हिंदू कैलेंडर वर्ष के दौरान होने वाले त्यौहारों, आयोजनों और उपवासों की सूची को सूचीबद्ध करता है। आमतौर पर अधिकांश त्यौहार सूर्य और चंद्रमा की स्थिति के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। हिंदू कैलेंडर 2023 ज्यादातर लूनिसोलर कैलेंडर या चान्द्र-सौर पञ्चाङ्ग पर निर्भर होता है। इसके अलावा, हिंदू त्यौहार 2023 और व्रत भी स्थान के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। इसी के साथ यह व्रत और त्यौहार एक स्थान से दूसरे स्थान पर अलग-अलग दिन मनाए जा सकते हैं।
हिंदू कैलेंडर को हिंदू व्रत या त्यौहर कैलेंडर के रूप में भी जाना जाता है। नीचे हमने हिंदू कैलेंडर 2023 के अनुसार सभी त्यौहारों, व्रतों और अन्य आयोजनों या पर्वों को सूचीबद्ध किया है। इस सूची में कुछ ऐसे त्यौहार भी शमिल हैं, जिसमें देवताओं की स्तुति करना और व्रत रखना काफी महत्वपूर्ण है। कई त्यौहारों के साथ पौराणिक संबंध हैं।
हिंदू कैलेंडर में किसी भी त्यौहार, आयोजन या व्रत के लिए कोई एक निश्चित तिथि नहीं होती। हालांकि कई त्यौहार ऐसे हैं, जिनकी तिथि निर्धारित है। हिंदू कैलेंडर 2023 में कई त्यौहार पूर्णिमा की घटना पर निर्भर करते हैं। कुछ त्यौहार चंद्रमा की स्थिति में परिवर्तन के आधार पर अलग-अलग तिथि पर मनाए जाते हैं जैसे- दिवाली, होली, महा शिवरात्रि आदि।
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हिंदू कैलेंडर में वर्ष की गणना शक युग से की जाती है। कैलेंडर में एक शक वसंत विषुव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। जहां सामान्य दिनों में 365 दिन होते हैं, वहीं लीप वर्ष में 366 दिन होते हैं। हिंदू कैलेंडर में, चैत्र महीने के अंत में एक अंतराल दिवस जोड़ा जाता है। हिंदू कैलेंडर में लीप वर्ष जानने के लिए, आपको शक वर्ष में 78 जोड़ना होगा। इसलिए, यदि योग को संख्या 4 से समान रूप से विभाजित किया जाता है, तो वर्ष एक लीप वर्ष बन जाता है।
चंद्र मास | सौर मास | महीने में दिन | ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ संबंध |
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चैत्र | मीन | 30 | 22 मार्च से शुरुआत |
वैशाख | मेष | 31 | 21 अप्रैल से शुरुआत |
ज्येष्ठ | वृषभ | 31 | 22 मई से शुरुआत |
आषाढ़ | मिथुन | 31 | 22 जून से शुरुआत |
श्रावण | कर्क | 31 | 23 जुलाई से शुरुआत |
भाद्र | सिंह | 31 | 23 अगस्त से शुरुआत |
आश्विन | कन्या | 30 | 23 सितंबर से शुरुआत |
कार्तिक | तुला | 30 | 23 अक्टूबर से शुरुआत |
अग्रहायण | वृश्चिक | 30 | 22 नवंबर से शुरुआत |
पौष | धनु | 30 | 22 दिसंबर से शुरुआत |
माघ | मकर | 30 | 21 जनवरी से शुरुआत |
फाल्गुन | कुंभ | 30 | 20 फरवरी से शुरुआत |
हिंदी सप्ताह के नाम | अंग्रेजी सप्ताह के नाम | महत्व |
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रविवार | संडे | सूर्य ग्रह का दिन |
सोमवार | मंडे | चंद्रमा ग्रह का दिन |
मंगलवार | ट्यूसडे | मंगल ग्रह का दिन |
बुधवार | वेडनेसडे | बुध ग्रह का दिन |
गुरुवार | थर्सडे | बृहस्पति ग्रह का दिन |
शुक्रवार | फ्राइडे | शुक्र ग्रह का दिन |
शनिवार | सैटरडे | शनि ग्रह का दिन |
