हिंदू धर्म में तीन मुखी रुद्राक्ष बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक प्रकार का रुद्राक्ष है, जिसमें तीन मुख होते हैं। इसका प्रयोग धार्मिक, आध्यात्मिक और वैदिक कार्यों में बहुत उपयोगी होता है। तीन मुखी रुद्राक्ष का महत्व वेदों में वर्णित है। इसे पहनने से व्यक्ति को शांति, संतुलन और धन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य को भी सुधारता है। तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के मन में शांति आती है और उसका स्वास्थ्य भी उत्तम होता हैं।
तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि बहुत सरल होती है। इसे धारण करने से पहले इसे गंध और जल से शुद्ध करना चाहिए। उसके बाद, यह माला बनाकर या कंठास्थ धारण की जा सकती है। धारण करने से पहले व्यक्ति को ध्यान में बैठना चाहिए और तत्काल उसे उचित मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।
ज्योतिष में तीन मुखी रुद्राक्ष को बहुत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह रुद्राक्ष तीन मुखों वाला होता है, जो कि त्रिदेव यानि भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान महेश को प्रतिनिधित्व करता है। इसे तीनों देवताओं का संयोगित रुद्राक्ष भी कहा जाता है।
इस रुद्राक्ष को धारण से जातक को धन, स्वास्थ्य, समृद्धि और शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह जीवन में स्थिरता लाने में भी मदद करता है और निरंतर सफलता की दिशा में प्रेरणा देता है।
ज्योतिष में यह रुद्राक्ष मेष, सिंह और धनु राशि के लोगों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके धारण से इन राशियों के लोगों को राजस्व, सफलता, स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है।
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तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले, आपको इसकी गुणवत्ता को समझना चाहिए और सलाह के बिना इसे धारण न करें। इसके अलावा, इसे साफ रखें और संबंधित उपयोग विधि के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसी पंडित या ज्योतिष से सलाह जरूर लें।
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तीन मुखी रुद्राक्ष को पहनने के निम्नलिखित लाभ हैं:
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तीन मुखी रुद्राक्ष धारण के बाद निम्नलिखित काम नहीं करने चाहिए:
यह समस्त कार्य रुद्राक्ष के लाभ को वंचित या इसके प्रभाव को कम कर सकते है। इसलिए इस रुद्राक्ष के प्रभाव को बढ़ाने के लिए इन कामों को करने से बचना चाहिए।
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तीन मुखी रुद्राक्ष किसी भी राशि के लोगों के लिए शुभ होता है। हालांकि, यह धार्मिक उपयोग के लिए अधिक लोकप्रिय है और ज्योतिषीय महत्व के लिए भी उपयोग किया जाता है।
रुद्राक्ष को मंगल, बुध और गुरु के स्वामित्व वाली राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। मंगल राशि जैसे मेष, वृश्चिक, धनु, मकर राशि और बुध राशि जैसे मिथुन, कन्या। वहीं गुरु राशि जैसे धनु, मीन राशि के लोग इस रुद्राक्ष का उपयोग कर सकते हैं।
इसके अलावा, रुद्राक्ष को जिन लोगों को धारण करने की सलाह दी जाती है, वे शुभ राशि जैसे सिंह, कर्क, धनु, मकर राशि के लोग हो सकते हैं। इनके लिए यह रुद्राक्ष काफी शुभ होता हैं। साथ ही इन लोगों को सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता हैं।
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले, आपको इसके बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए ताकि आप इसे सही तरीके से उपयोग कर सकें। इसके अलावा, कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:
रुद्राक्ष को धारण करते समय आप निम्नलिखित मंत्रों का जाप कर सकते हैं:
यह रुद्राक्ष भगवान अग्नि का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि यह भगवान शिव के एक रूप को भी दर्शाता है। भगवान शिव का एक रूप त्रिनेत्र (तीन आंखों वाला) होता है और रुद्राक्ष में भी तीनों मुख होते हैं, इसलिए इसे भगवान शिव के एक रूप के रूप में भी देखा जाता है।
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