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विवाह शुभ मुहूर्त 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार 2024 में शादी के शुभ मुहूर्त और तिथियां

हिंदू धर्म में शुभ कार्य को मुहूर्त अनुसार करने का विशेष महत्त्व होता है। यही कारण है कि विवाह मुहूर्त से लेकर बालक के मुंडन संस्कार तक शुभ मुहूर्त का चुनाव किया जाता है और यह प्रथा सदियों से चली आ रही है, जिसे आज तक निभाया जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी कार्य शुभ मुहूर्त के अंतर्गत किया जाता है, वह सफल जरूर होता है और उस कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती। यही कारण है कि विवाह जैसे शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त का चयन करना बेहद आवश्यक होता है ताकि विवाहित जोड़ों के आने वाले भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी उत्पन्न न हो। विवाह शुभ मुहूर्त 2024 (Vivah shubh muhurat 2024) के अनुसार इस साल विवाह के लिए कई योग्य मुहूर्त हैं, जिसे विवाह करने वाले जातकों को जरूर जानना चाहिए।

जनवरी विवाह शुभ मुहूर्त 2024

तारिख और दिनमुहूर्त का समयनक्षत्रतिथि
16 जनवरी 2024, मंगलवार20:01 से 17 जनवरी 07:15उत्तर भाद्रपद, रेवतीषष्ठी, सप्तमी
17 जनवरी 2023, बुधवार07:15 से 21:50रेवती सप्तमी
20 जनवरी 2024, शनिवार03:09 से 21 जनवरी 07:14रोहिणी एकादशी
21 जनवरी 2024, रविवार07:14 से 07:23रोहिणी एकादशी
22 जनवरी 2024, सोमवार07:14 से 23 जनवरी 04:58मृगशिराद्वादशी, त्रयोदशी
27 जनवरी 2024, शनिवार19:44 से 28 जनवरी 07: 12मघा द्वितीया, तृतीया
28 जनवरी 2024, रविवार07:12 से 15:53मघा तृतीया
30 जनवरी 2024, मंगलवार10:43 से 31 जनवरी 07:10उत्तराफाल्गुनी, हस्तपंचमी
31 जनवरी 2024, बुधवार07:10 से 1 फरवरी 01:08हस्त पंचमी, षष्ठी

फरवरी विवाह शुभ मुहूर्त 2024

तारिख और दिनमुहूर्त का समयनक्षत्रतिथि
4 फरवरी 2024, रविवार07:21 से 05 फरवरी 05:44अनुराधानवमी, दशमी
6 फरवरी 2024, मंगलवार13:18 से 07 फरवरी 06:27मूलएकादशी, द्वादशी
7 फरवरी 2024, बुधवार04:37 से 08 फरवरी 07:05उत्तराषाढ़ा त्रयोदशी
8 फरवरी 2024,  गुरुवार07:05 से 11:17उत्तराषाढ़ात्रयोदशी
12 फरवरी 2024, सोमवार14:56 से 13 फरवरी 07:02उत्तर भाद्रपद तृतीया, चतुर्थी
13 फरवरी 2024, मंगलवार14:41 से 14 फरवरी 05:11रेवतीपंचमी
17 फरवरी 2024, शनिवार08:46 से 13:44रोहिणी नवमी
24 फरवरी 2024, शनिवार13:35 से 22:20मघापूर्णिमा, प्रतिपदा
25 फरवरी 2024, रविवार01:24 से 26 फरवरी 06:50उत्तराफाल्गुनीद्वितीया
26 फरवरी 2024, सोमवार 06:50 से 15:27उत्तराफाल्गुनीद्वितीया
29 फरवरी 2024, गुरुवार 10:22 से 01 मार्च 06:46स्वाती पंचमी