आप एस्ट्रोटॉक पर साल 2023 में आने वाली एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण उत्सव, छुट्टियों और व्रत की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए माह के अनुसार कैलेंडर का अध्ययन करें:
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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2 जनवरी, सोमवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
6 जनवरी, शुक्रवार | पौष पूर्णिमा |
10 जनवरी, मंगलवार | सकट चौथ |
15 जनवरी, रविवार | मकर संक्रांति |
18 जनवरी, बुधवार | षटतिला एकादशी |
20 जनवरी, शुक्रवार | मासिक शिवरात्रि |
21 जनवरी, शनिवार | मौनी अमावस्या |
26 जनवरी, गुरुवार | वसंत पंचमी |
28 जनवरी, शनिवार | रथ सप्तमी |
28 जनवरी, शनिवार | भीष्म अष्टमी |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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1 फरवरी, बुधवार | जया एकादशी |
5 फरवरी, रविवार | माघ पूर्णिमा |
9 फरवरी, गुरुवार | संकष्टी चतुर्थी |
13 फरवरी, सोमवार | कुंभ संक्रांति |
16 फरवरी, गुरुवार | विजया एकादशी |
18 फरवरी, शनिवार | महाशिवरात्रि |
20 फरवरी, सोमवार | सोमवती अमावस्या |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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3 मार्च, शुक्रवार | आमलकी एकादशी |
7 मार्च, मंगलवार | होलिका दहन/फाल्गुन पूर्णिमा |
8 मार्च, बुधवार | होली |
11 मार्च, शनिवार | संकष्टी चतुर्थी |
15 मार्च, बुधवार | बसोड़ा/शीतला अष्टमी |
18 मार्च, शनिवार | पापमोचनी एकादशी |
20 मार्च, सोमवार | मासिक शिवरात्रि |
21 मार्च, मंगलवार | चैत्र अमावस्या |
22 मार्च, बुधवार | चैत्र नवरात्रि |
24 मार्च, शुक्रवार | गणगौर/गौरी पूजा |
27 मार्च, सोमवार | यमुना छठ |
30 मार्च, गुरुवार | राम नवमी |
31 मार्च, शुक्रवार | चैत्र नवरात्रि पराना |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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1 अप्रैल, शनिवार | कामदा एकादशी |
6 अप्रैल, गुरुवार | हनुमान जयंती/चैत्र पूर्णिमा |
9 अप्रैल, रविवार | संकष्टी चतुर्थी |
14 अप्रैल, शुक्रवार | मेष संक्रांति/सौर नव वर्ष |
16 अप्रैल, रविवार | बरुथिनी एकादशी |
18 अप्रैल, मंगलवार | मासिक शिवरात्रि |
20 अप्रैल, गुरुवार | सूर्य ग्रहण संकरित |
22 अप्रैल, शनिवार | अक्षय तृतीया |
27 अप्रैल,गुरुवार | गंगा सप्तमी |
29 अप्रैल, शनिवार | सीता नवमी |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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1 मई, सोमवार | मोहिनी एकादशी |
5 मई, शुक्रवार | चंद्र ग्रहण उपच्छाया/वैशाख पूर्णिमा |
6 मई, शनिवार | नारद जयंती |
8 मई, सोमवार | संकष्टी चतुर्थी |
15 मई, सोमवार | वृषभ संक्रांति/अपरा एकादशी |
17 मई, बुधवार | मासिक शिवरात्रि |
19 मई, शुक्रवार | शनि जयंती/वट सावित्री व्रत |
30 मई, मंगलवार | गंगा दशहरा |
31 मई, बुधवार | निर्जला एकादशी |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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3 जून, शनिवार | वट पूर्णिमा व्रत |
4 जून, रविवार | ज्येष्ठ पूर्णिमा |
7 जून, बुधवार | संकष्टी चतुर्थी |
14 जून, बुधवार | योगिनी एकादशी |
15 जून, गुरुवार | मिथुन संक्रांति |
