 मार्च सुबह 04ः20 से 10 मार्च सुबह 09ः21 तकहस्त
18 मार्च 2023,शनिवारसुबह 02ः46 से सुबह 06ः31 तकश्रवण

2023 अप्रैल में मुंडन मुहूर्त

तिथि और दिनमुंडन का समयनक्षत्र
14 अप्रैल 2023, शुक्रवार14 अप्रैल दोपहर 11ः13 से 15 अप्रैल सुबह 06 बजेश्रवण
24 अप्रैल 2023, सोमवार24 अप्रैल सुबह 08ः25 से 25 अप्रैल सुबह 02ः07 तकमृगशीर्ष:
26 अप्रैल 2023, बुधवार26 अप्रैल सुबह 11ः28 से 27 अप्रैल दोपहर 01ः39 तकपुनर्वसु

2023 मई में मुंडन मुहूर्त

तिथि और दिनमुंडन का समयनक्षत्र
3 मई 2023, बुधवारसुबह 05:43 से रात 11:50 हस्त
8 मई 2023, सोमवारसुबह 05:39 से शाम 07:19 ज्येष्ठ
11 मई 2023, वीरवार11 मई रात 10:17 से 12 मई, सुबह 09:07 तकश्रवण
17 मई 2023, बुधवारसुबह 07:39 से रात 10:28 अश्विनी
22 मई 2023, सोमवारसुबह 05:31से सुबह 10:37 मृगशीर्ष
24 मई 2023,  बुधवार24 मई सुबह 05:30 से 25 मई, रात 03:01 पुनर्वसु
30 मई 2023, मंगलवारसुबह 04:29 से सुबह 05:28हस्त

2023 जून में मुंडन मुहूर्त

तिथि और दिनमुंडन का समयनक्षत्र
1 जून 2023, वीरवारजून रात 01:39 से 2 जून, सुबह 06:53स्वाति
7 जून 2023, बुधवार7 जून, रात 09:51 से 8 जून, शाम 06:59 श्रावण
10 जून 2023, रविवाररात 03:09 से सुबह 05:26 शतभिषा
14 जून 2023, बुधवारशाम 05:26 से रात 08:48 अश्विनी
19 जून 2023, सोमवार19 जून, रात 08:10 से 20 जून,सुबह 05:27पुनर्वसु
21 जून 2023,  बुधवारसुबह 05:27 से दोपहर 03:10 तकपुष्य
28 जून 2023, बुधवार28 जून, सुबह 05:29 से  29 जून, रात 03:19चित्र

यह भी पढ़ें: चैत्र नवरात्रि 2023 का दूसरा दिन, इन विशेष अनुष्ठानों से करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा और पाएं उनका आशीर्वाद

2023 जुलाई में मुंडन मुहूर्त

बालक का मुंडन करने के लिए जुलाई माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं।

2023 अगस्त में मुंडन मुहूर्त

बालक का मुंडन करने के लिए अगस्त माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं।

2023 सितंबर में मुंडन मुहूर्त

बालक का मुंडन करने के लिए सितंबर माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं।

2023 अक्टूबर में मुंडन मुहूर्त

बालक का मुंडन करने के लिए अक्टूबर माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं।

यह भी पढ़ें: चैत्र नवरात्रि 2023 का तीसरा दिन, जरूर करें मां चंद्रघंटा की पूजा मिलेगा परेशानियों से छुटकारा

2023 नंवबर में मुंडन मुहूर्त

बालक का मुंडन करने के लिए नंवबर माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं।

2023 दिसंबर में मुंडन मुहूर्त

बालक का मुंडन करने के लिए दिसंबर माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं।

मुंडन संस्कार करने के लिए आवश्यक सामग्री

अगर आप अपने बालक का मुंडन संस्कार करा रहे है, तो आपको सबसे पहले गाय का शुद्ध घी, फूल और माला, फल और मिठाई, पंचामृत, पूजा के लिए पीला व लाल रंग का कोरा कपड़ा, आवश्यकता अनुसार बर्तन (जैसे दिया, कलश, थाली, चम्मच) आदि, जरूरी सामग्री को एकत्रित कर लेना चाहिए, क्योंकि इन सभी चीजों का उपयोग मुंडन के दौरान किया जाता हैं।

