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Home Vastu tips for Stairs: जाने क्या कहता है सीढियों का वास्तु शास्त्र और किस रंग की सीढ़ियां घर में लाती है तरक्की

ज्योतिष में वास्तु शास्त्र का काफी अहम माना जाता है। क्योंकि इसी के आधार पर व्यक्ति को नकारात्मक और सकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ता है। जब व्यक्ति को वास्तु दोष का सामना करना पड़ता है, तो उसे कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है। वहीं यह परेशानियां जातक के लिए काफी गम्भीर बन सकती हैं। साथ ही वास्तु दोष घर से लेकर शौचालाय में भी उत्पन्न हो सकता है, इसीलिए वास्तु शास्त्र के नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। इसी के साथ जब आप घर की सीढियां बनाने का निर्णय लेते है, तो सीढियों का वास्तु शास्त्र (Sidhiyon ka vastu shastra) अवश्य ध्यान में रखें।

ऐसा माना जाता है कि सीढी अगर सही दिशा में ना बनाई जाए, तो जातक के घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। जिसके कारण जातक को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी के साथ घर में हर वक्त कोई ना कोई बीमारी बनी रहती है। वहीं परिवार को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ती है और यह सब घर की सीढियों के वास्तु दोष के कारण हो सकता है। चलिए जानते हैं कि कैसे उत्पन्न होता है सीढियों का वास्तु दोष और उसके उपाय-

वास्तु शास्त्र का महत्व (Vastu Shastra ka mahatva)

आपको बता दें कि जिस तरह किसी व्यक्ति के भविष्य या अतीत की गणना करने के लिए ज्योतिष उस जातक की कुंडली और ग्रह का अध्ययन करता है, उसी प्रकार जातक के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए वास्तु शास्त्र अहम भूमिका निभाता है। अगर व्यक्ति वास्तु शास्त्र के अनुसार कार्य करता है, तो उसे अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना नहीं करना होता है और उसे लाभ होता है।

लेकिन अगर जातक अपने जीवन में वास्तु शास्त्र के अनुसार कार्य नहीं करता है, तो उसे अपने जीवन में परेशानियों का अनुभव करना पड़ता है। साथ ही उसे जीवन के सभी क्षेत्रों में और असफलता का सामना भी करना पड़ता है। इसीलिए वास्तु शास्त्र जातक के लिए काफी अहम होता है। और जातक वास्तु शास्त्र के नियमों को अपनाकर अपनी सभी परेशानियों को दूर कर सकता है। साथ ही वास्तु के नियमों के साथ अपने घर और दुकान की दिशा निर्धारित करके स्वास्थ्य और कई परेशानियों से छुटकारा पा सकता है।

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सीढ़ियों का वास्तु शास्त्र (sidhiyon ka vastu Shastra)

 हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र काफी महत्व रखता है, क्योंकि उसी के आधार पर घर का निर्माण करना बेहद जरूरी होता है। ताकि व्यक्ति को वास्तु दोष का सामना ना करना पड़े, इसी के साथ घर की सीढ़ियां बनवाते समय सीढियों का वास्तु शास्त्र का पालन करना बेहद जरूरी होता है। ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और छोटी या बड़ी दुर्घटना की संभावना कम रहे।

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सीढ़ियों का वास्तु और संख्या (sidhiyon ka vastu aur sankhya)

आपको बता दें कि सीढ़ियों में कदमों की संख्या हमेशा विषम यानि 15, 19 या 21 होनी चाहिए। साथ ही सीढियों का वास्तु कहता है कि इसकी संख्या कभी भी जीरो से शुरु नहीं होनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति सीढ़ियां चढ़ते हुए दाहिना पैर पहले रखता है और  जब सीढियां खत्म हो, तो व्यक्ति का दायां पैर नीचे रहे और ऐसा तभी हो सकता है जब सीढ़ियां विषम संख्या में होंगी।

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सीढ़ियों का वास्तु और दिशा (sidhiyon ka vastu aur disha)

घर में सीढियां बनवाते समय दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। इसीलिए घर में सीढ़ियों के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है।

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घर के अंदर सीढ़ी का वास्तु शास्त्र (Ghar ke andar sidhi ka vastu Shastra)

आपको बता दें कि घर के अंदर की सीढ़ियों के लिए घर का दक्षिण-पश्चिम भाग एक सही विकल्प होता है दक्षिण-पश्चिम दिशा एक अच्छा विकल्प होता हैं। ऐसे में सीढि उत्तर से शुरू होनी चाहिए और दक्षिण की ओर जानी चाहिए। और यह पूरब से शुरू होकर पश्चिम की ओर जा सकती हैं। सीढियों का वास्तु कहता है कि घर के केंद्र में सीढी नहीं होनी चाहिए।

सीढीयों के लिए वास्तु नियम (sidhiyon ke liye vastu niyam)

आपको बता दें कि सीढ़ियों का वास्तु नियम काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसीलिए जब भी आप घर में सीढ़ियों का निर्माण करवाएं, तो वास्तु नियमों का अवश्य पालन करें।

  • बता दें कि वास्तु अनुसार राइट एंगल पर झुकते हुए स्क्वेयर और रैक्टैंगुलर सीढ़ियां, अंदरूनी या बाहरी सीढ़ियों के लिए अच्छा होता है।
  • इसी के साथ जो सीढ़ियां ज्यादा खड़ी है या बहुत ऊंची होती हैं, उससे उपयोगकर्ता काफी थका हुआ महसूस करने लगता है। क्योंकि हर बार उसे उनका ही उपयोग करना होता है।

किस रंग की होनी चाहिए सीढ़ियां (kis rang ki honi chahiye sidhiyan)

अपने घर में सीढी बनवाते समय रंग का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि वास्तु शास्त्र में रंग भी अहम होता है और सीढ़ियों के लिए गहरे रंगों का चुनाव नहीं करना चाहिए। आपको घर में सीढ़ियां बनवाते समय हल्के रंगों का चयन करना चाहिए। अपने घर में सीढी बनवाते समय लाल और काले रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

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इन बातों का रखें विशेष ध्यान

जब भी आप अपने घर में सीढ़ियां बनवाएं, तो आपको इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि वास्तु शास्त्र में घर निर्माण काफी अहम होता है।

  • सीढी की ऊंचाई 4 इंच से 7.75 इंच होनी चाहिए। जबकि थ्रेड की लेंथ 10 से 11.25 मीटर के बीच होनी चाहिए।
  • इसी के साथ घर के अंदर आप बिना रेलिंग के भी सीढियां बनावा सकते है। क्योंकि सीढ़ियों की चौड़ाई ज्यादा होती है अगर पांच से ज्यादा कदम पर है और घर के बाहर सीढ़ियां बनवा रहे हैं, तो रैलिंग लगाना जरुरी है।

सीढियों पर वास्तु दोष का प्रभाव (sidhiyon per vastu dosh ka prabhav)

आपको बता दें कि घर में सीढियां बनवाते समय वास्तु शास्त्र का बेहद ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इसके कारण व्यक्ति को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। घर के भीतर स्थित सीढी जातक के स्वास्थ्य पर काफी गहरा प्रभाव डालती है। अगर घर की सीढी सही तरीके से न बनी हो, तो उसका असर घर पर होता है। और घर के लोगों को इसका सामना करना पड़ता है।

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