मार्च विवाह शुभ मुहूर्त 2024

तारिख और दिनमुहूर्त का समयनक्षत्रतिथि
1 मार्च 2024, शुक्रवार06:46 से 12:48स्वाती षष्ठी
2 मार्च 2024, शनिवार20:24 से 03 मार्च 06:44अनुराधा सप्तमी
3 मार्च 2024, रविवार06:44 से 15:55अनुराधा सप्तमी, अष्टमी
4 मार्च 2024, सोमवार22:16 से 05 मार्च 06: 42मूल नवमी
5 मार्च 2024, मंगलवार06:42 से 14:09मूल नवमी, दशमी
6 मार्च 2024, बुधवार14:52 से 07 मार्च 0640उत्तराषाढ़ाएकादशी, द्वादशी
7 मार्च 2024, गुरुवार06:40 से 08:24उत्तराषाढ़ाद्वादशी
10 मार्च 2024, रविवार01:55 से 11 मार्च 06:35उत्तर भाद्रपदप्रतिपदा
11 मार्च 2024, सोमवार06:35 से 12 मार्च 06:34उत्तर भाद्रपद, रेवती प्रतिपदा, द्वितीया
12 मार्च 2024, मंगलवार06:34 से 15:08रेवतीतृतीया

अप्रैल विवाह शुभ मुहूर्त 2024

तारिख और दिनमुहूर्त का समयनक्षत्रतिथि
18 अप्रैल 2024, गुरुवार00:44 से 19 अप्रैल 05:51मघाएकादशी
19 अप्रैल 2024, शुक्रवार05:51 से 06:46मघाएकादशी
20 अप्रैल 2024, शनिवार14:04 से 21 अप्रैल 02:48उत्तराफाल्गुनीद्वादशी, त्रयोदशी
21 अप्रैल 2024 रविवार,03:45 से 22 अप्रैल 05:48हस्तचतुर्दशी
22 अप्रैल 2024, सोमवार05:48 से 20:00हस्तचतुर्दशी

मई विवाह शुभ मुहूर्त 2024

इस माह में विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

जून विवाह शुभ मुहूर्त 2024

इस माह में विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

जुलाई विवाह शुभ मुहूर्त 2024

तारिख और दिनमुहूर्त का समयनक्षत्रतिथि
9 जुलाई 2024, मंगलवार 14:28 से 18:56मघाचतुर्थी
11 जुलाई 2024, गुरुवार13:04 से 12 जुलाई 04:09उत्तराफाल्गुनीषष्ठी
12 जुलाई 2024, शुक्रवार05:15 से 13 जुलाई 05:32हस्तसप्तमी
13 जुलाई 2024, शनिवार05:32 से 15:05हस्तसप्तमी
14 जुलाई 2024, रविवार22:06 से 15 जुलाई 05:33 स्वाती नवमी
15 जुलाई 2024, सोमवार05:33 से 16 जुलाई 00:30स्वाती नवमी, दशमी

अगस्त विवाह शुभ मुहूर्त 2024

इस माह में विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

सितंबर विवाह शुभ मुहूर्त 2024

इस माह में विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

अक्टूबर विवाह शुभ मुहूर्त 2024

इस माह में विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

नवंबर विवाह शुभ मुहूर्त 2024

तारिख और दिनमुहूर्त का समयनक्षत्रतिथि
12 नवंबर 2024, मंगलवार16ः04 से 19ः10उत्तर भाद्रपदद्वादशी
13 नवंबर 2024 बुधवार15:26 से 21:48रेवती त्रयोदशी
16 नवंबर 2024 शनिवार 23:48 से 17 नवंबर 06:45रोहिणीद्वितीया
17 नवंबर 2024, रविवार06:45 से 18 नवंबर 06:46रोहिणी, मृगशिराद्वितीया, तृतीया
18 नवंबर 2024, सोमवार06:46 से 07:56मृगशिरातृतीया
22 नवंबर 2024, शुक्रवार23:44 से 23 नवंबर 06:50 मघाअष्टमी
23 नवंबर 2024, शनिवार06:50 से 11:42मघाअष्टमी
25 नवंबर 2024, सोमवार01:01 से 26 नवंबर 06:53bहस्तएकादशी
26 नवंबर 2024, मंगलवार06:53 से 27 नवंबर 04:35 हस्त एकादशी
28 नवंबर 2024, गुरुवार07:36 से 29 नवंबर 06:55 स्वाती त्रयोदशी
29 नवंबर 2024, शुक्रवार06:55 से 08:39स्वाती त्रयोदशी