साल 2023 में इस विधि से करें बालक का मुंडन संस्कार

  • बालक के लिए पहला मुंडन हमेशा एक भाग्यशाली दिन और समय पर किया जाता है, जो जन्म तिथि पर निर्भर करता है। इस समय को “मुंडन मुहूर्त” भी कहा जाता है, जिसे एक पुजारी और ज्योतिष द्वारा विभिन्न ज्योतिषीय और पौराणिक तत्वों को ध्यान में रखकर चुना जाता है।
  • पुजारी निर्धारित दिन और समय पर हवन या पूजा का आयोजन करता है। इस समारोह के लिए मां शिशु को अपनी गोद में बैठाती है, क्योंकि वह पवित्र कुंड के सामने बैठी होती है। जबकि कुछ परिवार के लोग अपने घर पर ही इस समारोह को करना पसंद करते हैं और अन्य लोग इसे मंदिर में करते हैं।
  • कुछ परिवार पवित्र गंगा के तट पर अपने बालक का मुंडन समारोह करने का विकल्प भी चुनते हैं। लेकिन अब यह समय की कमी और अन्य कई कारकों के कारण घर पर किया जा रहा है।
  • पुजारी पवित्र मंत्रों का पाठ करते हुए बच्चे के बालों का एक छोटा- सा हिस्सा काटते हैं। बालक का मुंडन समारोह लड़कों और लड़कियों के लिए अलग- अलग होता है। बालिकाओं के सारे बाल मुंडवा दिए जाते हैं। लेकिन बालकों के सिर पर बालों का एक छोटा- सा गुच्छा छोड़ दिया जाता है, जिसे शिका कहा जाता है और यह वास्तव में लड़के के गोत्र को दर्शाता है।
  • इसके बाद नाई बालक के बचे हुए बालों को सावधानीपूर्वक काट देता है। वहीं दूसरी ओर, पुजारी बालक के सिर को पवित्र जल यानी गंगाजल से धोते हैं। ऐसा माना जाता है कि पानी सिर को शांत करने में मददगार होता है।
  • इसके बाद बालक के बालों को देवताओं को चढ़ाया जाता है या किसी अन्य तरीके से वितरित कर दिया जाता है।

यह भी पढ़ें: चैत्र नवरात्रि 2023 का पांचवा दिन, मां स्कंदमाता की ऐसे करें पूजा, होगी संतान प्राप्ति

बालक के मुंडन संस्कार के बाद करें ये काम

बालक के बाल मुड़ाने के बाद सिर को पवित्र जल से साफ किया जाता है और अगर आवश्यक हो, तो सिर के घाव पर चंदन और थोड़ी हल्दी का लेप लगा सकते है। साथ ही बालक को बुरी नजर से बचाने के लिए बच्चे के कटे हुए बालों की प्रत्येक लट को अक्सर लिनेन में बांधकर गंगा नदी में दान कर दिया जाता है। इसके तत्पश्चात् बालक के शरीर पर फंसे बालों या धूल को हटाने के लिए बच्चे को गर्म पानी से नहलाया जाता है। विशिष्ट समुदायों में, यह समारोह एक भव्य उत्सव के रूप में किया जाता है, जिसमें पूरे परिवार के लोगों का स्वागत होता है। इसी के साथ एक बच्ची के लिए मुंडन समारोह निजी तौर पर केवल करीबी परिवार के साथ किया जाता है ताकि बच्ची को बाहरी प्रभावों से सुरक्षित रखा जा सकें।

मुंडन संस्कार के लिए शुभ नत्रक्ष, दिन, तिथि और लग्न

हिंदू धर्म में सोलह संस्कारों होते है, जिसमें एक मुंड़न संस्कार भी शामिल है, जो बालक के जन्म के बाद किया जाता है। साथ ही शिशु का मुंडन कराना धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है ताकि बालक एक स्वस्थ जीवन जी सके। चलिए जानते हैं कि मुंडन मुहूर्त 2023 के लिए शुभ नक्षत्र, वर्ष और दिन कौन सा होता है:

  • नक्षत्र: ज्येष्ठ, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, हस्त, अश्विनी, पुष्य, स्वाति, पुनर्वसु, श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र
  • दिन: सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन किया जाए, तो यह अधिक फलदायी रहेगा
  • तिथि: द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी या त्रयोदशी तिथि
  • लग्न: द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, षष्ठी, नवमी और द्वादश लग्न
  • शुभ महीने: बालक का मुंडन आषाढ़ एकादशी से पहले
  • अशुभ महीने: चैत्र, वैशाख या ज्येष्ठ महीने में यह संस्कार नहीं करना चाहिए

