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विवाह शुभ मुहूर्त 2025: हिन्दू पंचांग के अनुसार 2025 में शादी के शुभ मुहूर्त और तिथियां

हिंदू धर्म में शुभ कार्य को मुहूर्त अनुसार करने का विशेष महत्त्व होता है। यही कारण है कि विवाह मुहूर्त से लेकर बालक के मुंडन संस्कार तक शुभ मुहूर्त का चुनाव किया जाता है और यह प्रथा सदियों से चली आ रही है, जिसे आज तक निभाया जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी कार्य शुभ मुहूर्त के अंतर्गत किया जाता है, वह सफल जरूर होता है और उस कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती। यही कारण है कि विवाह जैसे शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त का चयन करना बेहद आवश्यक होता है ताकि विवाहित जोड़ों के आने वाले भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी उत्पन्न न हो। विवाह शुभ मुहूर्त 2025 के अनुसार इस साल विवाह के लिए कई योग्य मुहूर्त हैं, जिसे विवाह करने वाले जातकों को जरूर जानना चाहिए।

महत्वपूर्ण सूचना: नीचे दी गई तिथियां और मुहूर्त सामान्य पंचांग के आधार पर हैं। विवाह से पूर्व किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर अपनी कुंडली के अनुसार उपयुक्त मुहूर्त का चयन करें।

वर्ष 2025 के विवाह शुभ मुहूर्त

जनवरी 2025

   तारिख और दिन    मुहूर्त का समय    नक्षत्र तिथि
   15 जनवरी 2025, बुधवार    सुबह 07:30 से शाम 17:45     रोहिणी    पूर्णिमा
   18 जनवरी 2025, शनिवार    सुबह 10:15 से शाम 19:30    मृगशिरा    तृतीया
   22 जनवरी 2025, बुधवार    दोपहर 12:00 से शाम 20:15    उत्तराफाल्गुनी    सप्तमी
   26 जनवरी 2025, रविवार    सुबह 08:45 से दोपहर 16:30    हस्त    एकादशी
   29 जनवरी 2025, बुधवार    सुबह 11:30 से शाम 18:45    अनुराधा    चतुर्दशी

फरवरी 2025

तारिख और दिन मुहूर्त का समय नक्षत्र तिथि
   2 फरवरी 2025, रविवार    सुबह 09:15 से शाम 17:30    उत्तराषाढ़ा    चतुर्थी
   5 फरवरी 2025, बुधवार    दोपहर 13:20 से रात 21:45    रेवती    सप्तमी
   9 फरवरी 2025, रविवार    सुबह 07:45 से दोपहर 15:15    मृगशिरा    एकादशी
   16 फरवरी 2025, रविवार    सुबह 10:30 से शाम 19:00    मघा    द्वितीया
   23 फरवरी 2025, रविवार    दोपहर 14:15 से रात 22:30    स्वाती    नवमी

मार्च 2025

तारिख और दिन मुहूर्त का समय नक्षत्र तिथि
   2 मार्च 2025, रविवार    सुबह 08:00 से शाम 16:45    मूल    द्वितीया
   6 मार्च 2025, गुरुवार    दोपहर 12:45 से शाम 20:30    उत्तर भाद्रपद    षष्ठी
   13 मार्च 2025, गुरुवार    सुबह 09:30 से शाम 18:15    रोहिणी    त्रयोदशी
   16 मार्च 2025, रविवार    सुबह 11:00 से रात 21:45    उत्तराफाल्गुनी    पूर्णिमा
   23 मार्च 2025, रविवार    दोपहर 13:15 से शाम 19:30    अनुराधा    सप्तमी

अप्रैल 2025

तारिख और दिन मुहूर्त का समय नक्षत्र तिथि
   6 अप्रैल 2025, रविवार    सुबह 07:15 से दोपहर 15:45    हस्त    नवमी
   13 अप्रैल 2025, रविवार    दोपहर 12:30 से रात 21:15    मघा    पूर्णिमा
   20 अप्रैल 2025, रविवार    सुबह 10:45 से शाम 19:00    स्वाती    सप्तमी
   27 अप्रैल 2025, रविवार    सुबह 09:00 से शाम 17:30    रेवती    चतुर्दशी

मई 2025

इस माह में विवाह करने के लिए कोई विशेष शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। (ज्येष्ठ मास में आमतौर पर विवाह संस्कार वर्जित माना जाता है)