दिसंबर विवाह शुभ मुहूर्त 2024

तारिख और दिनमुहूर्त का समयनक्षत्रतिथि
4 दिसंबर 2024, बुधवार17:15 से 05 दिसंबर 01:02उत्तराषाढ़ा चतुर्थी
5 दिसंबर 2024, गुरुवार12:49 से 17:26उत्तराषाढ़ापंचमी
9 दिसंबर 2024, सोमवार14:56 से 10 दिसंबर 01:06 उत्तर भाद्रपद नवमी
10 दिसंबर 2024, मंगलवार22:03 से 11 दिसंबर 06:13रेवतीदशमी, एकादशी
14 दिसंबर 2024, शनिवार07:06 से 16:58मृगशिरापूर्णिमा
15 दिसंबर 2024, रविवार03:42 से 07:06मृगशिरापूर्णिमा

यह भी पढ़ें: भूमि पूजन मुहूर्त 2023: गृह निर्माण शुरू करने की शुभ तिथियां

हिंदू धर्म में विवाह और उसके शुभ मुहूर्त का महत्व

हिंदू धर्म में 16 संस्कार होते हैं, जिसमें विवाह संस्कार सबसे महत्त्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि विवाह व्यक्ति का दूसरा जन्म होता है, जो वर और वधू के साथ- साथ दो परिवारों को आपस में जोड़ने का काम करता है। हिन्दू विवाह शुभ मुहूर्त 2024 (Vivah shubh muhurat 2023) की गणना करने के लिये सर्वप्रथम पन्चाङ्ग शुद्धि होती है और पन्चाङ्ग शुद्धि न केवल विवाह के शुभ दिन का अनुमान लगाती है बल्कि विवाह के संस्कारों के लिये शुभ मुहूर्त भी उपलब्ध करवाती है। हिन्दू पंचांग पर आधारित सौर मास और चन्द्र मास साल 2024 के सभी दिनों के लिये, नक्षत्र, योग और करण की शुद्धि कर विवाह के शुभ दिन और मुहूर्त उपलब्ध करवाता है।

इसी के साथ विवाह एक ऐसा बंधन होता है, जो दो लोगों को के साथ दो परिवार और कई नए रिश्ते भी बनता हैं, इसीलिए विवाह एक शुभ कार्य माना जाता है, जिसे शुभ मुहूर्त में करना अति आवश्यक होता है ताकि परिवार और विवाहित जोड़े अपने जीवन में खुश रह सकें।

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वर-वधू की जन्म राशि के आधार पर निकलते हैं विवाह शुभ मुहूर्त

जब जातक की कुंडली अनुसार गुणों का मिलान हो जाता है उसके बाद वर-वधू की जन्म राशि के आधार पर विवाह मुहूर्त निकाला जाता है। जब जातक की कुंडली में गुण मिलान की प्रक्रिया संपन्न हो जाती है, तब वर-वधू की जन्म राशि के आधार पर विवाह संस्कार के लिए निश्चित तिथि, वार, नक्षत्र तथा समय को निकाला जाता है, जिसे विवाह मुहूर्त के नाम से जाना जाता है। साथ ही वर या वधू  की चंद्रमा राशि यानि उनका जन्म जिस चंद्रमा नक्षत्र में होता है उसके आधार पर विवाह की तिथि ज्ञात की जाती है।  हालांकि, लड़का और लड़की की राशियों में विवाह के लिए एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।

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2024 में विवाह मुहुर्त के लिए शुभ तिथियां, नक्षत्र, योग और करण

वैदिक ज्योतिष में विवाह काफी शुभ संस्कार माना जाता है, इसीलिए शुभ मुहूर्त के साथ-साथ शुभ तिथियां भी महत्वपूर्ण होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में सत्ताईस नक्षत्रों होते है। लेकिन 11 नक्षत्र को ही विवाह के लिए शुभ माना जाता है। चलिए जानते है विवाह के लिए कौन-सा दिन, योग, तिथि, करण शुभ माने जाते हैः

