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gayatri mantra: ज्योतिष अनुसार जानें गायत्री मंत्र का अर्थ और लाभ

ज्योतिष शास्त्र में मंत्रों का काफी महत्व होता हैं। क्योंकि मंत्रों की शक्ति से जातक अपनी सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकता है। साथ ही आप सभी गायत्री मंत्र(gayatri mantra) से तो भलीभांति अवगत होंगे। हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि गायत्री मंत्र का जाप करने से जातक अपने जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकता है। चलिए जानते हैं गायत्री मंत्र का क्या महत्व होता है-

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ज्योतिष अनुसार जानें कैसे हुई गायत्री मंत्र (gayatri mantra)की शुरुआत

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार गायत्री मंत्र की उत्पत्ति विश्वामित्र के द्वारा की गई थी। आपको बता दें कि जब इंद्रदेव ने मेनका का रूप धारण करके उनकी तपस्या भंग की थी, तो इस बात से व्याकुल विश्वामित्र ने अपना ध्यान लगाने का लाखों बार प्रयास किया था। लेकिन उन्हें अपना ध्यान संचय करने में सफलता हासिल नहीं हुई, उसके बाद विश्वामित्र ने परमात्मा का ध्यान करते हुए  ‘‘ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।” मंत्र का जाप किया। इस मंत्र का जाप करने के बाद उनकी तपस्या को कोई भी भंग नही कर पाया। साथ ही ऐसा माना जाता है कि इसके बाद ब्रह्मा जी ने विश्वामित्र को ऋषि की उपाधि दी थी। हालांकि, इससे जुड़ी एक अन्य कथा भी है जिसके अनुसार गायत्री ब्रह्मा जी की पत्नी थी जिन्हें चेतना शक्ति माना जाता था और इन्ही से गायत्री मंत्र की उत्पत्ति हुई।

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गायत्री मंत्र(gayatri mantra) के उच्चारण से हल होती है सभी परेशानियां

हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को काफी पवित्र मंत्र माना जाता है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि जो भी जातक गायत्री मंत्र का जाप करता है उसके सभी काम बन जाते हैं और उसे अपने जीवन में सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। इसी के साथ शुभ कार्य में अनुष्ठान के दौरान खास तौर से गायत्री मंत्र का उच्चारण किया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि यदि विधि पूर्वक गायत्री मंत्र का जाप किया जाए, तो इससे आपको कई फायदे मिल सकते हैं। इस मंत्र को चेतना और बुद्धि का मंत्र भी माना जाता है और इसलिए छात्रों के लिए यह मंत्र काफी लाभदायक होता है। 

साथ ही अगर कोई छात्र इस मंत्र का रोजाना करीबन 108 बार जाप करें, तो उनका मन पढ़ाई में केंद्रित रहता है और उसे परिश्रा में सफलता भी प्राप्त होती है। इस मंत्र का जाप करने से आपको ध्यान केंद्रित करने और किसी चीज को याद करने में आसानी होती है। इसके अलावा गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियों का विनाश होता है और शरीर रोगमुक्त बनता है।

गायत्री मंत्र (gayatri mantra) के लाभ

  • इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुधरती है।
  • इसी के साथ संतान पक्ष से मिलने वाली समस्याओं का भी समाधान होता है।
  • गायत्री मंत्र का जाप करने से जातक के दिमाग को शांति मिलती है और सभी प्रकार के मानसिक विकारों से छुटकारा मिल जाता है।
  • साथ ही गायत्री मंत्र के जाप से ध्यान करने में काफी आसानी होती है।
  • वहीं नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि हो जाती है।
  • इसके अलावा मंत्र का रोजाना जाप करने से दमा की बीमारी और अन्य साथ संबंधी रोगों से भी छुटकारा मिलता है।
  • इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की क्रोध में कमी आती है।
  • मंत्र जाप करने से जातक का मन प्रसन्न रहता है और चेहरे पर तेज उत्पन्न होता है।
  • इसी के साथ मंत्र के बीज मंत्र का जाप कर शत्रुओं से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है।
  • साथ ही आंख व पेट के रोगों से मुक्ति पाने के लिए अगर किसी शुभ दिन हवन कुंड में एक हजार बार मंत्र जाप करते हुए घी, दूध, शहद से आहुति दी जाए, तो इससे जातक को काफी लाभ प्राप्त होता है।

गायत्री मंत्र (gayatri mantra)के शब्दों का अर्थ

ॐ : इसका अर्थ है प्रणव

भूर : मनुष्य को जीवन देने वाला।

भुवः: सभी दुखों को खत्म करने वाला।

स्वः : मनुष्य को सुख देने वाला।

तत : इसका अर्थ है वह

सवितुर : सूर्य के समान उज्जवल होना।

वरेण्यं : सबसे उत्तम या प्रबल होना।

भर्गो : सभी कर्मों से मनुष्य का उद्धार होना।

देवस्य: इसका अर्थ है देव या प्रभु।

धीमहि: : आत्मचिंतन या  करना 

धियो: : बुद्धि।

यो: : जो

नः : हमारी

प्रचोदयात : हमें शक्ति प्रदान करें।

मंत्र जाप का सही समय

हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र (gayatri mantra)काफी पवित्र माना जाता है। इसी के साथ गायत्री मंत्र के जाप करने से जातक के जीवन की सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही समय अनुसार गायत्री मंत्र का जाप करना बेहद जरूरी होता है।

  • सूर्योदय से पहले और सूर्य के उदित होने के तुरंत बाद इस मंत्र का जाप करने से जातक को अच्छा फल प्राप्त होता है।
  • साथ ही दोपहर के वक्त भी इस मंत्र का जाप करके जातक लाभ प्राप्त कर सकता है।
  • आपको बता दें कि संध्या में सूर्यास्त से पहले गायत्री मंत्र का जाप करने से जातक को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
  • साथ ही रात के समय गायत्री मंत्र का जाप करना निषेध होता है।

मंत्र जाप करने के लिए अपनाएं यह विधि

  • आपको बता दें कि सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करने के बाद आपको सूर्य को अर्घ देते हुए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए काफी लाभदायक होता है।
  • स्नान करने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके एक तांबे के पात्र में जल भर के मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ देना चाहिए।
  • आपको बता दें कि मंत्र का जाप करते समय रुद्राक्ष या तुलसी की माला का उपयोग जरुर करें।
  • साथ ही अपने इष्ट देवी देवताओं की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने के बाद तकरीबन108 बार मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • मंत्र का जाप करने से जातक को विशेष लाभ मिलता है इसीलिए इस मंत्र का जाप मन ही मन करें, तो आपके लिए काफी अच्छा रहेगा।

इस मंत्र से जुड़े नियम

  • आपको बता दें कि यह मंत्र काफी पवित्र होता है। इसीलिए इससे जुड़े कई नियम होते जिन्हें आपको जरूर अपनाने चाहिए।
  • इसी के साथ कभी भी बिना स्नान किए और गंदे कपड़ों में इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।
  • अगर आप मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष या अन्य माला का प्रयोग करते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि उसका इस्तेमाल आपके अलावा कोई और दूसरा ना करें।
  • मंत्र का जाप हमेशा शोर-शराबे से दूर और एकांत स्थान पर ही करना चाहिए।
  • इस दौरान अपने ध्यान में बाधा उत्पन्न करने वाली चीजों को खुद से दूर रखना चाहिए।
  • मंत्र जाप करते समय आपको अपनी सांसो पर नियंत्रण रखना चाहिए।

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