मौनी अमावस्या 2022: हिंदू धर्म में माघ माह को काफी शुभ माना जाता है। क्योंकि माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या होती है। यह अमावस्या काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। वही इस अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। आपको बता दें कि इस अमावस्या के मौके पर गंगा स्नान करना बहुत पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि अगर इस अमावस्या के मौके पर गंगा में स्नान करें, तो व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। साथ ही उसे रोगमुक्त काया भी प्राप्त होती है। इतना ही नहीं इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में इस अमावस्या को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और लोग इस अमावस्या को बड़ी ही श्रद्धा भाव से मनाते हैं।
यह भी पढ़े – क्यों झड़ते हैं बाल, जानें कुंडली में बाल झड़ने के योग
वहीं इस दिन हरिद्वार, प्रयागराज आदि तीर्थ स्थलों पर लोग बड़ी दूर दूर से स्नान करने के लिए आते हैं। लेकिन कोरोना के कारण इन जगहों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य किया गया है। आपको बता दे कि ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत के समान होता है। और जो भी इस दिन गंगा में स्नान करता है, उस व्यक्ति का जीवन धन्य हो जाता है। इतना ही नहीं वह अपने पापों से छुटकारा पा लेता है।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान पुण्य करना काफी शुभ माना जाता है। वही लोग अपनी इच्छा के अनुसार दान पुण्य आदि कार्य करते हैं। लेकिन मौनी अमावस्या के दिन तिल दान करना काफी शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इस अमावस्या की तिथि, समय और महत्व –
यह भी पढ़े – जानें कैसे बनते है कुंडली में अच्छी नौकरी पाने के योग
साधु, संत, ऋषि मुनि प्राचीन काल से ही मन को लेकर कई प्रवचन सुनाते आए हैं। उनका कहना है कि व्यक्ति का अपने मन पर संयम रखना बेहद आवश्यक होता है। क्योंकि व्यक्ति मन पर संयम रखकर ही अपने जीवन में बहुत कुछ प्राप्त कर सकता है। और मौनी अमावस्या भी यही संदेश देती है। इस दिन मौन व्रत रखा जाता है। और मन ही मन भगवान को याद किया जाता है।
आपको बता दें कि इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने पर व्यक्ति को मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। अगर कोई व्यक्ति मौन व्रत नहीं रह सकता है, तो उस व्यक्ति को इस दिन अपने मुंह से किसी के लिए भी गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। और ना ही गलत धारणा किसी व्यक्ति के लिए अपने मन में रखे। अगर वह ऐसा करता है, तो उसका यह व्रत सफल माना जाता है।
यह भी पढ़े- अपनी हाथ की रेखाओं से कैसे जाने की कितनी संतान होगी
इस दिन दान आदि करना बहुत ही शुभ माना जाता है। बहुत से लोग कपड़े, धन, खाना, चावल, पैसे आदि चीजों का दान करते हैं। इसी के साथ इस दिन गंगा स्नान भी बेहद शुभ माना जाता है। वहीं लोग बड़ी दूर – दूर से गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार, प्रयागराज आदि तीर्थ स्थलों पर जाते हैं। इसी के साथ लोग स्नान के बाद पिंड दान, पितरों का तर्पण आदि कार्य करते हैं। माना जाता है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था। इसी कारण यह मौनी अमावस्या मनाई जाती है।
यह भी पढ़े –जाने कैसे रखे अपनी राशि के अनुसार बाल, होगा काफी फायदेमंद
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक इस साल मौनी अमावस्या 1 फरवरी 2022 यानी मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। आपको बता दें कि अमावस्या तिथि प्रारंभ होने का शुभ समय 31 जनवरी यानी सोमवार रात 2 बजकर 18 मिनट पर है। और यह अगले दिन 1 फरवरी यानी मंगलवार दिन के 11 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
स्नान करने का कार्यक्रम सूर्योदय के दौरान होता है। और यह अमावस्या 1 फरवरी 2022 को मनाई जाएगी। स्नान के बाद आपको भगवान की पूजा करनी चाहिए। जिसके बाद आप किसी भी जरूरतमंद को दान आदि कर सकते हैं।
यह भी पढ़े- Sakat chauth 2022: जाने सकट चौथ से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी
इस अमावस्या को मनाने के पीछे धार्मिक और सामाजिक दोनों ही मान्यताएं हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन सभी देवगण अपने परिवार सहित पवित्र संगम में निवास करते हैं। इसीलिए इस दिन गंगा के तट पर लोग स्नान करने के लिए आते हैं। इसी के साथ इस दिन स्नान करने के बाद पित्र निवारण पूजा भी करवाई जाती है। पित्र दोष, व्यवसाय, जीवनसाथी आदि से जुड़ी परेशानियों के लिए इस दिन पूजा करवाई जाती हैं। इस अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए लोग पूजा करने के बाद सूर्य को जल देते हैं। ऐसा करना काफी शुभ होता है। और व्यक्ति को पित्र दोष से छुटकारा मिल जाता।
यह भी पढ़े- Makar sankranti 2022: इस मकर संक्रांति बन रहा है, अद्भुत संयोग
यह भी पढ़े – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार डिप्रेशन के उपाय
अधिक जानकारी के लिए आप AstroTalk के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।
अधिक के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना साप्ताहिक राशिफल पढ़ें।
3,777