केमद्रुम योग होता है बेहद हानिकारक, जानें इसके प्रभाव और उपाय
आपको बता दें कि मनुष्य की जन्मकुंडली में शुभ और अशुभ दोनों योगों के माध्यम से जातक के भाग्य का विश्लेषण किया जाता है। वही ये योग जातक के जीवन को भी प्रभावित करते है। इसी के साथ ये योग शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के होते हैं। शुभ योग जातक के जीवन के लिए काफी अच्छे होते है। वही अशुभ योग जातक के जीवन में कई परेशनियों का कारण बनते है। साथ ही ज्योतिष में ऐसे कई अशुभ योग मौजूद होते है, जो जातक के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते है। उन्ही में से एक योग ऐसा है, जो जातक के जीवन में कई परेशानियां लाता है। इस केमद्रुम योग कहा जाता है। अशुभ योग के कारण जातक को अपने जीवन में असफलता का भी सामना करना पडता है। लेकिन जब किसी जातक की कुंडली में शुभ योग बनते है, तो वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है।
अगर किसी जातक की कुंडली में केमद्रुम योग बनता है, तो इसके कारण शुभ योगों का फल भी निष्क्रिय हो जाता है। आपको बता दें कि यह योग चंद्रमा ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण किसी जातक की कुंडली में बनता है। साथ ही इस योग के कारण जातक मानसिक रूप से काफी बीमार रहने लगता है। इतना ही नही इस योग के कारण जातक के मन में एक अज्ञात भय लगा रहता है। वही व्यक्ति को इस योग के कारण अपने जीवन में कई बार आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है। चलिए जानते है कि यह योग जातक की कुंडली में कैसे बनता है और इसका जातक के जीवन पर क्या प्रभाव होता है –
आपको बता दें कि अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव में अकेला होता है और साथ ही चंद्रमा के ऊपर किसी ग्रह की दृष्टि न हो, तो केमद्रुम योग बनता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि चंद्रमा किस राशि में स्थित होता है और उसके अंश क्या हैं।
साथ ही अगर चंद्रमा की डिग्री कमजोर है, तो इस स्थिति में यह अशुभ योग होने पर भी अधिक प्रतिकूल नहीं होता है।
इस योग का संबंध चंद्रमा से होता है। साथ ही इसे अशुभ योगो की श्रेणी में रखा जाता है।
साथ ही चंद्रमा के दोनो तरफ कोई ग्रह ना होने पर यह योग बनता है।
यह योग जातक के जीवन पर काफी बुरा प्रभाव डालता है, इसलिए इसे अशुभ योग कहा जाता है।
वही यह योग व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता लाता है। इसके कारण जातक तनाव की चपेट में आ जाता है।