ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य के चलते ही पूरी धरती पर जीवन संभव हुआ है। इसलिए सूर्य की किसी भी गतिविधि का धरती और धरती पर रहने वाले जीवों पर भी असर पड़ता है। ऐसे में 21 जून को होने वाले सूर्य ग्रहण का वर्तमान में चल रही कोरोना महामारी और हम पर क्या असर हो सकता है इसकी चर्चा हम इस लेख में करेंगे।
कई ज्योतिषीय विद्वान मान रहे हैं कि 21 जून 2020 को होने वाले सूर्य ग्रहण के बाद कोरोना महामारी से राहत मिल सकती है। आकलन यह भी लगाया जा रहा है कि अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक यह बीमारी समाप्ति की ओर बढ़ जाएगी। जन-जीवन भी सामान्य हो जाएगा और दुनिया फिर पहले की तरह होने की भी संभावना है। इसके साथ ही लोगों में फैली नकारात्मकता के कम होने की भी इसके बाद संभावना है।
21 जून को मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य ग्रहण होगा और इसके बाद 30 जून को बृहस्पति ग्रह वक्री होकर धनु राशि में आ जाएंगे। इसके साथ ही मंगल ग्रह भी गुरु की राशि में प्रवेश करेंगे। ग्रहों की यह स्थिति कोरोना के कहर को कम करने में कारगर साबित हो सकती है। ज्योतिषीय विद्वानों के अनुसार 11 मई के बाद शनि देव का वक्री शुभ नहीं था इसीलिए इस महामारी ने और तेजी पकड़ी। हो सकता है कि कुछ और दिन भारत को इस महामारी से और जूझना पड़े लेकिन निकट भविष्य में इस महामारी से मुक्ति की संभावना है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार भारत के लिए 14 अप्रैल तक का समय काल ज्यादा भयभीत करने वाला था। तब ग्रहों की स्थितियां ऐसी थीं कि यह महामारी विकराव रूप ले सकती थी।
भारत की वर्तमान कुंडली के अनुसार इस साल का राजा बुध ग्रह है और मंत्री चंद्र हैं, चंद्रमा एक शुभ ग्रह है वहीं बुध को भी क्रूर ग्रह नहीं माना जाता है। इसलिए कुछ विद्वानों का मानना है कि जून के बाद यह महामारी खत्म हो सकती है।
ज्योतिष की एक पत्रिका में छपे एक अध्ययन के मुताबिक 21 जून को सूर्य देव कर्क रेखा पर आ जाएंगे जिससे कीटाणुओं और वायरस का अंत हो जाएगा। इसके बाद 19 अगस्त को राहु-केतु क्रमश: जब मृगशिरा और ज्येष्ठा नक्षत्र में आएंगे तो यह महामारी समाप्त हो जाएगी। इस अध्ययन से साफ जाहिर हो रहा है कि जल्द ही परिस्थितियां सामान्य होने की संभावना है।
21 जून को होने वाला यह सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में होगा। इस दिन ज्योतिष मे महत्वपूर्ण माने जाने वाले तीन ग्रह सूर्य, चंद्र और बुध पीड़ित अवस्था में होंगे। सूर्य को आत्मा और सत्ता का कारक माना जाता है वहीं चंद्र मन का कारक होता है, बुध ग्रह संचार का कारक है। ऐसे में ग्रहण के दौरान सत्तासीन लोगों के साथ ही धार्मिक, आध्यात्मिक और संचार के क्षेत्र से जुड़े लोगों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
सूर्य ग्रहण के दिन कुछ विशेष बातों का आपको ध्यान रखना चाहिए। जैसे इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। सूर्य ग्रहण के सूतक के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए और ग्रहण के बाद बासी भोजन नहीं खाना चाहिए। वहीं कुछ ऐसे काम भी हैं जिनको करके आप नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं जैसे- इस दिन धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें और योग ध्यान करें। इसके साथ ही मौन भी आपको नकारात्मक ऊर्जाओं से दूर रहने में मदद कर सकता है।
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