आपको बता दें कि हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। क्योंकि शुभ मुहूर्त के अनुसार ही विवाह, मुंडण, गृह प्रवेश, मकान की नीव रखना आदि जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं। वहीं ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य काफी सफल होता है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि अशुभ समय में किए गए कार्य सफल नहीं होते हैं। और जातक को शुभ परिणाम भी प्राप्त नहीं होते है। इसीलिए शुभ समय में किए गए कार्यो को प्राथमिकता दी जाती है और शुभ समय का विशेष महत्व होता है। आपको बता दें कि कुछ ऐसे अशुभ योग होते हैं जिनके दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अगर इन अशुभ योगों के दौरान कार्य किया जाता है, तो उसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता है।
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वहीं ज्योतिष गणनाओं के अनुसार कुछ योग शुभ होते हैं, तो कुछ अशुभ होते हैं। साथ ही शुभ योग जातक को शुभ परिणाम देते हैं और अशुभ योग जातक को अशुभ परिणाम देते हैं। वहीं ज्योतिष के अनुसार कुल 27 प्रकार के योग होते हैं। आपको बता दें कि सूर्य- चंद्रमा की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। इसी के साथ दूरियों के आधार पर ही 27 योग बनते हैं।
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1. विष्कुम्भ
2. प्रीति
3. आयुष्मान
4. सौभाग्य
5. शोभन
6. अतिगण्ड
7. सुकर्मा
8. धृति
9. शूल
10. गण्ड
11. वृद्धि
12. ध्रुव
13. व्याघात
14. हर्षण
15. वज्र
16. सिद्धि
17. व्यतिपात
18. वरीयान
19. परिध
20. शिव
21. सिद्ध
22. साध्य
23. शुभ
24. शुक्ल
25. ब्रह्म
26. इन्द्र
27. वैधृति
शुभ और अशुभ योग दोनों योग जातक की कुंडली में बनकर अलग-अलग परिणाम देते हैं। साथ ही शुभ योग से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। और अशुभ योग के कारण जातक को जीवन में असफलताओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही कुछ अशुभ योग ऐसे होते हैं जिनमें किसी भी तरह के शुभ कार्य करने पर मनाई होती है और अगर कोई भी व्यक्ति इन अशुभ योगों में शुभ कार्य करता है, तो उसका वह कार्य पूर्ण नहीं होता और उसे शुभ परिणाम भी प्राप्त नहीं होते है।
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बता दें कि जब किसी जातक की कुंडली में गुरु की दशा सही नहीं होती है, तो अशुभ योग बनते हैं। यह योग जातक की कुंडली में बनने से जातक को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब किसी जातक की कुंडली में अशुभ योग बनते हैं, तो उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि स्वास्थ्य संबंधी, कैरियर संबंधी, शिक्षा संबंधी आदि परेशानियां का सामना करना पड़ता है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 लोग होते हैं, जिसमें से 9 अशुभ योग होते हैं। साथ ही यह योग काफी अशुभ होते हैं। इसीलिए इन योगों में शुभ कार्य करने की मनाई होती है। अगर कोई जातक इन योगों के दौरान शुभ कार्य करता है, तो उसे उस कार्य का फल नहीं प्राप्त होता है। और वह कार्य भी सफल नही होता है।
9 अशुभ योग
विष्कुम्भ
अतिगण्ड
शूल,
गण्ड,
व्याघात,
वज्र,
व्यतिपात,
परिध
वैधृति
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साथ ही आपको अधिक जानकारी के लिए किसी अनुभवी ज्योतिष से सलाह लेनी चाहिए।
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