  • करण: किकिन्स्तुघना करण, बावा करण, बलवी करण, कौलव करण, तैतिला करण, गारो करण और वनिजा करण विवाह के लिए काफी शुभ माने जाते हैं।
  • मुहूर्त: विवाह करने के लिए अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि बेला का मुहुर्त सबसे शुभ माना जाता है।
  • तिथि: द्वितीय, तृतीय, पंचमी, सप्तमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथि शादी के लिए शुभ मानी जाती हैं। साथ ही इन तिथियों में विवाह करना जातक के लिए शुभ होता हैं।
  • नक्षत्र: रोहिणी नक्षत्र (चौथा नक्षत्र), मृगशिरा नक्षत्र ( पांचवा नक्षत्र), मघा नक्षत्र (दसवां नक्षत्र), उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र (बारहवां नक्षत्र), हस्त नक्षत्र (तेरहवां नक्षत्र), स्वाति नक्षत्र (पंद्रहवां नक्षत्र), अनुराधा नक्षत्र (सत्रहवां नक्षत्र), मूल नक्षत्र (उन्नीसवां नक्षत्र), उत्तराषाढ़ नक्षत्र (इक्कीसवां नक्षत्र), उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र (छब्बीसवां नक्षत्र) और रेवती नक्षत्र (सत्ताईसवां नक्षत्र) विवाह के लिए शुभ होते हैं।
  • दिन: सोमवार, बुधवार, गुरुवार, और शुक्रवार इन दिनों को विवाह के लिए काफी शुभ माना जाता है। जबकि मंगलवार के दिन विवाह करना अशुभ नही माना जाता है, क्योंकि यह दिन विवाह समारोह के लिए उत्तम नहीं होता है।
  • योग: शादी के लिए प्रीति योग, सौभाग्य योग, हर्षण योग अति उत्तम माने जाते है, क्योंकि यह योग जातक के लिए लाभदायक साबित होते है।

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जातक के इतने गुणों के मिलने से होता है विवाह सफल

हिन्दू पंचांग के अनुसार लड़के और लड़की की कुंडलियों का मिलान किया जाता है और कुंडली में 36 गुण होते हैं। इन 36 गुणों के आधार पर ही जातक का विवाह तय होता है। साथ ही विवाह हेतु न्यूनतम 18 गुण मिलना बहुत आवश्यक है। विवाह के लिए 18 से 25 गुणों का मिलना सामान्य माना जाता है। लेकिन 25 से 32 गुण मिलना उत्तम माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में 25 से 32 गुण मिल जाते हैं, उनकी कुंडली अति उत्तम मानी जाती है। इसके अलावा, जिन लोगों के 32 से 36 गुण मिलते हैं, उनकी कुंडली को सर्वोत्तम माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में 32 से 36 गुण मिलते हैं, उनका वैवाहिक जीवन अधिक सुखद और खुशहाल होता है। हालांकि, ऐसा बहुत ही कम देखा जाता है कि किसी व्यक्ति के 32-36 गुण मिलें हो।

वधू के गुरुबल और वर के सूर्यबल पर जरूर करें विचार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वधू की राशि में बृहस्पति यदि द्वितीया, पंचम, सप्तम, नवम और एकादश भाव में हो, तो वो शुभ माना जाता है और चतुर्थ, अष्टम और द्वादश भाव में गुरु होना अशुभ सकेंत होता है। इसी प्रकार, वर की राशि में अगर सूर्य तृतीय, षष्ठम, दशम और एकादश भाव में हो, तो वो यह शुभ होता हैं और चतुर्थ, अष्टम, द्वादश भाव में सूर्य का होना अशुभ माना जाता है।

विवाह मुहूर्त में अहम होता है लग्न भाव

ज्योतिष अनुसार विवाह करने के लिए लग्न का समय निकाला जाता है। यहां लग्न का अर्थ फेरे का समय होता है, जब वर-वधू अग्नि के सात फेरे लेते है। साथ ही लग्न का निर्धारण विवाह की तिथि तय होने के उपरांत किया जाता है। यदि लग्न तय करने में थोड़ी भी त्रुटि होती है, तो यह जातक के जीवन में दोष का कारण बन सकता है। ऐसा कहा जाता है की विवाह में तिथि को शरीर, चंद्रमा को मन, योग और नक्षत्रों को शरीर का अंग और लग्न को आत्मा माना गया है। साथ ही लग्न तय करते समय ध्यान रखें  कि जन्म कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी विवाह लग्न में स्थित न हो। इसके अलावा, लग्न से पीड़ित चंद्रमा, शुक्र और मंगल अष्टम भाव में स्थित नहीं होने चाहिए। 

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