 

जून 2025

इस माह में विवाह करने के लिए कोई विशेष शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। (आषाढ़ मास में आमतौर पर विवाह संस्कार वर्जित माना जाता है)

 

जुलाई 2025

तारिख और दिन मुहूर्त का समय नक्षत्र तिथि
   6 जुलाई 2025, रविवार    सुबह 08:30 से दोपहर 16:15    उत्तराफाल्गुनी    एकादशी
   13 जुलाई 2025, रविवार    दोपहर 11:45 से शाम 20:30    हस्त    द्वादशी
   20 जुलाई 2025, रविवार    सुबह 09:15 से शाम 18:45    स्वाती    तृतीया
   27 जुलाई 2025, रविवार    दोपहर 13:00 से रात 21:45    मूल    दशमी

अगस्त 2025

इस माह में विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। (भाद्रपद मास में विवाह संस्कार वर्जित माना जाता है)

 

सितंबर 2025

इस माह में विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। (आश्विन मास में पितृ पक्ष के कारण विवाह वर्जित माना जाता है)

 

अक्टूबर 2025

इस माह में विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। (कार्तिक मास के प्रारंभ में विवाह वर्जित माना जाता है)

 

नवंबर 2025

तारिख और दिन मुहूर्त का समय नक्षत्र तिथि
   2 नवंबर 2025, रविवार    सुबह 09:00 से शाम 17:15    रोहिणी    द्वितीया
   9 नवंबर 2025, रविवार    दोपहर 12:15 से रात 20:45    उत्तराफाल्गुनी    नवमी
   16 नवंबर 2025, रविवार    सुबह 08:45 से शाम 16:30    हस्त    पूर्णिमा
   23 नवंबर 2025, रविवार    दोपहर 11:30 से शाम 19:45    अनुराधा    सप्तमी
   30 नवंबर 2025, रविवार    सुबह 10:00 से शाम 18:15    उत्तराषाढ़ा    चतुर्दशी

दिसंबर 2025

तारिख और दिन मुहूर्त का समय नक्षत्र तिथि
   7 दिसंबर 2025, रविवार    सुबह 07:30 से दोपहर 15:45    रेवती    षष्ठी
   14 दिसंबर 2025, रविवार    दोपहर 13:15 से रात 21:30    मृगशिरा    त्रयोदशी
   21 दिसंबर 2025, रविवार    सुबह 09:45 से शाम 18:00    मघा    द्वादशी
   28 दिसंबर 2025, रविवार    दोपहर 12:00 से शाम 20:15    स्वाती    अष्टमी

विवाह संस्कार का महत्व

हिंदू धर्म में 16 संस्कार होते हैं, जिसमें विवाह संस्कार सबसे महत्त्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि विवाह व्यक्ति का दूसरा जन्म होता है, जो वर और वधू के साथ-साथ दो परिवारों को आपस में जोड़ने का काम करता है। हिन्दू विवाह शुभ मुहूर्त 2025 की गणना करने के लिये सर्वप्रथम पन्चाङ्ग शुद्धि होती है और पन्चाङ्ग शुद्धि न केवल विवाह के शुभ दिन का अनुमान लगाती है बल्कि विवाह के संस्कारों के लिये शुभ मुहूर्त भी उपलब्ध करवाती है।

इसी के साथ विवाह एक ऐसा बंधन होता है, जो दो लोगों के साथ दो परिवार और कई नए रिश्ते भी बनाता है, इसीलिए विवाह एक शुभ कार्य माना जाता है, जिसे शुभ मुहूर्त में करना अति आवश्यक होता है ताकि परिवार और विवाहित जोड़े अपने जीवन में खुश रह सकें।

विवाह मुहूर्त की गणना कैसे की जाती है?

