ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी के समय अष्टकूट मिलान में से सबसे बड़ा स्थान नाड़ी को दिया जाता है। साथ ही कुंडली मिलान के लिए प्रयोग की जाने वाली गुण मिलान की प्रक्रिया में बनने वाले दोषों में से नाड़ी दोष (Nadi Dosh) को ही सबसे अधिक अशुभ दोष माना जाता है, क्योंकि जिसके प्रभाव से वर-वधू दोनों में से एक अथवा दोनों की मृत्यु होने की संभावना होती है। इसीलिए अनेक ज्योतिषी जातक की कुंडली का मिलान करते समय नाड़ी दोष बनने पर लड़के तथा लड़की का विवाह करने से मना कर देते हैं।
ज्योतिष में नाड़ी दोष एक गंभीर दोष माना जाता है, जो कुंडली मिलान में बहुत महत्वपूर्ण होता है। बता दें कि यह दोष नाड़ी मिलान के दौरान दो व्यक्तियों के गुणों, स्वभाव, विचार और भावनाओं की मिलान करने के लिए उपयोग करने वाली तकनीक है। यह दोष एक गंभीर दोष माना जाता है, जो विवाह और संबंधों में असफलता का कारण बन सकता है। इस दोष का मूल कारण दो व्यक्तियों की नाड़ियों में अंतर होना होता है। चलिए जानते है कि जातक की कुंडली में कैसे बनता है यह दोष और इसके निवारण करने के उपाय।
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ज्योतिष के अनुसार यह जान लेना बहुत ज़रूरी है कि क्या नाड़ी दोष वास्तव में इतनी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है या फिर इस दोष के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर बताया जाता है। सबसे पहले इस बात कि जानकारी होनी चाहिए कि नाड़ी दोष वास्तव में होता क्या है? और ये दोष जातक की कुंडली में बनता कैसे है?
आपको बता दें कि गुण मिलान की प्रक्रिया में आठ कूटों का मिलान होता है, जिसे अष्टकूट मिलान भी कहा जाता है और ये आठ कूट वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी होते हैं।
ज्योतिष में नाड़ी दोष तीन प्रकार के होते हैं। इनमें से प्रत्येक एक व्यक्ति के जन्म कुंडली में नाड़ी दोष होने पर जीवनसाथी चुनने में मुश्किलों का सामना करता है। यह दोष के तीन प्रकार हैं:
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ज्योतिष शास्त्र में नाड़ी मिलान विवाह के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे गुण मिलान भी कहा जाता है। यह ज्योतिष के अनुसार दो व्यक्तियों के जन्म कुंडली में मौजूद नाड़ियों के मिलान के आधार पर किया जाता है। ज्योतिष में माना जाता है कि दो व्यक्तियों की जन्म कुंडली में नाड़ियों के मिलान से उनके विवाह के बाद की जीवन की गुणवत्ता और खुशहाली का अंदाजा लगाया जा सकता है। साथ ही नाड़ी मिलान द्वारा दो व्यक्तियों के जीवन में आने वाली समस्याओं और अधिकतम संभावित समस्याओं का भी पता चलता है। इसलिए नाड़ी मिलान विवाह के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
अधिकतर ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि अगर विवाह के समय नाड़ी मिलान में कुछ दोष होते हैं, तो इससे विवाहित जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए नाड़ी मिलान का महत्व बहुत अधिक होता है। इसके अलावा, नाड़ी मिलान के माध्यम से विवाह करने वाले जोड़े के बीच साझेदारी का भी अनुमान लगाया जाता हैं।
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विवाह से पहले लड़का और लड़की की कुंडली मिलान की प्रक्रिया के तहत ही उनके गुणों का मिलान भी किया जाता है, जिसे मेलापक मिलान नाम से भी जाना जाता है। साथ ही आठ बिंदुओं के आधार पर वर-वधू के गुणों का मिलान किया जाता है। बता दें कि इन गुणों के कुल 36 अंक होते हैं। इनमें से सुखद विवाह के लिए आधे यानि 18 गुणों का मिलना बहुत आवश्यक होता है और इनमें नाड़ी दोष नहीं होना चाहिए।
जातक के गुण मिलान के दौरान जो आठ बिंदु होते हैं, उन्हें कूट या अष्टकूट कहा जाता है और ये आठ कूट वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी होते है। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्रमा की किसी नक्षत्र विशेष में उपस्थिति से उस जातक की नाड़ी का पता लगाया जाता है। वहीं कुल 27 नक्षत्रों में से नौ नक्षत्रों में चंद्रमा के होने से जातक की कोई एक नाड़ी होती है।
व्यक्ति की कुंडली में नाड़ी दोष उत्पन्न होने के कई कारण होते हैं। नाड़ी दोष उत्पन्न होने का मुख्य कारण दो जातकों की जन्म नाड़ी की असमानता को माना जाता है। साथ ही नाड़ी की असमानता उत्पन्न होती है, क्योंकि जब दो जातक एक दूसरे से विवाह करने के लिए मिलते हैं, तो उनकी जन्म कुंडलियों में नाड़ियों की स्थिति एक दूसरे से अलग-अलग होती है।
जब दो जातकों के बीच नाड़ी दोष होता है, तो उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। यह समस्याएं असंतुलित भावनाएं, आर्थिक समस्याएं, स्वास्थ्य समस्याएं और सम्बंधों में असफलता हो सकती हैं।
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नाड़ी दोष जातक के जीवन पर असर डाल सकता है। यह दोष जातक के संबंधों, व्यवसाय, स्वास्थ्य और विवाह आदि में असंतुलितता ला सकता है। इस दोष के कुछ प्रभाव निम्नलिखित हैं:
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यह अशुभ दोष एक ज्योतिषीय विशेषण है, जिसे कुंडली विश्लेषण के दौरान देखा जाता है। इस दोष के कारण आपके जीवन में समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, धन संबंधी मुद्दे, परिवार में संघर्ष और अन्य समस्याएं। यहां कुछ ज्योतिष उपाय हैं, जो आपको नाड़ी दोष से बचने में मदद कर सकते हैं:
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