शिशु का मुंडन कराने के लाभ

  • वैज्ञानिकों के अनुसार मां के गर्भ में कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, जो शिशु के बालों पर चिपक जाते हैं और कई बार बाल धोने के बाद भी ये बैक्टीरिया नहीं निकलते।
  • साथ ही बालक के सिर का मुंडन करने से यह बैक्टीरिया युक्त बाल निकल जाते हैं और बालक के स्वस्थ, अच्छे बालों का विकास होता है।मुंडन संस्कार के बाद बालक के शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है और शिशु अच्छे मानसिक और शारीरिक विकास का अनुभव करता है।
  • बालक के सिर का मुंडन सूर्य के प्रकाश के उचित अवशोषण में करना चाहिए, जो विटामिन-डी का एक स्रोत होता है। यह शिशु की खोपड़ी में एक समान रक्त का परिसंचरण प्रदान करता है, जिसके कारण बच्चे के बालों का अच्छा विकास होता है।
  • मुंडन संस्कार बालक के पहले दांत निकलने पर होने वाले दांत दर्द को भी कम करता है। शास्त्रों के अनुसार मुंडन एक बालक के जीवन में शुभता और ज्ञान प्रदान करता है।

यह भी पढ़ें: चैत्र नवरात्रि 2023 का चौथा दिन, करें मां कुष्मांडा की ये पूजा और मन्त्रों का जाप होगा सभी रोगों का नाश

मुंड़न संस्कार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • कुछ विद्वानों का मानना था कि किसी बालक का मुंडन संस्कार उसके जन्म के महीने या जन्म नक्षत्र के दौरान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, यदि चंद्रमा किसी बच्चे की कुंडली के चौथे, आठवें, बारहवें या शत्रु भाव में हो, तो यह समय मुंडन करने के लिए भी अशुभ माना जाता है।
  • हालांकि, ऐसे कई विद्वान हैं जो मानते है कि जन्म नक्षत्र या जन्म का महीना बालक के मुंडन करने के लिए एक अनुकूल समय होता है। द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, षष्ठी, सप्तम, नवम और द्वादश राशि के लग्न या उनके नवांश लग्न बालक का मुंडन संस्कार करने के लिए शुभ माने जाते हैं।
  • मान्यता के अनुसार मनुष्य का जीवन 84 लाख योनियों के बाद मिलता है। ऐसे में पिछले सभी जन्मों के ऋण और पाप उतारने के लिए बालक के बाल भेंट स्वरूप काटे जाते हैं।

मां की गोद में होता है बालक का मुंडन

हिंदू शास्त्र में मुंडन संस्कार के दौरान बच्चे को मां की गोद में बिठाया जाता है। साथ ही बच्चे के बाल कटवाते समय बच्चे का चेहरा पश्चिम दिशा की तरफ रखा जाता है, जिसे अग्नि दिशा भी कहा जाता है। इसके बाद उस्तरे की मदद से बच्चे के सिर से बाल हटा देते हैं। बाल हटाने के बाद बालक के सिर को गंगाजल से साफ करके हल्दी और चंदन का लेप लगाया जाता है।

अगर बच्चे के सिर पर उस्तरे से कोई घाव लगा हो, तो हल्दी और चंदन का लेप चोट पर लगाना फायदेमंद होता है। बालक का मुंडन करने के बाद कुछ लोग बालों को भगवान की मूर्ति के आगे अर्पित कर देते हैं, तो कुछ लोग अपनी कुलदेवी के चरणों में शिशु के बाल रखते हैं। कई जगहों पर मुंडन के बाद बालों को गंगा नदी में भी विसर्जित किया जाता हैं।

अधिक के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना साप्ताहिक राशिफल पढ़ें।

 29,139 

Share

Recent Posts

  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

6 Zodiac Signs With Unmatched Adventurous Spirits

1 week ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

4 Zodiac Signs That Are Masters of Communication

1 week ago
  • English
  • Zodiac Signs

3 Zodiac Signs That Are Unusually Independent

1 week ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

5 Zodiac Signs Who Are Fiercely Loyal Friends

1 week ago
  • English
  • Vedic
  • Zodiac Signs

7 Zodiac Signs Known for Their Magnetic Charisma

1 week ago