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विवाह पूर्व कुंडली मिलान करना है अति आवश्यक

विवाह जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इतना बड़ा निर्णय लेते समय जीवन के हर पहलू का विचार कर लेना बुद्धिमत्ता है। विवाह से पूर्व एक दूसरे की इच्छाओं को जानना, शैक्षणिक स्तर को जानना, रुचि, अरुचियों के जानना, समाज में स्थान, जीवन में उन्नति व उन्नति की लालसा को जानना, अपेक्षाओं को जानना आवश्यक है। ऐसा आवश्यक नहीं की सभी गुण समान ही हो बल्कि कई गुण यदि विपरीत भी हो तो लाभकारी है। जैसे यदि एक मितव्ययी है ओर दूसरा खर्चीला, एक अंतर्मुखी हो ओर दूसरा बहिर्मुखी, एक मुँहफट हो तो तो दूसरा संयमित, तो वैवाहिक जीवन में संतुलन बना रहता है।

ऐसा बहुत से गुण या विशेषताएँ है जो प्रत्यक्ष नहीं होती। कई गुण या अवगुण ऐसे होते है जो अल्पकाल में जान पाना कठिन है। यदि जीवन एक वाहन है तो स्त्री-पुरुष उसके दो पहियें है, दोनो का एक स्तर तक समान होना ज़रुरी है। कुंडली मिलान से स्त्री-पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं या नहीं यह सहज पता चल जाता है।

किन-किन बातों का पता चलता है

  • यह पता चलता है की पति-पत्नी के सम्बंध विवाह पूर्व ठीक रहेंगे या नहीं। मनुष्यों के स्वभाव के कारण उन्हें देवता गण, मनुष्य गण व राक्षस गण में विभाजित किया गया है। एक जैसे स्वभाव के स्त्री-पुरुष का विवाह होने पर उनके मध्य मन-जुटाव और झगड़ा होने की सम्भावना कम हो जाती है।
  • विवाह-सूत्र की आयु भी कुंडली मिलान से पता चलती है। इसका अर्थ है की क्या पति-पत्नी एक दूसरे के लिए नाशक ग्रह दशा धारण तो नहीं किए हुए है। इसका ज्ञान कुंडली में वैधव्य योग के मिलान से होता है। एक दूसरे का साथ जीवन भर निभाने का संकल्प लेने वाले पति-पत्नी एक दूसरे की मृत्यु का कारण ना बन जाए इसलिए कुंडली मिलान आवश्यक है।
  • एक दूसरे के मानसिक स्तर में कितना भेद है इसका पता भी कुंडली मिलान से चलता है। यदि यह अंतर बहुत अधिक है तो दोनो के मध्य विचार ना मिलने या एक दूसरे को अपनी बात समझाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे वैवाहिक जीवन में कड़वाहट आ सकती है।
  • उनके बच्चों के विषय में जानकारी मिलती है। बच्चों का स्वास्थ्य कैसा रहेगा, उनके कोई रोग होने की सम्भावना के विषय में भी पता चलता है। बच्चों की आयु के विषय में, उनके मानसिक स्तर के विषय में भी अनुमान लगाया जा सकता है।
  • कभी-कभी कुंडली में एक दूसरे के सम्बन्धियों के प्रति भी घातक दोष हो सकते हैं। इनमें से बहुत से दोषों का उपाय आसानी से किया जा सकता है ।

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कुंडली मिलान के समय रखे इन बातों का ध्यान

जन्म पत्री मिलान किसी ज्ञानी ज्योतिषाचार्य से ही करवाएँ, वे अपने ज्ञान के आधार पर कुंडली मिलान के सभी पहलुओं पर ध्यान देकर जो भी उचित मार्ग सुझाएँ उसे सहर्ष, आदर सहित स्वीकार करें। स्त्री व पुरुष दोनो की जन्मपत्री भी शत-प्रतिशत ठीक बनी होनी आवश्यक है। जिस आधार पर कुंडली मिलान किया जा रहा है यदि वह आधार ही मिथ्या है तो उचित कुंडली मिलान किस प्रकार सम्भव है। यदि ज्योतिषाचार्य द्वारा कोई समाधान सुझाया जाए तो उस समाधान हेतु जो भी निर्देश हो उनका पालन शब्दवत आवश्यक है।

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