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विवाह में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए करें कात्यायनी पूजा, शीघ्र होगा समस्या का समाधान

आपको बता दें कि नवरात्रि के 9 दिन काफी शुभ माने जाते हैं। इसी के साथ 9 दिन वैष्णो माता के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप को समर्पित होता है। नवरात्रि के दिनों में कात्यायनी  पूजा करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति कात्यायनी माता की पूजा करता है उस व्यक्ति की सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

आपको बता दें कि अगर किसी जातक के विवाह में परेशानी आ रही है या फिर उसका विवाह नहीं हो रहा है, तो वह कात्यायनी माता की पूजा करके समस्या को हल कर सकता है। आपको बता दें कि जो भी जातक सच्चे मन से कात्यायनी पूजा करता है उस व्यक्ति की सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इसी के साथ ही कात्यायनी पूजा करके जातक अपने विवाह में आ रही सभी परेशानियों को दूर कर सकता है। चलिए जानते है की कात्यायनी पूजा करके कैसे जातक अपने विवाह की सारी समस्याओं को दूर कर सकते हैं-

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कात्यानी माता के स्वरूप का महत्व

आपको बता दें कि 7 अप्रैल 2022 को नवरात्रि का छठा दिन है जिसे कात्यायनी स्वरूप को समर्पित किया जाता है। इसी के साथ कात्यायनी  माता की पूजा करके जातक अपनी सभी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं। वही जो जातक कात्यायनी माता की पूरी श्रद्धा भाव से पूजा और व्रत करता है उसके विवाह में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। आपको बता दें कि मां दुर्गा का यह स्वरूप काफी दिव्य माना जाता है, इनका रंग सोने के समान चमकीला होता है और इनकी चार भुजाओं में से ऊपरी बाएं हाथ में तलवार और निचले बाएं हाथ में कमल का फूल विराजमान होता है।

कात्यायनी माता की पूजा करने वाला व्यक्ति अपनी सभी इंद्रियों को वश में करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है। इसी के साथ कात्यायनी माता को असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है। इसी के साथ महिषासुर नामक असुर का वध करने वाली देवी कात्यायनी माता ही है।

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कात्यायनी पूजा महत्व

आपको बता दें कि देवी के इस स्वरूप की पूजा करने के लिए आपको शुभ मुहूर्त और समय का ध्यान रखना चाहिए। लेकिन नवरात्रि के दिनों में कात्यायनी  पूजा काफी फलदायक होती है। बता दें कि कात्यायनी  माता की पूजा छठे नवरात्रि पर की जाती है। साथ ही नवरात्रि के छठे दिन से लेकर आप 1 वर्ष तक पूजा रोजाना कर सकते हैं। आपको बता दें कि कात्यायनी पूजा रोजाना की जानी चाहिए। अगर इस अनुष्ठान के दौरान आपका विवाह हो जाता है तब भी आपको इस पूजा को नहीं रुकना चाहिए। अगर आप किसी दूसरे व्यक्ति को घर जाते हैं, तो शाम को अपने घर वापस आकर पूजा जरूर करनी चाहिए।

कात्यायनी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

सूर्य और चंद्रमा का शुभ मुहुर्त

सूर्योदय – सुबह 6 बजकर 17 मिनट 

सूर्यास्त –   शाम 6 बजकर 40 मिनट 

चन्द्रोदय –  07 अप्रैल, सुबह 10 बजकर 13 मिनट

चन्द्रास्त – 08 अप्रैल, दोपहर 12 बजकर 19 मिनट 

माता कात्यायनी पूजा के लिए पूजन विधि

  • सुबह जल्दी उठकर आपको स्नान करना चाहिए।
  • उसके बाद लाल या पीले वस्त्र धारण करना चाहिए।
  • साथ ही पूजा के स्थान को अच्छे से साफ करना जरूरी है।
  • उसके बाद एक चौकी रखकर उस पर लाल कपड़ा बिछाना चाहिए।
  • उसके बाद आपको आचमन करना चाहिए। और आचमन करते समय आपको – ”ऊँ केशवाय नमः, ऊँ माधवाय नमः, ऊँ नारायणाय नमः”, इन मंत्रों से आचमन करना चाहिए।
  • बाद में आपको ”ऊँ हृशीकेशाय नमः” इस मंत्र से आपको अपने हाथ धोने चाहिए। और थोड़ा सा जल अपने सिर पर प्रोक्षण जरुर कर लें।
  • उसके बाद आपको अपनी सीधे हाथ से थोड़ा जल लेकर पृथ्वी पर अर्पण करना चाहिए।
  • इसके बाद दोबारा अपने हाथ में थोड़ा जल लेकर अपने आसपास छिड़कना चाहिए।
  • साथ ही आपको धरती माता से प्रार्थना करनी चाहिए।
  • इसके बाद आपको उस चौकी पर माता कात्यायनी के चित्र या मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए।
  • साथ ही आपको अपने मस्तक पर तिलक लगाना चाहिए।
  • उसके बाद आपको घी का दीपक व धूप जलाकर रोली चावल पुष्प के साथ पूजा करनी चाहिए।
  • ‘इसी के साथ आपको माता का पूजन करते समय देवी कात्यायन्यै नमः॥ ॐ चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी।” मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • आपको पुष्प की माला माता को अर्पित करनी चाहिए।
  • कहीं आपको लाल चुनरी, रोली, चंदन, अक्षत, लाल पुष्प माला आदि माता को अर्पित करना चाहिए।
  • धूप दिखाने के बाद आपको माता को भोग लगाना चाहिए।
  • शहद माता को काफी प्रिय होता है इसीलिए उनको शहद जरूर अर्पित करें।

शाम के समय करें पूजा

आपको बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा शाम के समय गोधूलि बेला में करनी चाहिए।

विवाह में आ रही परेशानियों के लिए करें यह पूजा

जिन लोगों के विवाह में परेशानी आ रही है या फिर उनका विवाह नहीं हो रहा है, तो उन लोगों को नवरात्रि के छठे दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। इसी के साथ मां कात्यायनी के सामने एक दीपक जलाना चाहिए। और माता को पीले रंग के फूल अर्पित करने चाहिए। माता को पीली हल्दी की तीन गांठ अर्पित जरूर करें। उसके बाद माता कात्यायनी माता के मंत्रों का जाप करना चाहिए और हल्दी की गांठ को अपने पास सुरक्षित रखना चाहिए।

कन्या के विवाह आ रही परेशानियों के लिए करे ये पूजा

अगर किसी कन्या के विवाह में बाधा आ रही है, तो उसे कात्यायनी माता की पूजा करनी चाहिए। इसी के साथ ऊँ क्लीं कात्यायनी महामाया महायोगिन्य घीश्वरी, नन्द गोप सुतं देवि पतिं मे कुरुते नमः।।’ मंत्र का जाप जरुर करना चाहिए। मंत्र का 11 बार जप करने से कन्या के विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और उसका विवाह शीघ्र हो जाता है।

कात्यायनी माता को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का करें जाप

  • आपको माता को खुश करने के लिए इस मंत्र कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः का जाप करना चाहिए।
  • साथ ही इस मंत्र का या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: जाप जरुर करें।
  • वही आपको इस मंत्र का चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी जाप करना चाहिए।

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