यदि पूर्वजों की माने तो, तिलक यथार्थ सौभाग्य का संचालक। प्राचीन समय में जब लोग शुभ कार्यो के लिए जाते थे या कोई शुभ कार्य शुरू करते थे या फिर प्रतिदिन के कार्यो में सफलता के लिए अपने इष्ट देव को स्मरण करके तिलक का प्रयोग लगते थेI वैसे तो हिन्दू परम्पराओ में शरीर पर कुल 12 स्थानों पर तिलक लगाने का विधान है। उदाहरण के लिए, मस्तक पर तिलक लगाने से शांति और ऊर्जा मिलती है और चिकित्सा के दृष्टिकोण में यह मन को शांत और शुद्ध रखकर चिंता और तनाव से निजात प्राप्त करवाता है। इसी प्रकार तिलक लगाने के अनेक लाभ हैं।
अब विषय आता है की कौन सा तिलक किस कार्य के लिए लगायें जिससे की कार्यो में सफलता मिले। शुभ स्थिति बने ज्योतिष के अनुसार हम आपको बताते है की कौन सा तिलक किस दिन लगाये। जिस प्रकार चन्दन का तिलक लगाने से व्यक्ति कष्टों से छुटकारा पाता है, पुण्य फल प्राप्त होता है उसी प्रकार प्रत्येक तिलक की अपनी विशिष्ट भूमिका है।
इस प्रकार, सप्ताह के सात दिनों के लिए सात अलग-अलग तिलक के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें-
सप्ताह का प्रथम दिन यानि सोमवार चन्द्र ग्रह का दिन है। चंद्रमा एक उज्ज्वल ग्रह है जो प्रकाश का भी प्रतीक है। यदि व्यक्ति की बात करें तो, चन्द्रमा को ज्योतिष में मन का कारक माना जाता है। यथा, मन को शांत एवं व्यवस्थित करने के लिए और तनाव एवं अनिद्रा के उपाय के लिए सफ़ेद चन्दन का तिलक का प्रयोग करेI ऐसा करने से मन शांत रहता है।
सप्ताह का दूसरा दिन मंगलवार मंगल ग्रह का दिन माना जाता है। मंगल एक लाल ग्रह है जो साहस का चिन्ह भी है। साथ ही, मंगल ग्रह उर्जा और साहस का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल ग्रह को लाल रंग से जोड़ा गया है, इसलिए इस दिन लाल चन्दन का तिलक करना चाहिएI ऐसा करने से निराशा दूर होती है और कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
सप्ताह का तीसरा दिन, बुद्धवार बुद्ध ग्रह के देवता गणेश जी है का दिन हैI बुद्ध गृह को विशिष्ट रूप से त्वरित बुद्धि, ज्ञान, शिक्षा, किताबें, सीखने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। यदि, पढ़ाई में ध्यान लगाने में दिक्कत हो, गणेश जी प्रसन्न करने के लिए और बुध ग्रह को अनुकूल करने के लिए लाल कस्तूरी चन्दन का तिलक लगाये। इससे बुद्धि तीव्र होती है और बौद्धिक क्षमता का विकास होता हैI
बृहस्पति को “गुरु” के रूप में भी जाना जाता है, जो सूर्य का पाँचवाँ और सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। बृहस्पति ब्राह्मणों का प्रतिनिधित्व करता है। ब्राह्मण उस व्यक्ति के रूप में जो एक शिक्षार्थी है और ज्ञान प्राप्त करना चाहता है। साथ ही, ब्रहस्पति ग्रह को सबसे शुभ ग्रह माना जाता है जोकि सुख सम्रद्धि का प्रतीक हैI ब्रहस्पति ग्रह की शुभता पाने के लिए और एकाग्रता में सुधार लाने के लिए पीले चन्दन का तिलक लगाना चाहिएI इसके प्रयोग से सकारात्मकता बढती हैI मंगलमय कार्यो के योग बनते है और मन में अच्छे विचार आते है।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र को स्त्री वाची ग्रह माना जाता है। यह चमकदार ग्लैमरस चीजों, सुंदरता, ग्लैमर और पार्टियों आदि का एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधि है। यह व्यक्ति के जीवन में प्यार, संगीत, नृत्य और खुशी की गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करता है। यह वित्तीय लाभ, विवाह, पत्नी आदि का सबसे का प्रतीक है। शुक्रवार को दुर्गा जी का दिन माना जाता हैI शुक्र ग्रह को अपने अनुकूल बनाने के लिए और लाभ लेने के लिए इस दिन लाल चन्दन का करना चाहिए इससे भौतिक सुख संसाधनों में वृद्दि होती है और सोच में विशालता आती है।
शनि को अनुशासन, व्यवस्था, कानून, परिपक्व और पुरानी चीजों का प्रतिनिधित्व को करता है। यह एक कार्मिक गृह है जिसको स्वयं कर्म के स्वामी, शनि द्वारा शासित है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए और शनि ग्रह के प्रकोप से बचने के लिए लाल कस्तूरी चन्दन का तिलक लगाना चाहिए।
रविवार सूर्य भगवान् का दिन है। सूर्य सौर मंडल का सिर्फ एक विशाल, घूमने वाला, चमकता हुआ क्षेत्र नहीं है, यह पूरी दुनिया को ज्ञान प्रदान करने वाला है गृह है। इसकी गर्मी और प्रकाश के बिना,संसार एक बर्फ की गेंद के अलावा और कुछ नहीं हैं। सूर्य भगवान या सूर्य ग्रह के शुभ लाभ लेने के लिए लाल चन्दन के तिलक का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही मान सम्मान की प्राप्ति, सरकारी लाभ लेने के लिए और सरकारी बाधाओं से मुक्ति से लिए लाल चन्दन का तिलक करना चाहिए।
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