शुरुआती दौर में इसे “मंदी” कहा जाएगा, लेकिन वर्ष 2021-2022 तक ये मंदी, “महामंदी” का रूप लेगी। अंतिम मंदी का दौर जो 2007-2008 में शुरू हुआ, ग्रहों की चाल ने उसे काफी समय पूर्व ही निर्देशित कर दिया था ?
अंतिम मंदी काफी भयावह रूप लेगी। क्यूंकि, जैसे ही नया दशक अपने शुरुआती चरण में होगा, रियल-एस्टेट सेक्टर, ऑटोमोबाइल सेक्टर, कंस्ट्रक्शन सेक्टर, स्टूडेंट लोन के साथ-साथ फेडरल रिजर्व भी डूब जाएंगे। यह लोगो के लिए काफी निराशापूर्ण होगा।
वैश्विक शीतलन के आगमन से ऊर्जा और खाद्य पदार्थों से सम्बंधित जो भी वस्तुए है उनकी कीमतों में वृद्धि होगी। मंदी के दौर में , वित्तीय गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण गिरावट आती है जो कुछ महीनों से लेकर कई वर्षों तक रह सकती है। इस दौरान कर्ज भी एक बड़ी समस्या होगी।
वर्ष 2020 के ठीक बाद, दोनों व्यावसायिक ग्रह “बृहस्पति और शनि”, वृषभ के वित्तीय चिन्ह में अरुण ग्रह को स्थानांतरित करते हैं। यह निवेश से जुड़े आर्थिक और वित्तीय नुकसान का समय होगा। दिसम्बर- 2020में बृहस्पति और शनि के संयोग से, यह 2021,2022,2023 और 2024 में जाने वाली दुनिया भर में विभिन्न प्रकार की मंदी लाएगा।
पार्टनरशिप-बिज़नेस, जॉइंट-वेंचर, कॉर्पोरेट-बिज़नेस और इंश्योरेंस से जुड़ी कानूनी समस्याएं 2020 के शुरुआती दौर में आना तय है।
निवेशकों के लिए: व्यक्तिगत शेयरों और संपत्तियों के स्वामित्व के लिए जाना सबसे अच्छा है। व्यक्तिगत और विश्व ज्योतिष को एक साथ रखें और उसके अनुसार निवेश करे।
निवेश के संदर्भ में विविधता महत्वपूर्ण है, जिसमें निश्चित आय उत्पाद, और कम जोखिम वाले निवेश शामिल हैं।
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