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कामिका एकादशी 2020- इस दिन व्रत रखने से मिट जाते हैं कई पाप

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत बड़ा महत्व है, हर एकादशी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसी तरह हर वर्ष श्रावण मास में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी की व्रत कथा को सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। भक्त इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। 

महत्व

युधिष्ठिर के प्रश्न पूछने पर भगवान कृष्ण कहते हैं कि एक बार ब्रह्मा जी ने नारद मुनि की जिज्ञासा को शांत करते हुए इस कामिका एकादशी के महत्व के बारे में बताया। नारद जी के सवाल का जवाब देते हुए ब्रह्मा जी कहते हैं कि, कामिका एकादशी का क्या महत्व है? यह प्रश्न सबके लिए बहुत अच्छा है और मैं इसका जवाब आपको देता हूं।

ब्रह्मा जी ने बताया कि कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से  पापों का नाश होता है। जो व्यक्ति भक्ति पूर्वक इस दिन भगवान विष्णु को याद करता है वह धन-धान्य और अंत समय में मोक्ष को प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने से वही फल प्राप्त होता है जो स्वर्ण, चांदी आदि रत्न आभूषण दान देने से होता है।

कथा

कामिका एकादशी को लेकर एक कथा हमारे ग्रंथों में मिलती है। जिसके अनुसार किसी गांव में एक क्षत्रिय द्वारा एक ब्राह्मण के साथ लड़ाई होती है और इस लड़ाई में क्षत्रिय ब्राह्मण की हत्या कर देता है। हालांकि वह ब्राह्मण की हत्या करने के बाद पछताता है और उस ब्राह्मण की क्रिया करना चाहता है। लेकिन उसकी यह बात सुनकर ब्राह्मण उसे कहते हैं कि हम तब तक तुम्हारे घर में प्रवेश या तुम्हारे हाथ का खाना नहीं खाएंगे जब तक तुम ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त नहीं हो जाते। और ब्रह्म हत्या के लिये प्रायश्चित नहीं कर लेते।

इसके बाद छत्रिय ब्राह्मणों से पूछता है कि इसके लिए मुझे क्या करना पड़ेगा। ब्राह्मण जवाब देते हैं कि तुम्हें सावन माह की कामिका एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा करनी होगी व्रत रखना होगा और उसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा देनी होगी तब तुम ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त हो पाओगे। उनकी बात सुनकर क्षत्रिय ऐसा ही करता है और उसके बाद वह ब्रह्महत्या के पाप से मुक्त हो जाता है। 

व्रत की विधि

इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए जो हम आपको नीचे बताएंगे।

  • यदि इस दिन आप व्रत रखते हैं तो घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। सूर्योदय से पहले उठकर स्नान ध्यान करने और घर के साथ-साथ पूजा स्थल की भी सफाई करें।
  • इसके बाद सुबह के समय भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाएं।
  • प्रतिमा पर गंगाजल के छींटे भी मारने चाहिए।
  • पूजा प्रारंभ करने से पूर्व गंध, अक्षत, पुष्प इत्यादि भगवान को अर्पित करने चाहिए।
  • भगवान विष्णु को तुलसी दल अति प्रिय है इसलिए प्रतिमा के सामने तुलसी के पत्ते भी अर्पित करने चाहिए।

व्रत के दिन क्या ना करें

  • इस दिन आपको मांस मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • चावल से बनी चीजों को भी इस दिन वर्जित माना जाता है।
  • व्रत खोलने के बाद भोजन में नमक का इस्तेमाल ना करें।

इस व्रत के लाभ

कामिका एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है और वह सच्चाई के मार्ग पर अग्रसर होता है। भगवान विष्णु की कृपा से जीवन के कई क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है साथ ही आध्यात्मिक विकास भी होता है। हर जातक को कामिका एकादशी का व्रत अवश्य लेना चाहिए इससे गलती से उनके द्वारा हुए पापों की पापों से उनको मुक्ति मिल जाती है।

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