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सूर्य की उपासना – जानें अपने कुंडली में सूर्य को कैसे करें प्रसन्न ?

रविवार सूर्य देव की पूजा का विशेष दिन है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य का दोष है तो किन मंत्रो के साथ पूजा जरुर मानी जाती है या किस धातु से बनी मूर्ति की पूजा की जाती है यह जानना आपके लिए अतिआवश्यक है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव बहुत ही जल्द प्रसन्न हो जाते है।

जिससे सूर्य की कृपा से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। साथ ही,नौकरी और भाग्य संबंधी परेशानियां भी सूर्य पूजा से दूर हो जाती हैं। शास्त्रों के ​अनुसार भगवान श्री सूर्य को हिरण्यगर्भ भी कहा जाता है। हिरण्यगर्भ अर्थात् जिसके गर्भ में ही सुनहरे रंग की आभा है। भगवान श्री सूर्य देव आदि कहे जाते हैं। रविवार भगवान सूर्य का ही दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य उपासना करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है।

भगवान सूर्य की आराधना से कीर्ति, यश, सुख, समृद्धि, धन, आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य, तेज, कांति, विद्या, सौभाग्य और वैभव की प्राप्ति होती है। भगवान सूर्य संकटों से भी रक्षा करते हैं। 

ऐसे करें सूर्य भगवान को प्रसन्न-

रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें इसके बाद किसी मंदिर या घर में ही सूर्य को जल अर्पित करे इसके बाद पूजन में सूर्य देव के निमित्त लाल पुष्प, लाल चंदन, गुड़हल का फूल, चावल अर्पित करें।

गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं और सूर्य देव की कृपा से जातक को शुक्ल पक्ष के रविवार को गुड़ और चांवल नदी में प्रवाहित करना चाहिए।

जातक यदि तांबे के सिक्के नदी में प्रवाहित करे और रविवार के दिन अपने हाथ से मीठा व्यंजन बनाकर अपने परिवार और गरीब को खिलाए तो यह और भी उत्तम होता है।

रविवार के दिन गुड़ का भोग लगाना भी फायदेमंद होता है।

सूर्योदय के समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी बेहत उपयोगी होता है।

रविवार के दिन तेल, नमक न खाने से भी लाभ मिलता है।

किन मंत्रो का जाप करें –

अगर सूर्य देव को प्रसन्न करना है तो इन मंत्रों का जाप करें यह अवश्य ही फलदाई साबित होंगे।

यह मंत्र “राष्ट्रवर्धन” सूक्त से लिये गए है। सूर्योपासना करते समय माथे पर लाल चंदन का तिलक अवश्य लगाएं।

ऊं खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे।

निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे।।

त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्।

भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:।।

आप चाहें तो इस मंत्र का जाप कर सकते है।


प्रात: स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यम् रूपं हि मण्डलमृचोथ तनुर्यजूंषि।

सामानि यस्य किरणा:

प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्।।

या फिर इस मंत्र का जाप करें –


‘उदसौ सूर्यो अगादुदिदं मामकं वच:।

यथाहं शत्रुहोऽसान्यसपत्न: सपत्नहा।।

सपत्नक्षयणो वृषाभिराष्ट्रो विष सहि:।

यथाहभेषां वीराणां विराजानि जनस्य च।।’

माना जाता है कि इन मंत्रो का जाप करनें से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी और घर में सुख-शांति आएगी।

साथ ही घर में शांति रहेगी जिससे घर में कभी धन की कमी नही होगी।

किस धातु से बनी मूर्ति की पूजा करें –

  • पत्थर से बनी मूर्ति – किसी भी प्रकार के पत्थर से बनी भगवान सूर्य की मूर्ति को घर में लाना ज़मीन संबंधी मसलों में सफल बनाता है। यदि आपको या किसी को भी मौजूदा ज़मीन या ज़ायदाद के किसी मसले में दिक्कत आ रही है तो ऐसी मूर्ति घर लाकर स्थापित करें, अवश्य सफलता मिलेगी।
  • रत्नों से जड़ी हुई मूर्ति – यदि सूर्य देव की ऐसी मूर्ति जिसमें रत्न जड़वाए गए हों उसे घर में स्थापित किया जाए तो ऐसी मूर्ति हमारी संकल्प शक्ति को मजबूत बनाती है।अधिक लाभ पाने के लिए रोजाना इस मूर्ति के आगे दिया जलाना चाहिए।
  • चांदी सी बनी मूर्ति – अगर घर में सूर्य देव की चांदी से बनी मूर्ति स्थापित की जाए तो यह कॅरियर में सुधार लाती है। ऐसे लोग जीवन में जल्द सफलता को प्राप्त करते हैं।
  • सोने से बनी मूर्ति- अगर घर में भगवान सूर्य की सोने से बनी मूर्ति को स्थापित किया जाए, उसका पूर्ण विधि से पूजन किया जाए तो यह आर्थिक लाभ दिलाता है।
  • मिट्टी से बनी मूर्ति– अगर घर में सूर्य देव की मिट्टी से बनी मूर्ति की पूजा होती है या केवल ऐसी मूर्ति घर पर रखी भी हुई है तो यह समाज में मान-सम्मान बढ़ाती है। घर के सभी सदस्यों को इस मूर्ति के होने का लाभ प्राप्त होता है।
  • लकड़ी से बनी मूर्ति– यदि आप सूरज देवता की लकड़ी स एबनी मूर्ति की नित्य पूजा करेंगे तो यह आपकी किस्मत एक सितारे बुलंद करेगी। इसके अलावा रोग का नाश होगा और जातक की संकल्प शक्ति में भी इजाफा होता है।

लेकिन ऐसी मूर्ति ना लें

उपरोक्त बताई गई सूर्य देव की हर मूर्ति कुछ ना कुछ लाभ अवश्य देती है किंतु कुछ ऐसी मूर्तियां भी हैं जिन्हें घर पर नहीं लाना चाहिए। लोहा, कांच या सीसा धातु से बनी सूरज देवता की मूर्ति कभी घर नहीं लानी चाहिए। ऐसी मूर्तियां बैड लक को आमंत्रित करती हैं।

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