16 जून, शुक्रवार | मासिक शिवरात्रि |
20 जून, मंगलवार | जगन्नाथ रथयात्रा |
29 जून, गुरुवार | देवशयनी एकादशी / आषाढ़ी एकादशी |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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3 जुलाई, सोमवार | गुरु पूर्णिमा/आषाढ़ पूर्णिमा |
6 जुलाई, गुरुवार | संकष्टी चतुर्थी |
13 जुलाई, गुरुवार | कामिका एकादशी |
15 जुलाई, शनिवार | मासिक शिवरात्रि |
16 जुलाई, रविवार | कर्क संक्रांति |
17 जुलाई, सोमवार | सोमवती अमावस्या |
29 जुलाई, शनिवार | पद्मिनी एकादशी |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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1 अगस्त, मंगलवार | श्रावण अधिक पूर्णिमा |
4 अगस्त, शुक्रवार | संकष्टी चतुर्थी |
12 अगस्त, शनिवार | परम एकादशी |
14 अगस्त, सोमवार | मासिक शिवरात्रि |
17 अगस्त, गुरुवार | सिंह संक्रांति |
19 अगस्त, शनिवार | हरियाली तीज |
21 अगस्त, सोमवार | नाग पंचमी |
25 अगस्त, शुक्रवार | वरलक्ष्मी व्रत |
27 अगस्त, रविवार | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
29 अगस्त, मंगलवार | ओणम/थिरुवोणम |
30 अगस्त, बुधवार | रक्षाबंधन |
31 अगस्त, गुरुवार | गायत्री जयंती |
31 अगस्त, गुरुवार | श्रावण पूर्णिमा |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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2 सितंबर, शनिवार | कजरी तीज |
3 सितंबर, रविवार | संकष्टी चतुर्थी |
6 सितंबर, बुधवार | जन्माष्टमी स्मार्त |
7 सितंबर, गुरुवार | जन्माष्टमी |
10 सितंबर, रविवार | अजा एकादशी |
13 सितंबर, बुधवार | मासिक शिवरात्रि |
14 सितंबर, गुरुवार | भाद्रपद अमावस्या |
17 सितंबर, रविवार | विश्वकर्मा पूजा/कन्या संक्रांति |
18 सितंबर, सोमवार | हरतालिका तीज |
19 सितंबर, मंगलवार | गणेश चतुर्थी |
20 सितंबर, बुधवार | ऋषि पंचमी |
23 सितंबर, शनिवार | राधा अष्टमी |
25 सितंबर, सोमवार | पार्श्व एकादशी |
26 सितंबर, मंगलवार | गौण पार्श्व एकादशी |
28 सितंबर, गुरुवार | गणेश विसर्जन |
28 सितंबर, गुरुवार | अनंत चतुर्दशी |
29 सितंबर, शुक्रवार | पितृपक्ष प्रारंभ |
29 सितंबर, शुक्रवार | भाद्रपद पूर्णिमा |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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2 अक्टूबर, सोमवार | संकष्टी चतुर्थी |
10 अक्टूबर, मंगलवार | इंदिरा एकादशी |
12 अक्टूबर, गुरुवार | मासिक शिवरात्रि |
14 अक्टूबर, शनिवार | सूर्य ग्रहण वलयाकार |
14 अक्टूबर, शनिवार | आश्विन अमावस्या |
15 अक्टूबर, रविवार | नवरात्रि प्रारंभ |
18 अक्टूबर, बुधवार | तुला संक्रांति |
20 अक्टूबर, शुक्रवार | सरस्वती आवाहन |
20 अक्टूबर, शुक्रवार | कल्पारंभ |
21 अक्टूबर, शनिवार | नवपत्रिका पूजा |
21 अक्टूबर, शनिवार | सरस्वती पूजा |
22 अक्टूबर, रविवार | दुर्गा अष्टमी |
23 अक्टूबर, सोमवार | दुर्गा महा नवमी पूजा |
24 अक्टूबर, मंगलवार | दशहरा/विजयादशमी |
25 अक्टूबर, बुधवार | पापांकुशा एकादशी |
28 अक्टूबर, शनिवार | कोजागरा पूजा |
28 अक्टूबर, शनिवार | शरद पूर्णिमा/आश्विना पूर्णिमा |
