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Sakat chauth 2022: जाने सकट चौथ से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी

Sakat chauth 2022:  जनवरी माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं जैसे लोहरी, मकर संक्रांति आदि। यह त्यौहार लोगो के जीवन में खुशियां लेकर आते है। इसी के साथ इस महीने में सकट चौथ का पावन त्यौहार भी मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रख कर भगवान गणेश जी को खुश करती है।

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संकट चौथ को भगवान गणेश जी को समर्पित किया जाता है। इसे संकटा चौथ, तिल चौथ, गणेश चौथ, वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी, माघी चौथ, तिलकुटा चौथ, वक्रतुंडी चतुर्थी, तिलवा, तिलकुट चौथ, शंकर चौथ, बहुला चतुर्थी, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता है। इस व्रत को चंद्र देव को अर्घ देने के बाद संपूर्ण माना जाता है। चलिए जानते हैं इस व्रत से जुड़ी विधि, समय आदि के बारे में..

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सकट चौथ व्रत क्या है?

सकट चौथ का व्रत काफी शुभ व्रत माना जाता है। यह भगवान गणेश जी को समर्पित होता है। क्योंकि इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है और रात को चंद्र देव को अर्घ देकर इस व्रत को पूरा किया जाता है।

आपको बता दें कि हर महीने में दो चतुर्थी होती हैं, एक कृष्णा पक्ष और दूसरी शुल्क पक्ष में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को ही सकट चौथ कहा जाता है। इस साल यह 21 जनवरी 2022 शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। इसी के साथ इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। जिससे सारे संकट दूर हो जाते हैं। आपको बता दें कि महिलाएं यह व्रत अपने पुत्रों की लंबी आयु और अपने घर में खुशहाली के लिए रखती हैं।

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सकट चौथ का शुभ समय

इस व्रत के दिन भगवान गणेश जी अपने भक्तों के सभी दुखों को हर लेते हैं। और उन्हें खुशियों का वरदान देते हैं। इसीलिए भगवान गणेश जी को संकट मोचन भी कहा जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस व्रत को समय अनुसार ही पूरा करना चाहिए।

  • चतुर्थी का प्रारंभ समय : 21 जनवरी 8 बजकर 50 मिनट
  • चतुर्थी का समाप्त समय : 22 जनवरी को 9 बजकर  15 मिनट
  • चंद्र उदय का मुहूर्त : रात को 9 बजकर 25 मिनट

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पूजा की विधि

  • सकट चौथ व्रत को पूरा करने के लिए सुबह उठकर स्नान करना चाहिए।
  • स्नान करने के बाद साफ-सुथरे स्वच्छ वस्त्रों को धारण करना चाहिए।
  • उसके बाद गणेश जी की मूर्ति को ईशान कोण में एक चौकी पर विराजमान करना चाहिए।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात उस चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा अवश्य रखें।
  • उसके बाद गणेश जी की मूर्ति पर गंगाजल छिड़क कर पूजा करनी चाहिए।
  • साथ ही रोली, दूर्वा और फूल भगवान गणेश जी को चढ़ाने चाहिए।
  • उसके बाद पान, सुपारी और लड्डू का भोग भगवान गणेश जी को लगाना चाहिए।
  • साथ ही देसी घी और धूप से भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।
  • उसके के बाद आपको ओम गणेशाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • आपको बता दें कि इस दिन कुछ घरों में मान्यता के अनुसार तिल और गुड़ के बकरे की बलि दी जाती है।
  • इतना ही नहीं इस दिन सभी महिलाएं इकट्ठा होकर भगवान गणेश जी की कथा भी सुनती हैं।

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व्रत से जुड़ी जानकरी

  • इस दिन भगवान गणेश जी और चन्द्र देव की पूजा की जाती है।
  • कुछ महिलाएं यह व्रत निर्जल भी रखती है। और अपने बच्चो के लिए भगवान गणेश जी से लंबी आयु का वरदान मांगती है।
  • सकट चौथ पर सभी घरों में तिल के लड्डू बनाए जाते है।
  • वहीं कई घरों में इस दिन तिल का पहाड़ बनाकर उसे काटा जाता है
  • कई जगहों पर इस व्रत को तारो को देख कर खोलने की परंपरा होती है।
  • वहीं कई जगहों पर चांद देख कर ही इस व्रत खोलने की परंपरा है।
  • इस व्रत में शाम के समय चांद/तारो को अर्घ्य देकर ही व्रत को पूरा किया जाता है।

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