हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इसका बहुत महत्व है और इस दिन स्नान, दान और अन्य धार्मिक कार्य किए जाते हैं। हर साल यह अमावस्या मार्च-अप्रैल के महीने में आती है और चैत्र अमावस्या 2023 (Chaitra Amavasya 2023) 21 मार्च, मंगलवार को मनाई जाएगी।
हिन्दू धर्म में चैत्र अमावस्या को बहुत ही शुभ दिन के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस दिन पितृ तर्पण आदि कार्य किए जाते है। इसी के साथ, इस दिन स्नान, दान और सामग्री दान जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य किए जाते हैं। चैत्र अमावस्या को पितृ तर्पण जैसे अनुष्ठान करने के लिए भी जाना जाता है।
इस दिन लोग कौए, गाय, कुत्ते और यहां तक कि जरुरतमंद लोगों को भी भोजन कराते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार अमावस्या के दिन पितृ अपने वंशजों के पास जाते हैं और उन्हें वहां भोजन कराया जाता हैं। चैत्र अमावस्या 2023 (Chaitra Amavasya 2023) व्रत हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय व्रतों में से एक है। साथ ही अमावस्या व्रत या उपवास सुबह शुरू होता है और प्रतिपदा पर चंद्रमा के दर्शन करने के बाद समाप्त हो जाता है। चलिए इस लेख में आगे जानते है कि क्या होती है चैत्र अमावस्या और इसकी व्रत विधि का महत्व।
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अमावस्या वह चंद्र चरण है, जब आकाश में चंद्रमा दिखाई नहीं देता है। बता दें कि संस्कृत में, “अमा” का अर्थ है “एक साथ” और “वस्या” का अर्थ है सहवास। हिंदू कैलेंडर के अनुसार 30 चंद्र चरण होते हैं, जिन्हें “तिथि” कहा जाता है।
जब चंद्रमा, सूर्य के बीच कोणीय दूरी के 12 डिग्री के भीतर होता है, तो उसे अमावस्या या बिना चांद के रूप में जाना जाता है। प्रतिपदा या अमावस्या तिथि संयोग के बाद सूर्य और चंद्रमा के बीच 12 डिग्री की कोणीय दूरी होती है और पूर्णिमा और अमावस्या के बीच की अवधि को कृष्ण पक्ष कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर 2023 के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष के दौरान आने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
चैत्र अमावस्या | तिथि और समय |
चैत्र अमावस्या 2023 | 21 मार्च 2023, मंगलवार |
चैत्र अमावस्या तिथि की शुरुआत | 21 मार्च 2023 रात 01ः47 |
चैत्र अमावस्या तिथि का समापन | 21 मार्च 2023 रात 10ः52 |
चैत्र अमावस्या साल की पहली अमावस्या होती है, जो चैत्र के महीने में पहले आती है। यह बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन आध्यात्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि चैत्र अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक के जीवन से दर्द, संकट और नकारात्मकता खत्म हो जाती है। पुराणों में कहा गया है कि इस शुभ दिन पर गंगा नदी में एक डुबकी लगाने से जातक के पाप और बुरे कर्म नष्ट हो जाते हैं।
हिंदू धर्म के लोग इस दिन अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध जैसे अनुष्ठानों करते हैं, जिसके कारण व्यक्ति को पितृ दोष से छुटकारा मिल जाता है। यदि आप भी जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो पितृ दोष आपके सभी कष्टों का कारण हो सकता है। इसके लिए आपको अपने पितरों की पूजा जरूर करवानी चाहिए।
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भारत देश की संस्कृति काफी समृद्ध और विविध है, जहां सभी त्यौहारों को बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। साथ ही अमावस्या के दिन कई पवित्र कार्य किए जाते हैं। इतना ही नहीं चैत्र अमावस्या का व्रत पितरों की मुक्ति के लिए किया जाता है और इस दिन किए जाने वाले अनुष्ठान नीचे दिए गए हैं:
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हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र अमावस्या चैत्र के महीने में आती है और इस दिन व्रत रखना हिन्दू संस्कृति में शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन जातक शांति और समृद्ध, स्वास्थ्य के लिए भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और चैत्र अमावस्या 2023 के व्रत के कई लाभ हैं, जो नीचे दिए गए हैं:
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन चंद्रमा कमजोर माना जाता है। साथ ही इस दिन जन्मे जातकों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है और इसके प्रभाव से उनकी निर्णय लेने की शक्ति भी कमजोर होती है। ये जातक अधिक भावुक और आसानी से दूसरों से प्रभावित हो जाते हैं।
इस दिन चंद्रमा की पूजा करके कमजोर चंद्र दोष का निवारण किया जा सकता है। इसके साथ ही शिवलिंग की पूजा करने और जरुरतमंदों को दूध दान करने से चंद्रमा के शुभ फल की प्राप्ति होती है, इसलिए इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और पूजा आदि करने की विशेष सलाह दी जाती है। इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और जातक के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
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अमावस्या के दिन पूजा कक्ष और पूजा के सामान की सफाई न करें तो अच्छा होगा। अमावस्या का दिन भगवान की पूजा करने के लिए सबसे अच्छा दिन है और इसलिए इस दिन पूजा कक्ष को साफ करना अच्छा नहीं होता है। चैत्र अमावस्या 2023 से पहले पूजा कक्ष को साफ कर लें।
साथ ही, आपको इस दिन नाखून या बाल काटने से बचना चाहिए। हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस दिन बाल या नाखून नहीं काटने चाहिए, क्योंकि यह शुभ नहीं होता है। इसी के साथ ज्योतिष विशेषज्ञ भी ऐसा न करने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह आपको पितृ दोष के भयानक प्रभावों के अधीन कर सकता है। इस दिन नया सामान खरीदने और घर लाने की गलती भी नहीं करनी चाहिए।
चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या को कहीं-कहीं भूत अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन गेहूं के आटे की छोटी-छोटी लोई बनाकर किसी नदी या जलाशय में डाल दें, जिसमें मछलियां हों। इससे जीवन से सारी नकारात्मकता दूर हो जाएगी।
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