29 अक्टूबर, रविवार | चंद्र ग्रहण आंशिक |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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1 नवंबर, बुधवार | संकष्टी चतुर्थी |
1 नवंबर, बुधवार | करवा चौथ |
5 नवंबर, रविवार | अहोई अष्टमी |
9 नवंबर, गुरुवार | गोवत्स द्वादशी |
9 नवंबर, गुरुवार | रमा एकादशी |
10 नवंबर, शुक्रवार | धनतेरस |
11 नवंबर, शनिवार | काली चौदस |
11 नवंबर, शनिवार | मासिक शिवरात्रि |
12 नवंबर, रविवार | दिवाली/लक्ष्मी पूजा/ नरक चतुर्दशी |
14 नवंबर, मंगलवार | गोवर्धन पूजा |
17 नवंबर, शुक्रवार | वृश्चिक संक्रांति |
19 नवंबर, रविवार | छठ पूजा |
22 नवंबर, बुधवार | कंस वध |
23 नवंबर, गुरुवार | देवुत्थान एकादशी |
24 नवंबर, शुक्रवार | तुलसी विवाह |
27 नवंबर, सोमवार | कार्तिक पूर्णिमा |
दिन और दिनांक | त्यौहार |
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5 दिसंबर, मंगलवार | कालभैरव जयंती |
8 दिसंबर, शुक्रवार | उत्पन्ना एकादशी |
11 दिसंबर, सोमवार | मासिक शिवरात्रि |
16 दिसंबर, शनिवार | धनु संक्रांति |
17 दिसंबर, रविवार | विवाह पंचमी |
22 दिसंबर, शुक्रवार | गीता जयंती/मोक्षदा एकादशी |
23 दिसंबर, शनिवार | गौण मोक्षदा एकादशी |
26 दिसंबर, मंगलवार | दत्तात्रेय जयंती |
26 दिसंबर, मंगलवार | मार्गशीर्ष पूर्णिमा |
28 दिसंबर, शनिवार | संकष्टी चतुर्थी |
लूनिसोलर कैलेंडर के बाद, दूसरा हिंदू कैलेंडर ही है, जो पृथ्वी से सूर्य और समुद्र की गति पर अध्ययन करता है। साल 2023 में चंद्र महीनों की बात करें, तो वे तभी शुरु होंगे, जब चंद्रमा, सूर्य ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाएगा। इसके अलावा, हिंदू कैलेंडर 2023 में चंद्र दिन 30 हैं।
वहीं चंद्रमा की ढलती और घटती प्रकृति के कारण उसे दो भागों में विभाजित किया जाता है, चंद्रमा का घटता हुआ भाग अमावस्या के दिन छाने वाले अंधेरे की ओर इशारा करता है। जबकि चंद्रमा का बढ़ता यानी साफ भाग पूर्णिमा के उज्जवल दिनों को इंगित करता है। देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से भी 2023 के कैलेंडर को प्रभावित करते हैं। उत्तर भारत से महीने की शुरुआत पूर्णिमा से होती है। लेकिन दक्षिण भारतीयों के लिए इस दिन की शुरुआत एक दिन बाद होती है।
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जिस तरह चंद्र मास चंद्र चक्र पर निर्भर करता है, वैसे ही सौर महीने और दिन सूर्योदय पर निर्भर होते हैं। सौर महीने हिंदू राशियों पर निर्भर करते हैं। ये राशियां इस बात पर निर्भर करती हैं कि सूर्य ग्रह किन-किन अवधियों से होकर गुजरता है।
हिंदू कैलेंडर 2023 में सौर माह और दिन वह हैं, जिसे समूचे देश के लोगों द्वारा हिंदू कैलेंडर के एक हिस्से के रूप में माना जाता है। जिन्हें नागरिक महीनों के रूप में जाना जाता है। इस बीच चंद्रमा पक्ष त्यौहारों और क्षेत्रीय छुट्टियों का निर्धारण करता है।
हिंदू कैलेंडर ज्योतिषीय गणनाओं पर भी निर्भर करते हैं। इस कैलेंडर के प्रमुख पांच तत्व हैं:
योग: योगों को सूर्य और चंद्रमा ग्रह के विलीन देशांतर का हिस्सा माना जाता है। उनमें से प्रत्येक का माप लगभग 13° 20` है। ये योग हिंदू मूर्तियों और मानव स्वभाव के काफी समानांतर हैं।
करण: करण चंद्र पक्ष के आधे हिस्से को दिखाता है। योगों की तरह करण मानव व्यवहार के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।