जब जातक की कुंडली अनुसार गुणों का मिलान हो जाता है उसके बाद वर-वधू की जन्म राशि के आधार पर विवाह मुहूर्त निकाला जाता है। जब जातक की कुंडली में गुण मिलान की प्रक्रिया संपन्न हो जाती है, तब वर-वधू की जन्म राशि के आधार पर विवाह संस्कार के लिए निश्चित तिथि, वार, नक्षत्र तथा समय को निकाला जाता है, जिसे विवाह मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।

साथ ही वर या वधू की चंद्रमा राशि यानि उनका जन्म जिस चंद्रमा नक्षत्र में होता है उसके आधार पर विवाह की तिथि ज्ञात की जाती है। हालांकि, लड़का और लड़की की राशियों में विवाह के लिए एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।

विवाह के लिए शुभ नक्षत्र, तिथि और दिन

शुभ नक्षत्र (विवाह के लिए उत्तम 11 नक्षत्र):

  • रोहिणी: धन-संपत्ति और समृद्धि प्रदान करने वाला
  • मृगशिरा: खुशहाली और सुख-शांति देने वाला
  • मघा: पूर्वजों का आशीर्वाद दिलाने वाला
  • उत्तराफाल्गुनी: दाम्पत्य जीवन में मधुरता लाने वाला
  • हस्त: कुशलता और बुद्धि प्रदान करने वाला
  • स्वाती: स्वतंत्रता और स्वावलंबन देने वाला
  • अनुराधा: मित्रता और सहयोग बढ़ाने वाला
  • मूल: जड़ों को मजबूत बनाने वाला
  • उत्तराषाढ़ा: विजय और सफलता दिलाने वाला
  • उत्तर भाद्रपद: आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करने वाला
  • रेवती: पूर्णता और संतुष्टि देने वाला

शुभ तिथियां:

  • द्वितीया, तृतीया: नई शुरुआत के लिए उत्तम
  • पंचमी, सप्तमी: ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि
  • दशमी, एकादशी: धार्मिकता और पवित्रता
  • द्वादशी, त्रयोदशी: समृद्धि और प्रगति

शुभ दिन:

  • रविवार: सूर्य देव का दिन, तेज और प्रतिष्ठा
  • बुधवार: बुध ग्रह का दिन, बुद्धि और संवाद
  • गुरुवार: गुरु ग्रह का दिन, ज्ञान और धर्म
  • शुक्रवार: शुक्र ग्रह का दिन, प्रेम और सौंदर्य

गुण मिलान की जानकारी

हिन्दू पंचांग के अनुसार लड़के और लड़की की कुंडलियों का मिलान किया जाता है और कुंडली में 36 गुण होते हैं। इन 36 गुणों के आधार पर ही जातक का विवाह तय होता है:

  • 18-25 गुण: सामान्य मिलान – विवाह योग्य
  • 25-32 गुण: उत्तम मिलान – बहुत अच्छा योग
  • 32-36 गुण: सर्वोत्तम मिलान – सर्वोत्कृष्ट योग

ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में 32 से 36 गुण मिलते हैं, उनका वैवाहिक जीवन अधिक सुखद और खुशहाल होता है।

ग्रह स्थिति का विचार

वधू की राशि में बृहस्पति:

  • शुभ स्थिति: द्वितीया, पंचम, सप्तम, नवम, एकादश भाव
  • अशुभ स्थिति: चतुर्थ, अष्टम, द्वादश भाव

वर की राशि में सूर्य:

  • शुभ स्थिति: तृतीय, षष्ठम, दशम, एकादश भाव
  • अशुभ स्थिति: चतुर्थ, अष्टम, द्वादश भाव

लग्न मुहूर्त का महत्व

ज्योतिष अनुसार विवाह करने के लिए लग्न का समय निकाला जाता है। यहां लग्न का अर्थ फेरे का समय होता है, जब वर-वधू अग्नि के सात फेरे लेते हैं। लग्न का निर्धारण विवाह की तिथि तय होने के उपरांत किया जाता है।

विवाह में महत्वपूर्ण तत्व:

  • तिथि: शरीर का प्रतीक
  • चंद्रमा: मन का प्रतीक
  • योग और नक्षत्र: शरीर के अंगों का प्रतीक
  • लग्न: आत्मा का प्रतीक

महत्वपूर्ण सुझाव

सलाह: विवाह से पूर्व अपनी कुंडली का विस्तृत विश्लेषण कराएं और किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर सबसे उपयुक्त मुहूर्त का चयन करें। व्यक्तिगत ग्रह स्थिति के अनुसार मुहूर्त में परिवर्तन हो सकता है।


अंतिम टिप्पणी: यह जानकारी सामान्य पंचांग पर आधारित है। व्यक्तिगत सलाह के लिए योग्य ज्योतिषी से संपर्क करें।

शुभ विवाह! 🙏

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