नक्षत्र: नक्षत्र का अर्थ है चंद्रमा की कक्षा में पाए जाने वाले बिंदु हैं, जिनकी गणना 13°20` योग के समान है।
तिथि: तिथि वह समय है जब चंद्रमा सूर्य से अपने अंतराल को 12 डिग्री बढ़ा देता है। यह ठीक वही समय है जब चंद्रमा सूर्य ग्रह से पूर्व की ओर बढ़ना शुरू करता है और अमावस्या के बाद पहली तिथि समाप्त होती है।
वार: ज्योतिष में सप्ताह के दिनों के नाम ग्रह के नाम पर हैं जिन्हें रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि के नाम से जाना जाता हैं। जब चांद पूरी तरह छिप जाता है, तब अमावस्या और जब चांद पूर्ण होता है, तब पूर्णिमा होती है।
हिंदू पंचांग प्राचीन काल के कई विद्वानों का संयुक्त प्रयास है। दिलचस्प बात यह है कि इस शब्द का पहली बार उल्लेख वेदों में हुआ था। पंचांग का मौजूदा प्रारूप चंद्रमा और सूर्य चक्र से प्राप्त संयुक्त जानकारी को देखने पर काम करता है। इसी कारण से, यह हिंदू कैलेंडर लूनी-सोलर कैलेंडर है, जो भारतीय कैलेंडर को विभिन्न दिशाएं प्रदान करता है।
दिलचस्प बात यह है कि हिंदू कैलेंडर के कई रूप हैं। हालांकि, हम मुख्य रूप से लूनी-सोलर कैलेंडर के साथ हिंदू महीनों का पालन करते हैं। हिंदू कैलेंडर का महत्व पूरे वर्ष में त्यौहारों और अन्य आयोजनों का पता के लगाने से कहीं अधिक है।
हिंदू कैलेंडर 2023 वित्तीय वर्ष के बाद और शैक्षणिक वर्ष से पहले (लगभग 13 से 15 दिनों की देरी से) शुरू होता है। सूर्य माह को देखें, तो मेष माह में भी ऐसा ही होता है। हिंदू कैलेंडर 2023 में आप देखेंगे कि कभी-कभी एक महीना जोड़ा या घटाया जाता है। लेकिन ऐसा होने की संभावना बहुत कम होती है।
क्या घटनाओं और त्यौहारों को देखने के लिए हिंदू कैलेंडर सही है?
ग्रेगोरियन कैलेंडर के विपरीत, हिंदू कैलेंडर चंद्रमा चक्र और चंद्र महीनों और दिनों की अखंडता को बनाए रखता है। हर 32 से 33 महीनों में एक बार एक अतिरिक्त महीना भी इसमें जुड़ जाता है।
हिंदू कैलेंडर के चंद्र चक्र पर कौन-कौन से त्यौहार निर्भर करते हैं?
हिंदू कैलेंडर के चंद्र चक्र के आधार पर होली, गणेश चतुर्थी, दशहरा, दिवाली, महा शिवरात्रि आदि जैसे त्यौहार निर्भर होते हैं। ये त्यौहार हर साल चंद्रमा के चक्र के आधार पर बदलते हैं। हालांकि, कुछ उत्सवों में सूर्य भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हिंदू कैलेंडर में कभी-कभी तेरह महीने क्यों होते हैं?
हिन्दू पंचाग में साल में 12 महीने होते हैं, जिसका आधार चंद्रमा है और यह लगभग 354 दिनों का होता है। अंग्रेजी कैलेंडर भी 12 माह का होता हैं, जिसका आधार सूर्य है। यह लगभग 365 दिन, 6 घंटे का होता है। इस तरह हर साल हिन्दू और अंग्रेजी वर्षों के बीच करीब 11 दिन का फासला रह जाता है। प्रत्येक तीन साल में यह फासला एक महीने के बराबर हो जाता है। इस तरह हिंदू कैलेंडर में कभी-कभी तेरह महीने हो जाते हैं।
हिंदू पंचांग में मौजूद ऋतुएं के नाम क्या हैं?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार छह ऋतुएं होती हैं। ये हैं वसंत ऋतु (वसंत), ग्रीष्म ऋतु (गर्मी), वर्षा ऋतु (मानसून), शरद ऋतु (शरद ऋतु), हेमंत ऋतु (पूर्व-शीतकालीन) और शिशिर ऋतु (शीतकालीन)।
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